-मर्डर, सुसाइड, मारपीट के मामलों में मनमानी रवैया

-मामूली मामलों में कई दिनों तक बैठे रहते मुल्जिम

<-मर्डर, सुसाइड, मारपीट के मामलों में मनमानी रवैया

-मामूली मामलों में कई दिनों तक बैठे रहते मुल्जिम

GORKHPUR: GORKHPUR: जिले के थानों पर थानेदारों के अपने कायदे-कानून चलते हैं। मामला कोई हो, जब तक सीनियर पुलिस अधिकारी इंटरफेयर नहीं करते तब तक मनमानी जारी रहती है। मामूली मामलों में आरोपियों को थाने के दफ्तर में जहां कई दिनों तक बैठाया जाता है। वहीं मर्डर, सुसाइड और रेप की घटनाओं में थानेदारों की मनमर्जी से नियम-कानून लागू होते हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शिकायत मिलने पर जांच कराई जाती है। यदि किसी थानेदार या दरोगा की लापरवाही सामने आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है। यह कहकर अधिकारी भले अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लें लेकिन थानेदारों की मनमानी जारी है।

रामनरायन मामले में उठा संदेह, जांच में घ्िारी पुलिस

गुलरिहा एरिया के सराय गुलरिहा निवासी रामनरायनगुप्ता के खिलाफ गुलरिहा में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं। दो नाबालिग बच्चियों के मकान को वह जबरन खाली कराना चाहता था। बच्चियों की मां ने उसके हाथों मकान का सौदा कर दिया था। मकान खाली कराने के विवाद में रामनरायन गुप्ता के खिलाफ जानमाल की धमकी देने, छेड़छाड़ करने और पॉक्सो का मामला दर्ज हुआ था। वह अपनी फरियाद लेकर सीएम के जनता दरबार में पहुंचा। आरोप लगाया कि पुलिस उसे परेशान कर रही है। कुछ देर बाद सीएम के सामने दोनों बच्चियां भी आई। उन्होंने रामनरायन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। मामले की जानकारी होने पर सीएम ने तत्काल उसे अरेस्ट करने को कहा। सीएम की तल्खी पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन रात में करीब सवा आठ बजे वह थाने से छूट गया।

मेरे पति को तीन दिन से बिठाया है, छुड़वा दीजिए

इस घटना के सामने आने के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कई मामलों की पड़ताल की। इसमें सामने आया कि घटना, आरोपित और परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई का मानक बदलता रहता है। मामूली मामलों में आरोपों की जांच के बहाने पुलिस लोगों को दो से तीन दिन तक थाने में बैठाए रखती है। क्0 मार्च की शाम करीब छह बजकर फ्9 मिनट पर एक अंजान नंबर से रिपोर्टर के मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाली महिला ने बताया कि वह शाहपुर, गीतावाटिका के पास रहती है। आठ मार्च की रात गाड़ी हटाने को लेकर हुई कहासुनी पर पुलिस ने उसके पति को पकड़ लिया। तीन दिन बीते लेकिन चालान नहीं किया जा रहा है। महिला इस बात की गुहार लगा रही थी कि एसओ को फोन करके उसके पति को छुड़वा दिया जाए। महिला ने बताया कि एक पार्षद के दबाव में पुलिस कार्रवाई कर रही है।

नोट: बातचीत की रिकॉर्डिग सेव की गई है।

इन घटनाओं में जमकर हुई मनमानी

पुलिस बताती रही सुसाइड, बेटा निकला हत्यारोपी

क्फ् फरवरी ख्0ख्0 की रात कोतवाली एरिया के दवा कारोबारी सईद अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके सीने में दो, सिर में एक गोली लगी थी। बेटे ने पुलिस को बताया कि पिता ने सुसाइड किया है। खुद को तीन गोली मारने के मामले की बात सीनियर पुलिस अधिकारियों के पल्ले नहीं पड़ रही थी। कोतवाली पुलिस इसे सुसाइड बताकर फाइल क्लोज करने के चक्कर में लगी थी। सवाल उठने पर बैलेस्टिक एक्सपर्ट, डॉक्टर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की स्टडी की गई। दबाव बढ़ने पर फॉरेंसिक जांच कराई गई। इससे पता लगा कि दवा कारोबारी को गेाली मारकर पिस्टल उनके हाथ में रखी गई थी। एक मार्च को पुलिस ने सईद के बेटे अनस को पिता के मर्डर के आरोप में अरेस्ट किया।

मां- बेटी के सामने लगी गोली, पुलिस टालती रही केस

ख्फ् नवंबर ख्0क्9 को खोराबार एरिया के मदरहवा मोहल्ले के बलराम यादव की घर के सामने संदिग्ध परिस्थितियों में डेड बॉडी मिली। उसकी कनपटी पर गोली लगी थी। पब्लिक की सूचना पर पुलिस पहुंची तो असलहा बरामद नहीं हुआ। लोगों ने मां-बेटी पर मर्डर का संदेह जताया। लेकिन तब पुलिस ने दावा किया कि बलराम ने सुसाइड किया है। लेकिन तब मौके से असलहा बरामद नहीं हुआ। पुलिस की लापरवाही से मां-बेटी भी वहां से चली गई। पुलिस इसे सुसाइड मानती रही। जबकि युवक के भाई सिकंदर सहित अन्य ने मर्डर बताया। काफी दबाव के बाद पुलिस ने मर्डर का मुकदमा दर्ज किया लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं की।

सुसाइड को सबने देखा पर दर्ज हुई मर्डर की एफआईआर

गुलरिहा एरिया के टिकरिया में छह मार्च की सुबह बेलीपार, चेरिया निवासी संजीव जायसवाल की टिकरिया में गोली लगने से मौत हो गई थी। लोगों ने पुलिस को बताया कि युवक ने युवती पर गोली दागी। वह बच गई तो खुद को उसने गोली मार ली। घटना की जांच में पुलिस को सुसाइड के प्रमाण मिले। लेकिन करीब एक हफ्ते के बाद पुलिस ने इस मामले में युवक के पिता की तहरीर पर युवती के दो भाइयों के खिलाफ केस दर्ज किया। इस मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट और परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई का दावा पुलिस कर रही थी।

वर्जन

जो भी मामले सामने आए हैं। उनकी बाकायदा जांच कराई गई है। रामनरायन के प्रकरण की जांच सीओ चौरीचौरा कर रही हैं। जल्द उनकी रिपोर्ट आ जाएगी। अन्य मामलों में भी साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। यदि किसी प्रकरण में थानेदार या अन्य किसी की संदिग्ध भूमिका मिलती है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाता है। ऐसा नहीं है कि किसी की मनमानी चलती रहेगी।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी