- ऑपरेशन त्रिनेत्र पड़ा सुस्त, नहीं मिल पा रही मदद

- एटीएम में नकदी चोरी का सुराग लगाने में छूटा पसीना

GORAKHPUR: शहर में टेक्नोलॉजी पर डिपेंड होती जा रही पुलिस सीसीटीवी के फेर में फंस जा रही है। बदमाशों की चाल बेनकाब करने के लिए पुलिस को कोई ऐसा इलेक्ट्रॉनिक सबूत नहीं मिल जा रहा जो उन तक आसानी से पहुंचा सके। गोरखनाथ एरिया में एसबीआई का एटीएम काटकर साढ़े सात लाख रुपए चुराने वाले गैंग के बारे में कोई जानकारी पुलिस को नहीं मिल सकी। स्प्रे पेंट मारकर बदमाशों ने हर सीसीटीवी कैमरे को नाकाम कर दिया था। आसपास की दुकानों में कैमरे न होने से पुलिस हांफ रही। उधर सीसीटीवी फुटेज के सहारे फर्जी पुलिस वालों की तलाश पूरी नहीं हो सकी। रविवार की शाम नंदानगर में सगे भाइयों पर हमले में भी पुलिस सिर्फ सीसीटीवी फुटेज के पीछे पड़ी रही। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि मैन्युल संसाधनों को छोड़कर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस पर डिपेंड होने की वजह से प्रॉब्लम बढ़ी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही बदमाशों को दबोच लिया जाएगा। मुखबिर तंत्र की मदद लेते हुए जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।

एटीएम चोरी में फेल सर्विलांस, जांच के लिए एसआईटी

गोरखनाथ मंदिर के उत्तरी गेट के सामने लगे एसबीआई एटीएम को काटकर चोरों ने साढ़े सात लाख रुपए उड़ा दिए। रविवार की दोपहर इसकी जानकारी बैंक अधिकारियों ने पुलिस को दी। जांच में सामने आया कि सीसीटीवी कैमरों पर पेंट लगाकर चोरों ने वारदात की। शनिवार की रात एक बजे के बाद हुई वारदात का कोई सुराग 24 घंटे बाद भी नहीं मिल सका। पहले कोशिश चलती रही कि कोई फुटेज हाथ लग जाए। जब इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस नहीं कामयाब हुआ तो पुलिस ने मैन्युल कोशिश शुरू कर दी। फिंगर प्रिंट मिटाने के लिए भी चोरों ने स्पे्र यूज किया था। मामले की जांच पड़ताल में एसएसपी ने स्पेशल जांच टीम गठित करके पर्दाफाश की जिम्मेदारी सौंपी। पांचों टीमें अलग-अलग बिंदुओं पर जांच करेंगी ताकि बदमाशों को पकड़ा जा सके। एटीएम के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दो व्यक्ति मुंह बांधे नजर आए हैं जिन्होंने बेहद ही शातिराना ढंग से एटीएम को काटा है।

टेक्निकली एक्सपर्ट थे चोर

एटीएम काटकर चोरी करने वाले बदमाश काफी एक्सपर्ट हैं। बारीकी हुई कटिंग में नोट की ट्रे को नुकसान नहीं पहुंचा था। इससे माना जा रहा है कि वह कोई टेक्नीशियन है। उसे एटीएम के बारे में ठीक से जानकारी है या तो फिर वह एटीएम कंपनी और बैंक से जुड़ा कोई व्यक्ति हो सकता है। जो हर प्रकार के एटीएम के बारे में ठीक से जानता है। इतना ही नहीं, गैस कटर भी नए तरीके का यूज किया गया है जो बिल्कुल लेजर की तरह काम करने वाला है। एसआईटी यह जानने की कोशिश में जुटी है कि देश और प्रदेश में किन जगहों पर इस तरह से वारदातें हुई हैं। सभी बैंकों से उनका डाटा मांगा गया है। इस तरह के गैस कटर का इस्तेमाल कहां पर कब हुआ है। एक टीम यह जांच कर रही है कि रात में कितने मोबाइल फोन उस एरिया में मोबाइल थे। बदायूं और बरेली सहित अन्य जिलों में जो भी गैंग पूर्व में पकड़े गए हैं उनकी डिटेल भी पुलिस जुटा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एटीएम की बनावट अलग-अलग होती है। कुछ सिंगल पोल में फिक्स होते हैं जिनको आसानी से उखाड़ा जा सकता है। जबकि गोरखनाथ में एसबीआई का एटीएम चार पोल पर लगा हुआ था। इसकी जानकारी भी चोरों को पहले से थी।

फिर बैंक में चोरी के लिए लगाई सेंध

गोरखनाथ एरिया के बरगदवां स्थित एसबीआई के फर्टिलाइजर टाउनशिप ब्रांच में चोरों ने सेंध लगाकर घुसने का प्रयास किया। करेंसी चेस्ट रूम की दीवार काटने की कोशिश में चोर नाकाम रहे। बैंक की दीवार से सटे एक तरफ खाली भूमि पड़ी है। सेंध लगाकर चोर रिकॉर्ड रूम में घुस गए। वहां से सिस्टम रूम को पार करते हुए करेंसी चेस्ट की तरफ पहुंचे। लेकिन भीतर जाने में कामयाब नहीं हो सके। रात में 12 बजकर 40 मिनट के बाद बैंक के सीसीटीवी कैमरों ने काम करना बंद कर दिया था। सोमवार की सुबह जब फोर्थ क्लास इम्प्लॉई बैंक खोलने पहुंचा तो उसने चोरी की कोशिश की जानकारी मैनेजर सुधाकर दुबे को दी। चोरी की कोशिश की जानकारी होने पर सीओ गोरखनाथ, डॉग स्कवायड टीम, गोरखनाथ और चिलुआताल की पुलिस पहुंची। बैंक सुरक्षा अधिकारी दिलीप कुमार ने जायजा लिया। बैंक कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि करेंसी चेस्ट में करीब आठ लाख रुपए थे।

वर्जन

एटीएम में चोरी के मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। पांच अलग-अलग टीमें विभिन्न बिंदुओं पर जांच पड़ताल कर रही है। प्रदेश में हुई इस तरह की घटनाओं से संबंधित डाटा खंगाला जा रहा है। गैस कटर का इस्तेमाल करने वाले चोर काफी शातिर और टेक्निकली एक्सपर्ट हैं। उम्मीद है जल्द ही वारदात का पर्दाफाश कर लिया जाएगा।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी