- फातिमा बाईपास के पास देर रात टूटा एलटी लाइन का तार

- आधे घंटे तक दौड़ता रहा करंट, बिजली विभाग ने नहीं ली सुधि

- एक घंटे बाद उपकेंद्र को सूचना देने पर काटी गई बिजली

GORAKHPUR: बिजली कंज्यूमर्स की समस्याएं दूर कराने के निर्देशों की बिजली अधिकारी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। लापरवाही का आलम ये कि पब्लिक की समस्या सुनने के लिए विभाग के जेई व एसडीओ को मिल सीयूजी नंबर पर कभी रिस्पॉन्स ही नहीं मिलता। जबकि इन सीयूजी नंबर्स पर लगातार फॉल्ट, बिजली कटौती और तार टूटने की सूचनाएं रिसीव की जानी हैं। लेकिन हकीकत ये है कि कंज्यूमर्स घंटी बजाते रहते हैं लेकिन कोई रिस्पॉन्स ही नहीं मिलता। गुरुवार देर रात भी लापरवाही का यही हाल देखने मिला। फातिमा बाईपास के पास देर रात एलटी लाइन का तार टूट गया। आधे घंटे तक सड़क पर पड़े तार में करंट दौड़ता रहा लेकिन पब्लिक द्वारा कॉल करने के बावजूद बिजली विभाग के जिम्मेदारों ने सुधि नहीं ली। एक घंटे बाद उपकेंद्र को सूचना देने पर बिजली काटी गई।

करते रहे कॉल, नहीं मिला रिस्पॉन्स

फातिमा बाईपास स्थित मानस विहार कॉलोनी में गुरुवार रात करीब 10.30 बजे एलटी लाइन का तार टूट कर सड़क पर गिर गया। लोगों ने बिजली विभाग के जेई के सीयूजी नंबर पर कॉल किया लेकिन नंबर स्विच ऑफ मिला। एसडीओ और एक्सईएन के नंबर पर भी कॉल किया गया लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। आधे घंटे तक तार में करंट दौड़ता रहा। मोहल्ले के लोग दहशत में थे। किसी तरह पादरी बाजार उपकेंद्र को सूचना दी गई तब जाकर लाइन काटी जा सकी।

एक घंटे ठप रही सप्लाई

इस बीच एरिया में बिजली सप्लाई ठप होने से लोग उमस भरी गर्मी से बेहाल रहे। एक घंटे बाद पहुंचे बिजली कर्मियों ने तार को जोड़ा तब जाकर सप्लाई शुरू की गई।

कोट्स

रात में अचानक बत्ती गुल हो गई। घर से बाहर निकला तो पता चला कि तार टूट कर सड़क पर गिर गया है। जेई और एसडीओ के सीयूजी नंबर पर कॉल किया तो रिस्पॉन्स नहीं मिला।

बबलू

बिजली विभाग कंज्यूमर्स को बेहतर सुविधा देने का दावा करता है मगर यह सिर्फ कहने की बात है। कटौती और फॉल्ट होने से लाइट गुल हो जाती है। इसकी सूचना देने के लिए सीयूजी पर कॉल करने के बाद भी कोई नहीं सुनता।

मिन्टू तिवारी

शाम होते ही एरिया के जेई का सीयूजी नंबर स्विच ऑफ हो जाता है। अन्य अधिकारी भी आराम फरमाते हैं और कंज्यूमर्स को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

अजय राज

रात में सड़क पर तार टूट कर गिरा था। शटडाउन लेने के लिए कई बार अधिकारियों को कॉल किया गया लेकिन रिस्पॉन्स नहीं मिला।

जुगानी सिंह

वर्जन

यह गंभीर मामला है। अगर कोई भी अधिकारी अपना सीयूजी नहीं उठाता है तो इसकी शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- देवेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर