एक साझा बयान में बताया गया कि दोनों कंपनियों के बोर्ड ने सर्वसम्मति से इस सौदे को सहमति दी है और ये इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में पूरा हो जाएगा। इस साल की शुरुआत में मोटरोला दो अलग-अलग कंपनियों में बँट गई थी। मोबिलिटी एक तरफ़ मोबाइल फ़ोन बनाती है तो दूसरी ओर मोटरोला सॉल्यूशंस कॉरपोरेट ग्राहकों और सरकारों के लिए व्यापक पैमाने पर प्रौद्योगिकी का काम देख रही है.

इस घोषणा के बाद मोटरोला मोबिलिटी के शेयरों में न्यूयॉर्क में शुरुआती व्यापार में 57 प्रतिशत का उछाल आया जबकि गूगल के शेयरों में मामूली गिरावट देखी गई। गूगल का कहना है कि वह मोबिलिटी को एक अलग बिज़नेस के तौर पर चलाना जारी रखेगा.

'फ़ायदेमंद सौदा'

गूगल के मुख्य कार्यकारी लैरी पेज ने कहा, "मोटरोला मोबिलिटी ने गूगल के ऑपरेटिंग सिस्टम ऐंड्रॉयड के प्रति जो प्रतिबद्धता दिखाई है उससे हमारी दोनों कंपनियों का एक साथ आना स्वाभाविक है." वहीं मोबिलिटी के मुख्य कार्यकारी संजय झा ने कहा, "ये सौदा हमारे भागीदारों के लिए काफ़ी अच्छा है और हमारे कर्मचारियों, ग्राहकों तथा साझीदारों को इससे काफ़ी नए अवसर मिलेंगे." वैसे ये सौदा शेयरधारकों और नियामक संस्था की सहमति के बाद ही अस्तित्व में आएगा.

मोटरोला एक समय दुनिया का सबसे सफल मोबाइल फ़ोन निर्माता था मगर उसके बाद से ऐपल, सैमसंग और एचटीसी जैसी कंपनियों के आगे आने से वह कहीं पिछड़ गया है। उसके कई हैंडसेट अभी गूगल के ऑपरेटिंग सिस्टम ऐंड्रॉयड का इस्तेमाल करता है.

International News inextlive from World News Desk