- 30 नवंबर तक कैंसिल हुई थी छुट्टियां, 15 दिसंबर तक टेंशन

- खुद की शादी-गवने के लिए बमुश्किल मिल पा रही इजाजत

GORAKHPUR: शहर में मुस्तैद पुलिस कर्मचारी इस बार मैरेज सीजन अटेंड नहीं कर पा रहे हैं। अयोध्या फैसले को देखते हुए सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां 30 नवंबर तक कैंसिल कर दी गई हैं। शादी-विवाह का कार्यक्रम शुरू होने से पुलिस कर्मचारी परेशान हो गए हैं। शादियों में शामिल होने के लिए एक हफ्ते के भीतर 42 से अधिक पुलिस कर्मचारियों ने आवेदन किया है। एसएसपी का कहना है कि इमरजेंसी में अवकाश स्वीकृत किया जा रहा है। इसकी पूरी व्यवस्था सेंट्रलाइज कर दी गई है।

जिनकी खुद की शादी उनको मिल रही इजाजत

नवंबर माह में लगन शुरू होने पर सबसे ज्यादा पुलिस कर्मचारी परेशान नजर आ रहे हैं। किसी के घर में तो किसी की रिश्तेदारी में शादी-विवाह का कार्यक्रम तय है। इसलिए उनके फैमिली मेंबर्स ने काफी तैयारी कर रखी है। पूर्व में त्योहारों और बाद में फैसले को देखते हुए सभी की छुट्टियां रद कर दी गई थीं। शासन की तरफ से 30 नवंबर तक अवकाश न देने का आदेश दिया गया था। इसलिए पुलिस कर्मचारियों को अवकाश के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। माहौल को देखते हुए सिर्फ उन्हीं पुलिस कर्मचारियों को छुट्टी मिल पा रही जिनकी खुद की शादी और गवने का प्रोग्राम है।

महिला कांस्टेबल भी कतार में, इमरजेंसी में अवकाश

शहर में करीब चार हजार पुलिस कर्मचारियों की तैनाती है। इनमें तमाम पुलिस कर्मचारियों के परिवार, रिश्तेदारी और करीबी मित्रों के घर में शादी समारोह सुनिश्चित है। इसलिए लोग ज्यादा परेशान नजर आ रहे। एसएसपी के पास रोजाना चार से पांच छुट्टी के आवेदन पहुंच रहे हैं। तीन दिनों के भीतर करीब 40 लोगों ने छुट्टी का आवेदन किया था। इनमें कई महिला कांस्टेबल ऐसी हैं जिनकी खुद की शादी या गवना भी है। इन लोगों को महज दो दिनों की छुट्टी मिल पा रही। ऐसे में पुलिस कर्मचारियों की मौजूदगी के बिना ही शादी की तैयारी चल रही है।

वर्जन

विशेष परिस्थितियों में अवकाश स्वीकृत किया जा रहा है जिनकी शादी और गवना है उनको भी लिमिटेड छुट्टी मिल पा रही। प्राथमिकता के आधार पर ही पुलिस कर्मचारियों को छुट्टी दी जा रही है।

- डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी