- फाइलों में फंसा इंसाफ, पहचान तक को मोहताज

- मर्डर के मामलों में पुलिस कार्रवाई हो जाती है ठप

GORAKHPUR: जिले में अज्ञात लोगों के मर्डर के मामलों को पुलिस भूल जाती है। डेड बॉडी मिलने के शुरूआती दिनों में पुलिस की भागदौड़ खूब रहती है। धीरे-धीरे संबंधित थानों के थानेदार भी सुस्त पड़ जाते हैं। हालत यह है कि चर्चित घटनाओं में भी पुलिस खाली हाथ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आवश्यक कार्रवाई की जाती है। लेकिन कई बार अननोन डेड बॉडी की पहचान नहीं हो पाती। इसलिए मामलों में कार्रवाई में विलंब होता है लेकिन इसकी प्रक्रिया चलती रहती है।

समय बीतने पर सुस्त पड़ जाती पुलिस

शहर और आसपास के एरिया में मर्डर करके फेंकी गई डेड बॉडी मिलती है। इनमें ज्यादातर ऐसी होती है जिनका बेरहमी से कत्ल किया गया होता है। हत्यारों की कोशिश रहती है कि डेड बॉडी के चेहरे इतने खराब हो जाएं कि उनकी पहचान में पुलिस सफल न हो सके। हर साल आठ से 10 ऐसे मामले सामने आते हैं जिनकी वजह से पुलिस काफी परेशान होती है। लावारिस हाल डेड बॉडी मिलने के 72 घंटे के बाद पोस्टमार्टम कराने से लेकर अंतिम क्रियाकर्म तक की प्रोसेस अपनाई जाती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, डेड बॉडी के पास मिले फॉरेंसिक सबूत सहित अन्य को जुटाकर पुलिस शिनाख्त में जुटी रहती है। कुछ महीनों तक पुलिस का मूवमेंट तेज रहता है। समय बीतने के साथ-साथ पुलिस सुस्त पड़ जाती है।

कोतवाली एरिया में सिर कूंच हुए फरार

18 अक्टूबर 2019 को कोतवाली एरिया के न्यू दीवान बाजार में एक युवक की डेड बॉडी मिली। करीब 30 साल उम्र के युवक के चेहरे को ईट से कूंच दिया गया था। मार्निग वॉक पर निकले लोगों ने डेड बॉडी देखकर पुलिस को सूचना दी। डेड बॉडी के पास एक चप्पल, पानी के पैकेट, नमकीन पड़े थे। डॉग स्कवायड और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने कातिलों तक पहुंचने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस की कोशिश बेकार चली गई।

ऑर्केस्ट्रा की डांसर समझा, बाद में बंद कर दी फाइल

21 सितंबर 2019 को सहजनवां एरिया के कसरौल में एक अज्ञात युवती की डेड बॉडी मिली। उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी। उसके कपड़ों और पहनावे के तौर-तरीकों से पुलिस ने माना कि किसी ऑर्केस्ट्रा में डांस करने वाली युवती है। संतकबीर नगर जिले तक कई दिनों तक पुलिस भटकती रही। बाद में पुलिस ने इस फाइल को क्लोज कर दिया।

पोखरे में कौन फेंक गया डेड बॉडी, राज हुआ दफन

18 जुलाई 2019 को चौरीचौरा एरिया के अहिरौली में पोखरी में एक युवती की डेड बॉडी मिली। 18 साल उम्र की युवती के बदन पर चोट के निशान थे। उसका चेहरा जला होने से पहचान में मुश्किल हुई। इस दौरान लोगों ने आशंका जताई कि मोहल्ले से लापता युवती की डेड बॉडी है। इस डेड बॉडी के मिलने के बाद पीपीगंज एरिया में रेलवे ट्रैक पर युवक की डेड बॉडी मिली। हालांकि तीन माह बाद युवती और उसका परिचित युवक बरामद कर लिए गए। अज्ञात युवती की डेड बॉडी की पहचान नहीं हो सकी।

इन हत्याओं का नहीं हो सका पर्दाफाश

18 अक्टूबर 2019: कोतवाली एरिया के न्यू दीवान बाजार में एक युवक की डेड बॉडी मिली। ईंट से सिर कूंचकर बदमाशों ने उसकी जान ले ली थी।

21 सितंबर 2019: सहजनवां एरिया के कसरौल में एक अज्ञात युवती की डेड बॉडी मिली। गला दबाकर युवती की हत्या की गई थी।

18 जुलाई 2019: चौरीचौरा एरिया के अहिरौली में पोखरी में हत्या करके फेंकी गई युवती की डेड बॉडी मिली। मर्डर के पर्दाफाश में पुलिस नाकाम रही।

2 जून 2019: कुसम्ही जंगल में हत्या करके फेंकी गई अज्ञात महिला की पहचान नहीं हो सकी। उसका कत्ल करके किसी वाहन से फॉरेस्ट क्लब के पास फेंका गया था। मुकदमा दर्ज करके पुलिस इस मामले को भूल गई।

21 मई 2019: कुसम्ही जंगल के फुटहिया मोड़ पर एक अज्ञात युवक की डेड बॉडी मिली। उसे चाकुओं से गोदा गया था। करीब 25 साल के युवक के मर्डर का पर्दाफाश नहीं हो सका।

9 मई 2019: खोराबार एरिया में एक युवती की डेड बॉडी मिली। सब्जी काटने वाले चाकू से उसका गला रेता गया था। करीब 20 साल की युवती की पहचान के लिए पुलिस कई दिनों तक भटकती रही।

इसलिए पूरी नहीं हो पाती कार्रवाई

- ज्यादातर डेड बॉडी दूर-दराज से लाकर फेंकी गई होती हैं।

- डेड परसन भी कहीं से बुलाए गए होते हैं। उनके संबंध में सटीक जानकारी नहीं होती।

- डेड बॉडी की पहचान को लेकर पुलिस औपचारिकता में रह जाती है। दिन बीतने पर मामला खत्म हो जाता है।

- परिजनों या किसी नजदीकी रिश्तेदार के मर्डर में शामिल होने पर भी कोई प्रयास नहीं होता। लोग चुप्पी साध लेते हैं।