नई दिल्ली (आईएएनएस)। ऑनलाइन क्लास के दौरान बच्चे अक्सर अपने स्मार्टफोन को शेयर करते हैं या फिर सोशल डिस्टेंसिंग के समय फ्रैंड्स के साथ ऑनलाइन चैट करते हैं। ऐसे में कहीं आपकी डिवाइस में मौजूद डेटा चोरी न हो जाए इस खतरे से बचने के लिए गूगल ने अपने फाइल एप में सेफ फोल्डर नामक एक नई सुविधा शुरू की है। 'सेफ फोल्डर 'एक सुरक्षित, 4-अंकों वाला पिन एन्क्रिप्टेड फोल्डर है जो महत्वपूर्ण दस्तावेजों, तस्वीरों, वीडियो और ऑडियो फाइलों को दूसरों द्वारा खोले या एक्सेस किए जाने से बचाता है।

पिन नंबर से है पूरा सिक्योर
Google ने कहा कि जैसे ही आप फाइल एप्लिकेशन से दूर जाते हैं, तो फोल्डर सुरक्षित रूप से लॉक हो जाता है। ऐसे में अब एप बैकग्राउंड में होता है, तो उसकी कोई भी सामग्री एक्सेस नहीं की जा सकती। कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसमें डबल सिक्योरिटी की गई है। यूजर जब दोबारा एप्लीकेशन खोलेगा तो उसको फिर से अपना पिन नंबर डालना होगा। यहां तक ​​कि जो लोग डिवाइस शेयर नहीं करते हैं, वे सबसे महत्वपूर्ण फाइलों को सुरक्षित रखने से भी लाभान्वित हो सकते हैं।"

जानें क्या है 'फाइल एप'
गूगल ने अपने इस 'फाइल एप' को 2017 में लाॅन्च किया था। दुनिया भर में इस एप के करीब 150 मिलियन यूजर्स हैं। लाॅन्च के बाद अब तक इस एप के जरिए करीब 1 ट्रिलियन फाइल को डिजिटली डिलीट किया जा चुका है। अगर आप इन जंक फाइल, डुप्लीकेट और पुरानी मीम को मैनुअली रिमूव करते तो करीब 30 हजार साल लग जाते। इस फाइल एप के जरिए हर सेकेंड 12 जीबी स्पेस को फ्री किया जा सकता है, जोकि पांच हजार फोटो प्रति सेकेंड डिलीट करने के बराबर है।

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