-शहर में किराएदारों के वेरिफिकेशन को लेकर गंभीर नहीं पुलिस

-टैक्स बचाने के चक्कर में मकान मालिक नहीं लेते कोई इंटरेस्ट

सोचिएगा जरूर

शहर के भीतर तमाम ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिनमें किराएदार शामिल रहे हैं। लूट, चोरी और मर्डर जैसे गंभीर मामलों में दुकान, घर में काम करने वाले या फिर किराएदार बनकर रहने वाले बदमाशों ने अंजाम दिया। उनके इस अपराध के लिए वे लोग भी बराबर जिम्मेदार हैं, जिन्होंने रहने का ठौर-ठिकाना मुहैया। ऐसे लोगों ने अधिक किराए के लालच में पड़कर कभी नहीं सोचा कि उनके इस कदम से किस तरह का नुकसान सोसायटी को उठाना पड़ सकता है। घटनाओं के बाद लोग भी पुलिस को कोसकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लें। लेकिन सवाल कोई नहीं खड़ा करता है। हाईटेक होती पुलिस के सिस्टम पर किराएदारों के वेरिफिकेशन की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। एप्स के जरिए भी किराएदार का सत्यापन घर बैठे कराया जा सकता है। जरा सोचिए, मामूली से फायदे के लिए हम अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे तो दूसरों को दोष देने से कुछ भी हाथ नहीं आएगा। इस बारे में सोचिए जरूर।

GORAKHPUR: जाड़े का सीजन करीब आते ही पुलिस की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया जाता है। लोग त्योहारों में खूब इंज्वाय कर सकें। इसलिए नवरात्र शुरू होने से लेकर छठ पूजा तक सक्रियता बरती जाती है। सड़कों पर पुलिस भी नजर आती है। गली-मोहल्लों में पिकेट और गश्त बढ़ाकर क्रिमिन्लस पर शिकंजा कसने के दावे किए जाते हैं। लेकिन इस दौरान पुलिस एक बड़ी लापरवाही बरतती है। थाना क्षेत्रों में किराएदारों का कोई वेरिफिकेशन नहीं कराया जाता। कोई गंभीर अपराध होने पर पब्लिक के साथ-साथ पुलिस की नींद खुलती है। तब पता लगता है कि मोहल्ले में मुंहमांगा किराया देकर ठिकाना बनाने वाले क्रिमिन्लस थे। ऐसे में गोरखपुराइट्स को जागरूक होकर किराएदारों के वेरिफिकेशन में अहम भूमिका निभानी होगी।

वेरिफिकेशन की ऑनलाइन सुविधा

यूपी पुलिस की वेबसाइट पर किराएदारों के वेरिफिकेशन के लिए जानकारी दी गई है। साथ ही यूपी कॉप एप के जरिए भी टेनेंट और सर्वेट वेरिफिकेशन ऑनलाइन कराया जा सकता है। एप के प्रोफार्मा में जाकर कर्मचारी की डिटेल, उसका थाना क्षेत्र, उसके रेजीडेंसियल एड्रेस के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके बाद आईडी प्रूफ के रूप में जारी आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड को स्कैन कर डाउनलोड करना होगा। पूरी डिटेल मिलने पर संबंधित थाना क्षेत्रों की पुलिस उस व्यक्ति के बारे में पूरा रिकार्ड खंगालेगी। कोई क्रिमिनल रिकार्ड होने पर जानकारी उपलब्ध्ा कराएगी।

फार्म भरकर भी करा सकते हैं सत्यापन

किराएदार वेरिफिकेशन के लिए ऑफलाइन इंतजाम भी किए गए हैं। यूपी पुलिस की वेबसाइट से फार्म डाउनलोड कर उसका पि्रंट निकाल लें। फिर उस प्रोफार्मा में पूरी डिटेल भरकर आईडी कार्ड की फोटोकॉपी संग उसे संबंधित पुलिस स्टेशन में जमा करा दें। वेरिफिकेशन के बाद पुलिस अवगत कराकर रिकार्ड मेंटेन कर लेगी।

टैक्स के चक्कर में नहीं कराते वेिरफिकेशन

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि शहर में कई दुकानदार और मकान मालिक जानबूझकर किराएदारों का वेरिफिकेशन नहीं कराते हैं। लोग सोचते हैं कि वेरिफिकेशन कराने पर उनके बिल्डिंग का कार्मशियल यूज हो जाएगा। बिजली के बिल में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। इससे उनको टैक्स के दायरे में ले आया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। सुरक्षा के लिए किराएदारों का वेरिफिकेशन करा सकते हैं।

केस एक

शाहपुर एरिया के जंगल तुलसीराम बिछिया में किराए पर कमरा लेकर रहने वाले बदमाशों का गैंग फर्जी तरीके से क्राइम ब्रांच बनकर काम कर रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस ने गैंग के सदस्यों को किराए के कमरे से अरेस्ट किया।

केस दो

गुलरिहा एरिया के शिवपुर साहबाजगंज में किराए के कमरे में रहने वाले युवक की हत्या करके आरोपित फरार हो गया। बिहार जिला निवासी आरोपित की तलाश में पुलिस को काफी परेशान होना पड़ा। लंबे प्रयास के बाद उसे पुलिस पकड़ पाई।

फैक्ट फीगर

शहर में शहर की कुल आबादी - ख्ख् लाख

शहर में कुल वार्ड - 70

नगर निगम में रजिस्टर्ड मोहल्ले- फ्भ्0

नगर निगम में रजिस्टर्ड मकानों की तादाद - क्,ख्9,000

शहर में थाने - क्0

क्या होता फायदा

- किराएदारों के बारे में सटीक जानकारी मुहैया हो जाती।

- किराएदारो के नाम-पते के संबंध में पुलिस का रिकॉर्ड हमेशा मेंटेंन रहता।

- मकान मालिक और किराएदारों का मोबाइल नंबर आसानी से मिल जाता।

- किसी मामले में जरूरत पड़ने पर पुलिस आसानी से लोगों का पता लगा लेगी।

- गश्त के दौरान पुलिस सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराती।

धारा क्88 का हो रहा उल्लंघन

मकान मालिकों द्वारा पुलिस को अपने यहां किराएदार रखने की जानकारी न देने को धारा क्88 का उल्लंघन माना जाता है। इसके तहत संबंधित लोगों को छह माह तक की सजा भी हो सकती है। शहर में कई मकान मालिकों को यह तक पता नहीं कि किसे किराए पर मकान दिया है, वह कौन है, कहां से आया है और क्या काम करता है।