-बाहर से वापस लौटे श्रमिकों को राहत देने की तैयारी में शहर के इंडस्ट्रियलिस्ट

-इंडस्ट्रीज पकड़ेगी रफ्तार, अब और खुलने की उम्मीद

GORAKHPUR: गोरखपुर में प्रवासियों के लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। वैश्विक महामारी कोरोना के बीच हुए चार फेज के लॉकडाउन में मजदूर और कामगारों के सब्र का बांध टूट गया। कोरोना के खौफ के बीच मजदूरों का पलायन शुरू हो गया। जो भी साधन मिला, उससे वह अपने घरों को लौटने लगे। लाखों मजदूर पैदल और साइकिल के जरिए हजारों किलोमीटर का सफर कर घर और गांव को लौटे। अब घर पहुंचने के बाद न तो उनके पास काम रह गया और न ही परिवार चलाने के लिए हाथ में रुपए। ऐसे हालात में अब गोरखपुर के इंडस्ट्रियलिस्ट ने कदम आगे बढ़ाया है। गोरखपुर के लोकल लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके, इसके लिए उन्होंने अपनी बाहें फैला दी हैं। इस फैसले से जहां गोरखपुर के विकास को रफ्तार मिलेगी, वहीं दूसरी ओर बाहर से आने वाले मजदूर को घर के पास ही रोजगार मिलेगा और फैमिली की खुशियां दोगुनी हो सकेंगी।

टैलेंट पास, तो न हों निराश

गोरखपुर के इंडस्ट्रियलिस्ट इस टफ सिचुएशन में लोगों के लिए मसीहा बन रहे हैं। जहां कुछ फैक्ट्रीज में गोरखपुर और आसपास से आने वाले लोगों को रोजगार मिलने लगा है, तो वहीं कुछ नए रोजगार सृजित करने की तैयारी में हैं। इसके लिए जरूरी होगा हुनर। अगर लौटने वाले श्रमिकों के पास हुनर है, तो यहां पर उनकी फैमिली के आब-दाने को कोई नहीं रोक पाएगा। टेक्निकल से लेकर फिजिकल वर्क करने वाले सभी को काम करने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं, गोरखपुर में उनके ग्रोथ के चांसेज भी खूब हैं। ऐसा इसलिए कि यहां भी अब ढेरों कंपनियां डेरा डालने के लिए तैयार हैं। वहीं गोरखपुर का विकास होने से यहां रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।

वर्जन

गोरखपुर के लोकल लोगों को रोजगार देने में प्रियॉरिटी दी जा रही है। अगर किसी के पास टैलेंट है और वह अच्छा काम जानता है, तो उसे यकीनन रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

- चंद्र प्रकाश अग्रवाल, चेयरमैन एंड एमडी, गैलेंट इंडस्ट्रीज

लोकल मजदूरों को रोजगार देना उद्यमियों की प्राथमिकता है। लेकिन इसके लिए प्रशासन को भी पहल करनी होगी। वह इंडस्ट्रीज में काम करने वाले दूसरे वर्कर्स की सुरक्षा के मद्देनजर नए लेबर्स का हेल्थ चेकअप कराएं, जिससे कि सभी सेफ रह सकें।

प्रवीण मोदी, महासचिव, चैंबर्स ऑफ इंडस्ट्री

श्रमिकों का दर्द हमसे छिपा नहीं है। वह किस हाल में अपनी फैमिली से दूर रहकर उनके लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते हैं। लोकल रहने वालों को रोजगार देने में प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उन्हें फिर परदेस वापस न जाना पड़े।

- फैजान अहमद, डायरेक्टर, स्पलाइस प्लाई फैक्ट्री

फैक्ट्री में पहले भी लोकल मजदूरों को हमेशा रोजदार दिया गया है। आज भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके, यही प्राथमिकता है। श्रमिकों को अब दोबारा लौटना न पड़े, यही कोशिश है।

- अमरदीप गोयल, इंडस्ट्रियलिस्ट