- मानक को अनदेखा कर बच्चे ढो रहे स्कूली वाहन
- सभी स्कूलों के वाहनों की जांच करेगा आरटीओ
GORAKHPUR: हाईकोर्ट से लगाए शासन स्तर पर स्कूली बसों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए तमाम नए नियम तैयार किए गए हैं। जिससे स्कूल बसों की मनमानी पर रोक लग सके और बच्चों की सेफ्टी बनी रहे। इसे लेकर 20 से 25 जनवरी तक पूरे प्रदेश में एक साथ आरटीओ का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए सभी आरटीओ को मुख्यालय से निर्देश दे दिया गया है। गोरखपुर आरटीओ टीम अभियान में 25 प्वॉइंट्स पर स्कूली बसों की जांच करेगी। किसी भी बस में कमी पाई जाने पर मोटरयान अधिनियम धारा-53 के अंतर्गत कार्रवाई होगी।
बीते साल जून माह में हुई थी जांच
बीते साल 2019 में जून माह में स्कूली बसों की जांच हुई थी। जिसमें 105 बसें अनफिट मिली थीं। इसके बाद आरटीओ ने सभी बसों के प्रबंधकों को नोटिस भेजी थी। 50 स्कूल बस का तो नोटिस मिलने के बाद फिटनेस कराया गया। लेकिन 55 बसें नोटिस के बाद भी फिटनेस कराने नहीं पहुंची तो आरटीओ ने इनका रजिस्ट्रेशन तीन महीने के लिए कैंसिल कर दिया था। साथ ही वॉर्निग दी थी कि अगर इसके बाद भी फिटनेस नहीं कराया तो हमेशा के लिए रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा।
धारा-53 का मतलब
इस धारा के अंतर्गत कोई भी वाहन बिना फिटनेस के किसी भी सार्वजनिक जगह पर नहीं चल सकता है। इसके बाद भी बसें चलती हुई मिलीं तो उनपर कड़ी कार्रवाई की जाती है।
इन प्वॉइंट्स पर होगी जांच
1 - बस पीले रंग में रंगी गई है।
2 - बस के आगे और पीछे स्कूल बस लिखा है।
3 - बस के दोनों तरफ और पीछे भाग पर स्कूल का नाम लिखा है।
4 - इमरजेंसी डोर जिसका आकार मानक के अनुसार हो और दरवाजा दोनों तरफ से खुल सके।
5 - बस के पीछे के भाग में एक आपातकालीन खिड़की जो टफल ग्लास की बनी हो।
6 - खिड़की में लगे शीशे को तोड़ने के लिए व्यवस्था।
7 - ड्राइवर के लिए इंट्री और बाहर निकलने का द्वार, पहिए के आगे के भाग को देखने के लिए कॉन्वेक्स क्रॉस शीशे लगे हों।
8 - ड्राइवर को बस के अंदर देखने के लिए एक शीशा।
9 - बस के दरवाजे में भरोसेमंद ताले लगे हों।
10 - दरवाजे पर लगे पायदान पर हैंडरेल लगा हो।
11 - छत से जुड़ी हुई होल्डिंग रॉड लगी हो।
12 - होल्डिंग रॉड फिसलनयुक्त तो नहीं है।
13 - बस में प्रेशर हॉर्न तो नहीं लगा है।
14 - आपात स्थिति के लिए अलार्म एवं सायरन लगे हों।
15 - पारदर्शी फर्स्ट एड बाक्स लगा हो।
16 - केबिन में एक बीआईएस मार्क 2 किलो की क्षमता वाला अग्निशमन यंत्र लगा हो।
17 - आपातकाल दरवाजे पर 2 किलो की क्षमा वाला अग्निशमन यंत्र।
18 - सीएनजी चलित बस में सिलेंडर के ऊपर सीट तो नहीं।
19 - सीट के नीचे स्टूडेंट के बैग रखने के लिए रैक लगी हो।
20 - सभी सीटों में सीट बेल्ट लगी हो।
21 - खतरे की चेतावनी देने वाली लाइट लगी हो।
22 - खिड़की की स्टील की छड़ों के बीच 5 सेमी से अधिक अंतर नहीं हो।
23 - गति सीमा यंत्र लगा हो।
24 - लोकेशन टै्रकिंग डिवाइस लगा हो।
25 - सीसीटीवी कैमरा लगा हो।
वर्जन
मुख्यालय से आए निर्देश के अनुसार इस बार 25 प्वॉइंट्स पर स्कूली बसों की जांच की जाएगी। 20 से 25 जनवरी तक सभी स्कूलों बसों की जांच की जाएगी। जिन बसों में मानक का पालन नहीं हो रहा है वे अभियान से पहले बस दुरुस्त करा लें नहीं तो पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
- श्याम लाल, आरटीओ प्रशासन