मरीज का एंबुलेंस गुजरने पर वायरलेस से देते सूचना

चौराहे करा रहे खाली, वाहन के लिए जीरो ट्रैफिक

शहर में कोरोना पेशेंट्स के लिए पुलिस कारीडोर बना रही है। सीरियस पेशेंट्स होने की सूचना एक चेकपोस्ट से दूसरे चेकपोस्ट तक वायरलेस सेट के जरिए दी जा रही है। चौराहों पर जीरो ट्रैफिक कर एंबुलेंस को मेडिकल कॉलेज तक पहुंचाया जा रहा है। कोरोना के सस्पेक्ट होने पर व्यवस्था पूरी तरह से बदल जा रही है। एंबुलेंस के गुजरने के पहले जीरो ट्रैफिक कर दिया जा रहा है। अफसरों का कहना है कि किसी तरह के गंभीर पेशेंट को अस्पताल पहुंचने में प्रॉब्लम न हो। आपातकाल में इसका ध्यान रखते हुए मरीजों की सुविधा के लिए व्यवस्था बनाई गई है।

लॉकडाउन से भीड़ कम, फिर भी इंतजाम

लॉकडाउन के कारण बेहद कम लोगों की आवाजाही सड़कों पर हो रही है। लेकिन जरूरी कामों से निकले लोगों का आवागमन होने से सड़कों का सूनापन खत्म हो गया है। इसलिए दिन में चौराहों पर पुलिस को ट्रैफिक व्यवस्था संभालनी पड़ रही है। आम दिनों की अपेक्षा कम ट्रैफिक के बावजूद पेशेंट के एबुलेंस आने की सूचना पर कारीडोर बनाने की व्यवस्था की गई है। सूचना देकर हर चौराहे को खाली करा दिया जा रहा है। उधर से गुजरने वाले बाइक, फोर व्हीलर सवारों को थोड़ी देर तक रोका जाता है जिससे अविलंब एंबुलेंस मेडिकल कॉलेज पहुंच सके।

कोरोना सस्पेक्ट के लिए जीरो ट्रैफिक

किसी जगह पर कोरोना के सस्पेक्ट की तबीयत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज पहुंचाने के लिए खास व्यवस्था बनाई गई है। कोरोना संदिग्ध को एंबुलेंस में लेकर चलने की सूचना देने पर संबंधित एरिया से लेकर मेडिकल कॉलेज तक के रूट पर अलग व्यवस्था बना दी जा रही है। खासकर, उन चौराहों पर जहां पुलिस के बैरियर लगे हैं। एंबुलेंस गुजरने पर ट्रैफिक की प्रॉब्लम हो सकती है। उन जगहों पर जीरो ट्रैफिक कराया जा रहा है। ताकि मरीज केा समय से मेडिकल कॉलेज पहुंचाया जा सके।

वर्जन

इमरजेंसी पेशेंट्स को अस्पताल तक पहुंचने में कोई प्रॉब्लम न हो। इसको देखते हुए चौराहों पर ट्रैफिक मैनेजमेंट दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष परिस्थितियों में इसकी सूचना संबंधित टीम के तरफ से दी जा रही है। ताकि मरीज केा हॉस्पिटल पहुंचाने में केाई प्रॉब्लम न आए।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी