लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के लगभग 1.13 लाख प्राथमिक विद्यालयों में रजिस्टर्ड एक करोड़ से अधिक बच्चे अब Google के 'बोलो' ऐप का उपयोग करके हिंदी और अंग्रेजी दोनों में अपना उच्चारण सुधार सकेंगे। यह ऐप मार्च 2019 में भारत में लॉन्च किया गया था। यह गूगल की स्पीच रिकग्निशन और टेक्स्ट-टू-स्पीच टेक्नॉलजी को यूज करता है। खास बात तो यह है कि इसमें एक एनिमेटेड कैरेक्टर 'दीया' है, जो बच्चों को कहानियों को जोर से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके साथ ही अगर बच्चे को किसी शब्द का उच्चारण करने में दिक्कत आती तो यह मदद करता है। वहीं पूरी रीडिंग खत्म करने के बाद ऐप बच्चों की तारीफ भी करता है।

प्ले स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता

स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग (एसईईएमएटी) के निदेशक संजय सिन्हा ने कहा कि ऐप को प्राथमिक ग्रेड के बच्चों के लिए बनाया गया है, जिनकी उम्र छह से 11 साल के बीच है। 'बोलो' उनके अंग्रेजी और हिंदी पढ़ने के कौशल, दोनों को जोर से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उन्हें बेहतर बनाने में मदद करता है। ऐप तुरंत प्रतिक्रिया भी देता है। बोलो 'वास्तव में एंड्रॉइड-बेस्डस्मार्टफोन्स के लिए एक रीड-अप ऐप या स्पीच-बेस्ड, रीडिंग-ट्यूटर ऐप है। इसे गूगल प्ले स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। संजय सिन्हा ने आगे कहा कि ऐप शिक्षकों को भी मदद करेगा जहां वे किसी हिंदी या अंग्रेजी शब्द के उच्चारण को लेकर संशय में हों।

अधिकारियों ने गूगल के साथ एक समझौता किया

सरकारी प्राथमिक स्कूलों में इसकी शुरुआत के लिए समरक्षण अभियान परियोजना के अधिकारियों ने गूगल के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत उन बच्चों के माता-पिता जिनके पास स्मार्टफोन हैं, उन्हें भी बच्चों की मदद करने के लिए घर पर ऐप का उपयोग करने के लिए शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। एसआरजी के सदस्य, प्रमुख संसाधन व्यक्ति (केआरपी) और शैक्षणिक संसाधन व्यक्ति (एआरपी) राज्य के लगभग 5.5 लाख प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों, सहायक अध्यापकों, शिक्षा मित्र और विषय प्रशिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं। वह ऑफलाइन भी काम कर सकता है और उसे सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता नहीं है।

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