-सुरक्षा की कवायदों पर भारी पड़ती रही मुसीबतें

-डकैती, बलवा, मर्डर रोकने में नाकाम रही पुलिस

GORAKHPUR: जिले में लूट में लूट सहित अन्य घटनाओं में कमी के बावजूद पुलिस फेल हो गई है। थानों पर दर्ज होने वाले अपराध की तादाद बढ़ी है। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को रोकने में पुलिस नाकाम रही। महिला सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बावजूद आधी आबादी को राहत नहीं मिल सकी। जिले में वाहन चोरों को पकड़ने के दावे करने वाले पुलिस के सामने लगातार चुनौती बनी हुई है। हाल में बलवा की घटनाएं बढ़ने से पुलिस अधिकारी टेंशन में हैं। सीनियर पुलिस ऑफिसर्स का कहना है कि लूट की घटनाओं पर रोक लगी है। गोरखपुर में सक्रिय टप्पेबाजों की तलाश में पुलिस टीम जुटी है।

388 मुकदमे ज्यादा दर्ज, फिरौती के लिए अपहरण

जिले में थानों पर दर्ज होने वाले मुकदमों में कमी नहीं आई है। 2017 की तुलना में 2018 में करीब 388 एफआईआर ज्यादा दर्ज कराई गई। फिरौती के लिए अपहरण करने के मामलों में कमी नहीं आई है। फिरौती मांगने के लिए बदमाशों ने एक व्यक्ति का अपहरण किया था। सेंधमारी, बलवा, दहेज हत्या, मर्डर और रेप के मामलों में बढ़ोत्तरी पुलिस टेंशन में है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिलाओं के साथ होने वाले मामले को सूचना मिलते ही दर्ज किया गया। घटनाओं को संज्ञान लेते हुए पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की।

पिछले तीन सालों में दर्ज मुकदमें

क्राइम 2018 2017 2016

लूट 163 228 130

डकैती 2 1 4

चोरी 1317 1350 1175

मर्डर 81 78 118

रेप 119 99 109

एफआईआर 7758 7370 6074

दहेज हत्या 49 42 54

अन्य अपहरण 618 511 406

बलवा 379 266 434

सेंधमारी 374 371 277

वाहन चोरी 898 982 903

फिरौती 1 1 00

वर्जन

संगठित गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। पेशेवर अपराधों में कमी आई है। गोरखपुर में लूट की घटनाओं में शामिल रहे बदमाशों पर कार्रवाई हुई है। लुटेरों के खिलाफ एक्शन से वारदातों में कमी आई। पुलिस के इकबाल को चुनौती देने वाले बदमाशों पर शिकंजा कसा कसा गया। रेंज के सभी जिलों की समीक्षा करके पेडिंग मामलों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए जा चुके हैं।

जय नारायण सिंह, आईजी