- सचिव ने जारी की जल्द से जल्द डिसइंफेक्ट करने से जुड़ी गाइडलाइन

- ब्लीचिंग पाउडर और सोडियम हाइपोक्लोराइड से सफाई की बताई तरकीब

GORAKHPUR: लॉकडाउन-2 की समयसीमा खत्म होने में अब महज कुछ दिन बचे हुए हैं। लोग अभी भी पशोपेश में हैं कि क्या वाकई इस बार भी लॉकडाउन खत्म हो जाएगा और हम दोबारा पहले जैसी जिंदगी जी सकेंगे, या हमें फिर इसी तरह कुछ दिन और ऐसे ही गुजारने पड़ेंगे। गोरखपुर समेत आसपास में कुछ जगहों पर पॉजिटिव केस मिलने के बाद लॉकडाउन बढ़ने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। चूंकि शहर में अभी कोई भी केस नहीं है, ऐसे में अगर एक बार मान लिया जाए कि गोरखपुर में कुछ शर्तो के साथ लोगों को ढील मिल सकती है, तो सोशल डिस्टेंसिंग को मेनटेन रखना और गोरखपुर के सभी एरियाज को सेनिटाइज करना गोरखपुर के लिए बड़ा चैलेंज होगा।

तैयारी में निगम

गोरखपुर के निगमकर्मियों को साजो-सामान मुहैया करा दिए गए हैं, वहीं उनको साफ निर्देशित किया गया है कि अगर वह सफाई के किसी भी टास्क पर जाएंगे, तो अपने किट में होंगे। किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य ने आसान तरीके से सेनिटाइजेशन को लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की है, जिसके तहत ब्लीचिंग पाउडर व सोडियम हाइपोक्लोराइड से सफाई किस तरह की जाए, इसकी तरकीब बताई गई है। इसमें सरकारी व निजी संस्थानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक स्थलों की आसान तरीके से सफाई करने के लिए तौर-तरीके बताए गए हैं। इससे साफ है कि लॉकडाउन में गवर्नमेंट कुछ छूट देने की तैयारी में है, जिसकी वजह से सार्वजनिक स्पॉट्स को किस तरह से सेनिटाइज रखा जाए, इसके टिप्स दिए जा रहे हैं।

खुद ही लें प्रिकॉशन

लॉकडाउन खत्म हो जाए या फिर इसमें छूट मिल जाए, दोनों ही कंडीशन में पब्लिक की हेल्थ उन्हीं के हाथ में है। अभी जिम्मेदारों के पास व्यवस्था से निपटने के लिए जरूरी संसाधनों की काफी कमी है इसलिए लॉक डाउन खुलने के बाद भी जरूरी काम से ही घर से निकलें। अगर बहुत जरूरी है और बाहर निकल रहे हैं, तो इस कंडीशन में मास्क का इस्तेमाल करें और सेनिटाइजर पास रखें। अगर मास्क नहीं है, तो गमछा या रुमाल का इस्तेमाल करें। सोशल डिसटेंस मेनटेन रखें और भीड़-भाड़ में जाना अवॉयड करें। जब काम हो जाए, तो फौरन वापस लौट आएं और घर आने के बाद बाहर ही खुद को सेनिटाइज कर लें। हाथ-मुंह धोने के बाद ही घर में एंट्री करें। नहाने के बाद ही कोई दूसरा काम शुरू करें। अगर यह सब प्रिकॉशन बरते जाएं, तो काफी हद तक बचाव किया जा सकता है और कोरोना के कहर से बचा जा सकता है।

यह भी बताए हैं तरीके

- कोरोना वायरस खांसी-छींक आदि के साथ निकली छोटी-छोटी बूंदों और उससे संक्रमित सतहों को डिसइंफेक्ट कर इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।

- बाजार में मिलने वाले ब्लीचिंग पाउडर के घोल से संक्रमित सतह को डिसइंफेक्ट किया जा सकता है।

- जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार दो प्रतिशत ब्लीचिंग घोल बनाने के लिए 60 ग्राम या फिर 12 चम्मच ब्लीचिंग पाउडर थोड़े से पानी के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार किया जाता है।

- फिर इसे एक लीटर पानी के साथ अच्छी तरह मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।

- इस घोल को तीन घंटे इस्तेमाल किया जा सकता है। फिर इसके बाद सैनिटाइजेशन के लिए नया घोल बनाना होगा।

- हाथों की सुरक्षा के लिए घोल बनाने वाले व्यक्ति को रबर के दस्ताने, मास्क व एप्रेन जरूर पहनना चाहिए।

- कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में नल की टोटियां, दरवाजे का हैंडिल, फोन व लिफ्ट के बटन और सभी काउंटर को हर घंटे साफ करें।

- अगर कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आया कोई व्यक्ति कॉमर्शियल जगह घूमा हो तो उस स्थान को तीन दिन तक बंद करें और तीन दिन तक हर छह घंटे में डिसइंफेक्ट करें।

- बस स्टेशन, मैट्रो स्टेशन व सार्वजनिक परिवहन साधनों का एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइड या दो परसेंट ब्लीचिंग पाउडर से डिसइंफेक्शन किया जा रहा है।

- फर्श व दीवारों को सात फीट तक एक परसेंट हाइपोक्लोराइड से हर छह घंटे पर डिसइंफेक्ट किया जाए।

- ठोस चीजों से बनी सतहों जैसे स्टील, प्लास्टिक पर कोरोना वायरस देर तक सक्रिय रहता है, ऐसे में इसे प्रत्येक तीन घंटे में दो परसेंट ब्लीचिंग पाउडर के घोल या एक परसेंट हाईपोक्लोराइड से हर तीन घंटे में डिसइंफेक्ट करना जरूरी है।