-मामूली विवाद में पाबंदी की प्रक्रिया में जुटी पुलिस

-बड़ी घटनाओं को रोकने के लिए कस रहे शिकंजा

GORAKHPUR:

शहर में किसी तरह के बड़े विवाद से निपटने के लिए पुलिस ने सख्ती शुरू कर दी है। मामूली विवादों की शिकायत पर पुलिस पाबंदी की प्रक्रिया अपना रही है। हाल के दिनों में प्रदेश के भीतर हुई घटनाओं को लेकर थानेदार अलर्ट हो गए हैं। किसी तरह का कोई झगड़ा सामने आने विवाद करने वालों का शांतिभंग में चालान कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हर छोटे मामले में पुलिस की पैनी नजर है। कई बार छोटी-छोटी घटनाएं बढ़ा रूप ले लेती है। इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई में कोताही नहीं बरती जाएगी।

शाम को झगड़ा, सुबह देते माफीनामा

जिले में रोजाना मारपीट और अन्य तरह की घटनाएं सामने आती हैं। डॉयल 100 को जहां दिनभर में 20 से 25 शिकायतें मिलती हैं। वहीं, विभिन्न न्यायालयों में शांति भंग में पाबंद किए गए लोग जमानत के लिए पहुंचते हैं। इनमें तमाम ऐसे लोग होते हैं जो रात में लड़ाई झगड़ा कर लेते हैं। पुलिस जब उनको पकड़कर थाने ले जाती है तो सुबह होते-होते होश ठिकाने आ जाते हैं। सुबह होने पर माफीनामा देकर किसी तरह से छूट जाने की कोशिश करते हैं। थानेदारों का कहना है कि आए दिन ऐसा होता है लोग तैश में आकर भिड़ जाते हैं। बाद में पुलिस कार्रवाई होने पर बैकफुट पर आ जाते हैं।

केस एक

गुलरिहा एरिया के बिस्टौली में सोमवार की शाम दो पक्षों के बीच मामूली बात को लेकर विवाद हो गया। मारपीट की सूचना पर पुलिस दोनों पक्षों को पकड़ ले गई। पुलिस कर्मचारी कोशिश कर रहे थे कि बातचीत से मामला सुलझा दिया जाए। लेकिन थाने पर ही दोनों पक्ष भिड़ गए। कार्रवाई न होने पर अपने बदन पर मिट्टी का तेल गिराकर आग लगाने की धमकी देने लगे। इससे परेशान होकर पुलिस ने शांति भंग में पाबंद कर दिया।

केस दो

कैंट एरिया के सिघडि़यां में पानी के विवाद में दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। पुलिस चौकी के सिपाही पहुंचे तो महिलाएं उनसे लड़ने लगी। काफी प्रयास के बाद बात नहीं बनी तो उनके खिलाफ शांति भंग की आशंका में कार्रवाई की गई।

चार िदन 85 चालान

20 अगस्त 2019: शांाति भंग के 19 मुकदमे दर्ज कर पुलिस ने 31 लोगों को पाबंद किया।

19 अगस्त 2019: शांति भंग के 28 मुकदमों में 38 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

17 अगस्त 2019: शांति भंग के 17 मुकदमे दर्ज करके 32 व्यक्तियों को किया पाबंद किया गया।

16 अगस्त 2019: 13 मुकदमों में कुल 21 लोगों को पुलिस ने शांतिभंग में पाबंद किया।

इसलिए होती शांतिभंग की कार्रवाई

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि झगड़ों को रोकने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रतिबंधात्मक उपाय किए गए हैं। कभी-कभी लोग छोटी बात पर लड़ने-झगड़ने लगते हैं। यह झगड़ा आगे चलकर विकराल रूप ले लेता है। ऐसे मामलों के शुरूआती दौर में दबाने के लिए पुलिस सीआरपीसी के तहत विभिन्न धाराओं में कानूनी व्यवस्था की गई है। जैसे जब किसी व्यक्ति के द्वारा लोक शांति भंग करने का कार्य किया जाता है अथवा इसकी संभावना व्यक्त की जाती है। तो इसके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए शंाति भंग की आशंका में पाबंद करके कार्यपालक मजिस्ट्रेट के सामने कार्यवाही करके उसे शांति कायम करने, सदाचार बनाए रखने के लिए जमानत सहित वचनबद्ध किया जाता है।

कभी- कभी मामूली विवादों में आगे चलकर बढ़ी घटनाएं हो जाती है। इसको देखते हुए पुलिस शांति भंग की प्रक्रिया अपनाती है। सभी थानेदारों, चौकी प्रभारियों और बीट दरोगाओं को निर्देशित किया गया है कि हर छोटे मामले पर नजर रखें। इसलिए किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी