- अवैध कारोबार में फरार को तलाश नहीं सकी पुलिस
- अंग्रेजी शराब की डुप्लीकेट बनाकर पहुंचाते थे बाजार
GORAKHPUR:
मिलावटी शराब से मौतों का सिलसिला सामने आने के बाद फिर से जिम्मेदार जागे हैं. लेकिन पूर्व में सामने आए मामलों में फरार चल रहे शातिरों की तलाश में पुलिस नाकाम रही है. बेलीपार एरिया निवासी मिलावटी शराब के कारोबारी की गिरफ्तारी में पुलिस के पसीने छूट रहे. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुकदमे तो दर्ज हुए हैं. लेकिन उनमें क्या कार्रवाई हुई है. इसकी समीक्षा की जाएगी. फरार चल रहे अभियुक्तों की तलाश की जाएगी.
प्रधान को जानती है पुलिस, फिर नहीं होती गिरफ्तारी
जिले में स्प्रिट मिलाकर नकली शराब बनाने का खेल खूब चलता है. क्राइम ब्रांच से लेकर थानों की पुलिस नकली शराब के कारोबारियों पर शिकंजा कस चुकी है. बेलीपार एरिया में रहने वाले एक अवैध कारोबारी से जुड़े लोगों को पुलिस अरेस्ट कर कर चुकी है. लेकिन उस पर शिकंजा कसने में पुलिस नाकाम रही. बेलीपार पुलिस का कहना है कि वह जमानत पर छूट गया गया है. जबकि, क्षेत्र में चर्चा है कि प्रधान के नाम से मशहूर आरोपित को पुलिस कभी अरेस्ट नहीं कर सकी. अलबत्ता जब कहीं पर कोई मामला पकड़ा जाता है तो धौंस दिखाकर पुलिस उस पर दबाव बनाती है. उसके खिलाफ कई थानों में मुकदमे दर्ज होने के बावजूद पुलिस मेहरबान बनी रहती है.
केस एक
11 मार्च 2019 को झंगहा एरिया के विश्वनाथपुर मोहल्ले में पुलिस ने एक दंपति को दबोचा. मकान में नकली अंग्रेजी शराब बनाने का कारोबार चल रहा था. इस दौरान अंग्रेजी शराब की कई ब्रांड के रैपर मिले. तब पुलिस ने दावा किया कि इस कारोबार से जुड़े सभी लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा. लेकिन मामला शांत हो गया.
केस दो:
01 जनवरी 2019 को पूर्व मंत्री के मुनीब सहित पांच लोगों को बेलीपार पुलिस ने 80 लीटर स्प्रिट सहित गिरफ्तार किया. तब पुलिस ने दावा किया बेलीपार एरिया का प्रधान और उसका भतीजा स्प्रिट का अवैध कारोबार करते हैं. प्रधान के खिलाफ बेलीपार, बांसगांव, खोराबार और सहजनवां में में मुकदमे दर्ज हैं. लेकिन पुलिस ने प्रधान को अरेस्ट नहीं किया.
केस तीन:
19 जुलाई 2018 को चौरीचौरा में रेक्टीफाइड स्प्रिट से नकली शराब बनाने का मामला सामने आया. पुलिस ने कुछ लोगों को अरेस्ट करके इसकी जांच सरैया डिस्टलरी में कराई. इस मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब 16 जून को सहजनवां में नकली शराब पकड़ी गई. तब चौरीचौरा के देवकहिया का एक युवक पकड़ा गया जिसने पुलिस को बताया कि कहां-कहां पर शराब बनती हैं.
केस चार :
25 फरवरी 2018 को खोराबार एरिया में अंग्रेजी शराब की दुकान पर भारी मात्रा में नकली शराब की खेप पकड़ी गई. 22 पेटी नकली शराब मिलने पर पुलिस और आबकारी विभाग ने जांच बिठाई. मुनीम को अरेस्ट करके पुलिस ने कार्रवाई पूरी कर ली. लेकिन सप्लाई देने वालों तक टीम नहीं पहुंच सकी.
चार गुना फायदा, खूब चलता है खेल
जिले में एक तरफ जहां कच्ची शराब का कारोबार होता है. वहीं नकली शराब का खेल भी चलता है. हरियाणा से आने वाली शराब की खेप खपाई जाती है. पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि नकली शराब के कारेाबारी प्रतिबंधित स्प्रिट खरीदकर रैपर और ब्रांड लगाकर शराब पैक करते हैं. होलोग्राम और अन्य तरह के सुरक्षा मानक लागू होने के बावजूद इस पर विशेष असर नहीं पड़ सका है. हरियाणा से आने वाली शराब की खेप में इसे शामिल करके बेचा जाता है. जबकि शराब के ठेकों पर भी नकली शराब खप जाती है.
जान का खतरा, मुनाफे के लिए उठाते रिस्क
अंग्रेजी शराब की विभिन्न ब्रांड के नाम से नकली शराब परोसने वाले मुनाफे के लिए बड़ा रिस्क उठाते हैं. जानकारों का कहना है कि नकली शराब पीने से जान जा सकती है. इसमें अल्कोहल की मात्रा का निर्धारण मापन के अनुसार नहीं होता है. इसके जहरीली होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके सेवन से मौत के अलावा, आंखों की रोशनी जाने, किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचने का खतरा हाेता है.
वर्जन
आरोपित प्रधान जमानत पर छूट चुका है. इसलिए उसे पकड़ा नहीं जा सकता है. वर्तमान में वह नकली शराब के कारोबार में शामिल है या नहीं. इसके बारे में जानकारी की जाएगी.
संतोष कुमार सिंह, एसएचओ बेलीपार