-परिजनों को हिरासत में लेकर आरोपित तलाश रही पुलिस

-फोर व्हीलर सवारों की हुई पहचान, कई टीमों को जिम्मेदारी

GORAKHPUR: शहर के आई सर्जन आशुतोष शुक्ला के अपहरण की कोशिश करने वालों की तलाश में पुलिस ताबड़तोड़ दबिश दे रही है। सीसीटीवी फुटेज और अन्य की जांच से अंकित सिंह और उनके साथियों का नाम सामने आया है। आरोपित तक पहुंचने की कोशिश में पुलिस ने उनके कई करीबियों को हिरासत में लिया है। गुरुवार रात तक पुलिस टीम कई जगहों पर छापेमारी करती रही। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी पर अपहरण की गुत्थी सुलझ सकेगी। डॉक्टर की सुरक्षा में दो पुलिस कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है।

गार्ड ने एक को पहचाना, अन्य की हुई पहचान

मंगलवार शाम डॉ आशुतोष अपने अस्पताल के बाहर खड़े थे। तभी फोर व्हीलर सवार युवकों ने उनको जबरन गाड़ी में बैठाने का प्रयास किया। उस समय डॉक्टर यह कहकर बच गए कि वह एक पेशेंट हैं। अपहरण करने वाले तीन-चार लग्जरी कारों से आए थे। गार्ड अखिलेश सिंह ने एक युवक की पहचान कर ली। वह आजाद चौक के शिवाजी नगर मोहल्ले का रहने वाला अंकित सिंह है। अंकित सिंह सहित अन्य के खिलाफ जानमाल की धमकी देने, अपहरण करने का मामला पुलिस ने दर्ज कर लिया। गुरुवार को पुलिस टीम आरोपियों की तलाश में दबिश देती रही। लेकिन उनका पता नहीं चला।

अपहरण की कहानी में झोल मान रही पुलिस

डॉ। आशुतोष के अपहरण का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उनको सुरक्षा दे दी है। दो पुलिस कर्मचारियों को डॉक्टर की सुरक्षा में तैनात किया गया है। इस मामले में पुलिस ने भले एफआईआर दर्ज कर ली। लेकिन कहानी में झोल माना जा रहा है। पुलिस का कहना है कि नशे में धुत युवकों ने डॉक्टर के साथ बदसलूकी की। पुलिस का कहना है कि सभी अपहरणकर्ता बिना मुंह ढके आए थे। पहली बार ऐसा हुआ कि बिना होमवर्क के वह अपहरण करने पहुंचे। उनके वाहनों पर नंबर प्लेट भी साफ नजर आ रही है। इसलिए अपहरण की थ्योरी पर यकीन नहीं हो रहा है। उधर डॉक्टर की गर्दन और हाथ पकड़कर गाड़ी में बैठाने की कोशिश करने वालों ने पेशेंट बताने पर छोड़ दिया था। माना जा रहा है कि गार्ड के पहचानने की वजह से बदमाशों ने अपना मंसूबा बदल दिया। पुलिस का कहना है कि जब तक आरोपित नहीं पकड़े जाएंगे तब तक मामला नहीं सुलझ सकेगा।

अंडरग्राउंड माफिया के करीबी हैं आरोपित

डॉक्टर के अपहरण के यह बात सामने आई है कि अपहरण की कोशिश करने वाले कुछ आरोपित एक अंडरग्राउंड माफिया के करीबी हैं। उनको कई बार उसके साथ देखा गया है। हालांकि प्रापर्टी और ठेकेदारी से जुड़ाव होने की वजह से भी उनका जुड़ाव हो सकता है। वारदात में पीडब्ल्यूडी के एक ठेकेदार की गाड़ी यूज की गई है।

वर्जन

अपहरण के मामले में एफआईआर दर्ज करके आरोपियों की तलाश की जा रही है। कुछ लोगों से पूछताछ की गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी पर ही अपहरण की कहानी सामने आ सकेगी।

सुमित शुक्ला, सीओ कैंट