- मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए दिए वायरस की रोकथाम के टिप्स

- सैंपल कलेक्शन के साथ ही एनआईवी को भेजने के बताए गए तरीके

- कीवेट और ऊंट के जरिए ट्रांसमिट हो चुका है 'कोरोना'

- आईसीएमआर की एडवाइजरी के बाद आरसीएमआर गोरखपुर भी तैयार

GORAKHPUR: कोरोना वायरस की दहशत पूरी दुनिया में है। सभी जगहों पर तरह-तरह के जरूरी प्रिकॉशन और रोकथाम के तौर तरीके भी अपनाए जा रहे हैं। इस सीरीज में गुरुवार को कोरोना वायरस को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई। इसमें सभी 75 जिलों को अलर्ट करते हुए चिकित्सा शिक्षा सचिव ने एयरपोर्ट पर अलर्ट रखने के साथ ही इंडो-नेपाल बॉर्डर से जुड़े इलाकों से जुड़े जिम्मेदारों को आने वाले लोगों पर खास निगरानी रखने की हिदायत दी है। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि सभी को निर्देशित किया गया है कि अगर जिले में कोई सस्पेक्टेड केस मिलता है, तो उसका सैंपल कैसे कलेक्ट करना है, उसको एनआईवी पुणे कैसे भेजना है, इसकी भी जानकारी वीडियो के जरिए दी गई।

पहले भी मिल चुका है कोरोना

कोरोना वायरस कोई नया नहीं है, इससे पहले भी कई कोरोना वायरस मिल चुके हैं, लेकिन इन्होंने ज्यादातर जानवरों को ही नुकसान पहुंचाया है। ह्यूमन में सिर्फ यह दो जानवरों के जरिए फैला है, वह है कीवेट और ऊंट। इसके अलावा कई जानवरों में डिफरेंट स्पीशीज के नोरावायरस डायग्नोज हुए हैं, लेकिन सिर्फ दो वायरस SARS-CoV, MERS-CoV को छोड़कर किसी ने भी ह्यूमन बॉडी को इनफेक्ट नहीं किया है। वहीं फिलहाल सामने आ रहे nCoV केसेज की बात करें तो अब तक एक भी केस पॉजिटिव नहीं पाया गया है।

49 सैंपल की जांच में एक पॉजिटिव

आरसीएमआर के डायरेक्टर डॉ। रजनीकांत श्रीवास्तव की मानें तो गोरखपुर और आसपास में अब तक कोई सस्पेक्टेड केस सामने नहीं आया है। जो भी केस आ रहे हैं, उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे की लैब में जांच के लिए भेजा जा रहा है। महराजगंज का केस भी पुणे भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक जितने भी सस्पेक्टेड सैंपल लैब में पहुंचे हैं, उसमें गुरुवार को पहला पॉजिटिव केस मिला है। जिसे भी इंफेक्शन की शिकायत मिल रही है, उनके सैंपल कलेक्ट कर लैब भेजा जा रहा है।

अवेयरेनस की तैयारी में आईसीएमआर

गोरखपुर ही नहीं, देश के सभी शहरों में कोरोना वायरस को लेकर दहशत फैली हुई है। इसकी वजह से इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) भी लोगों को अवेयर करने की तैयारी में जुट गया है। डॉ। रजनीकांत ने बताया कि हम आईसीएमआर के रेग्युलर कॉन्टैक्ट में हैं। आईसीएमआर अवेयरनेस के लिए खास शॉर्ट फिल्म बना रहा है, जिसके जरिए लोगों को इसके सिंप्टम्स और बचने के तौर-तरीके बताए जा सकें। वहीं एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनर्स भी लगाए जा रहे हैं और इंफेक्शन की जरा सी भी शिकायत पर उनकी जांच की जा रही है, जिससे कि किसी भी हाल में इसका वायरस यहां फैल सके।

क्या है कोरोना वायरस?

कोरोना असल में वायरसों का एक बड़ा ग्रुप है, जो जानवरों में आम है। कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। इसके इंफेक्शन से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी प्रॉब्लम हो जाती हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है।

कैसे फैलता है?

- डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस जानवरों से ह्यूमनबींग में फैला है।

- माना जा रहा है कि 2019-सीओवी सीफूड यानि समुद्री जीव खाने से फैला था, लेकिन अब कोरोना वायरस पर्सन टू पर्सन फैल रहा है।

- यह कोरोना वायरस से इंफेक्टेड किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है।

- खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम की वजह बन सकता है।

- किसी इंफेक्टेड पर्सन के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का इंफेक्शन हो सकता है।

कोरोना वायरस के लक्षण

- बुखार आना

- सिरदर्द

- नाक बहना

- खांसी

- गले में खराश

- फेफड़ों में सूजन

- छींक आना

- आंख-नाक से पानी

- हाथों पैरों में अकड़न

- सीवियर इंफेक्शन से निमोनिया

- सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम

- किडनी फेल्योर

क्या करें

- अपने हाथ साबुन और पानी से बार बार साफ करें और हाईजीन मेनटेन रखें।

- खांसते या छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें।

- जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें।

- बिना हाथ धोए अपनी आंख, मुंह और नाक को न छूएं।

- मांस, मछली और अंडों को अच्छे से पकाएं।

- सब्जी को खूब धो कर अच्छे से पकाएं।

- ज्यादा से ज्यादा विटामिन-सी संबंधित मौसमी फल खाएं।

हेल्थ डिपार्टमेंट ने शुरू किया अवेयरनेस कैंपेन

गोरखपुर में हेल्थ डिपार्टमेंट ने अवेयरनेस कैंपेन शुरू कर दिया है। एयरपोर्ट पर अवेयरनेस के लिए पोस्टर्स और स्टैंडीज लगा दी गई है, वहीं इन पर हेल्पलाइन नंबर 0551-2225145, 8005192660 भी डिस्प्ले कर दिया गया है। साथ ही मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में आईसोलेशन वार्ड भी बनाए गए हैं, ताकि मरीज को वहां एडमिट किया जा सके और बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके।

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर हों कोरोना को रोकने के इंतजाम

चीन में फैले सार्स से भारत को बचाने के लिए इंडो-नेपाल बॉर्डर पर हेल्थ चेक पोस्ट व आईसोलेशन वार्ड बनाया जाए। चेकिंग तो हो रही है, लेकिन आईसोलेशन वार्ड व नमूने लिए जाने के इंतजाम नहीं हो पाए हैं। यह मांग मिशन सेव इन इंडिया के डॉ। आरएन सिंह ने की है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर तो एक या दो फ्लाइट एक निश्चित समय पर अती है। वहां आसानी से जांच व आईसोलेशन हो जाता है, लेकिन लैंड-पोर्ट पर दिन रात आवागमन चालू रहता है। यह करोना से संक्रमण को रोकने का ज्यादा संवेदनशील व महत्वपूर्ण पोर्ट ऑफ एंट्री है। इसलिए यहां भी जरूरी इंतेजाम किए जाने चाहिए।

वर्जन

डायरेक्टर एनआईवी के मुताबिक नोरोवायरस सस्पेक्टेड के करीब 49 सैंपल की जांच की गई है, इसमें एक पॉजिटिव केस मिला है। सैंपल का नेक्स्ट जनरेशन सीक्वेंसिंग टेस्ट के लिए भेजा गया है। वहीं अब रोजाना 9-10 सैंपल इंस्टीट्यूट में रोजाना पहुंच रहे हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

- सैयद आदिल शमीम, पीआरओ, आईसीएमआर