-कंटामिनेटेड फूड और वॉटर को पीने से हो रही है बीमारी
-जगह-जगह पाइपलाइन टूटने के बाद नहीं हो पा रही है दुरुस्त
-स्वास्थ्य विभाग चलाएगा सिर्फ अवेयरनेस कैंपेन
GORAKHPUR: मानूसन की दस्तक होने वाली है। अब लगातार बारिश के बाद मौसम यू-टर्न लेगा। इसके साथ बीमारियों की दस्तक भी होगी। बीमारी के इस सीजन में टाइफाइड भी दस्तक देने के लिए तैयार है। हाल के दिनों में गर्मी और उमस के साथ हल्की-फुल्की बारिश से इसके केसेज अस्पताल तक पहुंचने लगे हैं। अगर आप या कोई दूसरा जानने वाला भी इस बीमारी की चपेट में आए, तो बजाए सरकारी महकमें पर भरोसा करने के आप खुद इसकी तैयारी कर लें। ऐसा इसलिए कि विभाग अभी नियंत्रण के बजाए सिर्फ इन बीमारियों के प्रति लोगों को अवेयर करने की तैयारी में है। अगर आप वहां पहुंचे तो आपका इलाज तो हो जाएगा, लेकिन भारी भीड़ से निपटने के लिए आपको तैयार रहना होगा।
लिमिटेड डॉक्टर, बेहिसाब पेशेंट्स
गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स और मेडिकल कॉलेज की बात करें तो यहां लोगों को इलाज तो मिल जाएगा, लेकिन वह किस दर्जे का होगा या डॉक्टर पेशेंट्स को कितना समय देंगे, इसके बारे में कुछ कहना मुश्किल है। ऐसा इसलिए कि सिर्फ डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इन दिनों 15 सौ से ज्यादा की ओपीडी है, इसमें भी सबसे ज्यादा फिजिशियन के पास भीड़ पहुंचती। अपने अटेंडेंट के साथ मिलकर फिजिशियन बमुश्किल सारी भीड़ निपटा पाता है। ऐसे में अगर आप भी विभाग के भरोसे हैं, तो निश्चित तौर पर आपको मुसीबत फेस करनी पड़ेगी।
30 परसेंट बढ़ जाते हैं केस
यूं तो टाइफाइड के केस साल भर आते हैं, लेकिन बारिश के दौरान इसके वायरस सलमोनेला काफी एक्टिव हो जाते हैं। बरसात के दिनों में यह डिजीज कम्युनिकेबल हो जाती है, जिससे पेशेंट्स की तादाद करीब 3- परसेंट तक बढ़ जाती है। यह कंटामिनेटेड फूड के साथ ही पानी और ओरोफीकल रूट के जरिए ह्यूमन बॉडी में एंट्री करते हैं और लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनते हैं। यह इंफेक्शन के जरिए होती है, इसलिए बॉडी के किसी भी पार्ट में यह वायरस पहुंच जाता है, जो कई बीमारियां बॉडी में फैला देता है।
यह है टाइफाइड की पहचान
- मरीज को तेज बुखार
- रेग्युलर इंटरवल पर चढ़ना और उतरना
- पेट में दर्द बने रहना
- उल्टी और सिर में दर्द
- शरीर में अकड़न
- पेट में स्वैलिंग
इन अंगों के नुकसान -
पेट
आंत
हार्ट
फेफड़े
पेनक्रियाज
किडनी
यूरिनरी ब्लैडर
ब्रेन
हो सकती हैं यह बीमारियां
- लीवर में स्वैलिंग
- मेनेंनजाइटिस
- इंफेक्शन इन लीवर
- इंफेक्शन इन पेनक्रियाज
- साइकोटिक एनीमिया
टाइफाइड से बचने के लिए यह करें उपाय
- शुद्ध पानी पीना चाहिए।
- हफ्ते भर से बुखार है तो जांच कराएं
- बासी और ठंडा खाना नहीं खाएं।
- खाना खाने से पहले हाथ साफ करें।
- ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट का इस्तेमाल करें।
- बाहरी चीजों को खाने से परहेज करें।
- पीने का पानी ब्वॉयल करने के बाद इसे ठंडा कर पीएं
यह इंफेक्शस डिजीज है, जो बरसात के दिनों में 30 परसेंट तक बढ़ जाती है। इस दौरान यह मैन टू मैन सर्कुलेट होती है, इसलिए जहां तक पॉसिबल हो अफेक्टेड पेशेंट के कॉन्टैक्ट में आने से बचें। बाहरी चीजों को बिल्कुल न छुएं और हाईजीन मेनटेन करें।
- डॉ। संदीप श्रीवास्तव, फिजिशियन
संचारी रोग पखवाड़ा शुरू होने वाला है। इस दौरान आशा और एएनएम घर-घर जाकर लोगों को अवेयर करेंगी और लोगों को वॉटर बॉर्न और इंफेक्शस डिजीज से बचने के टिप्स भी देंगी। अस्पतालों में भी इलाज की तैयारी है।
- एसके तिवारी, सीएमओ, गोरखपुर