-एक साल पहले हुई शुरूआत, नहीं हो सका अमल

-वर्दी और आईकार्ड पहनाने पर दिया गया था जोर

GORAKHPUR:

शहर के भीतर ट्रैफिक व्यवस्था के सुधार में लगी पुलिस आटो चालकों का वेरीफिकेशन भूल गई। एक साल पूर्व टेंपो ड्राइवर्स को आईकार्ड देने की योजना बनी थी। लेकिन कुछ दिनों के बाद योजना डंप हो गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में उनको कोई जानकारी नहीं है। टेंपो ड्राइवर, मालिक का मोबाइल नंबर आटो पर पेंट कराने का निर्देश दिया गया है।

एक साल पूर्व शुरू हुई थी कवायद

शहर के भीतर करीब 11 हजार आटो चलते हैं। विभिन्न रूट से चलने वाले आटो में बैठने वाली सवारियों के सुरक्षित सफर की कोई गारंटी नहीं रहती। आटो में कोई सामान छूटने पर पैंसेजर्स को काफी भागदौड़ करनी पड़ती है। चोरी, चेन स्नेचिंग के मामले सामने आने पर आटो चालक के खिलाफ कोई शिकायत नहीं हो पाती है। जिसको देखते हुए शहर में ट्रैफिक को सुरक्षित बनाने के लिए वर्ष 2017 में अभियान शुरू किया गया था। आटो यूनियन, पुलिस और अन्य संगठनों के जरिए इसकी शुरूआत की गई। तब तय हुआ था कि सभी आटो चालकों को वर्दी पहनाई जाएगी। साथ ही हर किसी के गले में आईकार्ड लटकता नजर आएगा।

पुलिस नहीं करा सकी वेरीफिकेशन

शहर में आटो चलाने वाले कई ड्राइवर के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसे में यात्रियों, खासकर महिला यात्रियों के टेंपो में बैठने के दौरान वारदात की आशंका बनी रहती है। इसलिए टेंपो चलाने वालों का वेरीफिकेशन कराने का फैसला लिया गया था। पुलिस वेरीफिकेशन के बाद टेंपो ड्राइवर को आईकार्ड दिए जाने की योजना थी। यह तय किया गया था कि वेरीफिकेशन होने से टेंपो ड्राइवर कोई गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे। किसी तरह का मामला सामने आने पर उनको आसानी से खोजा जा सकेगा।

वर्जन

आटो के पीछे मोबाइल नंबर और नाम लिखने का निर्देश दिया गया है। टेंपो ड्राइवर का वेरीफिकेशन कराने के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक

शहर में विभिन्न आटो यूनियन बने हैं। उनके जरिए ही ड्राइवर आटो चलाते हैं। आटो यूनियन के लोगों की मदद से ड्राइवर्स के वेरीफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।

विनय कुमार सिंह, एसपी सिटी