- ओवर स्पीडिंग पर शिकंजा कसने में नाकाम ट्रैफिक पुलिस

- खुलेआम ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन, हादसों में मौतों के बाद भी जिम्मेदार लापरवाह

GORAKHPUR: शहर व रूरल एरियाज में ओवर स्पीडिंग के चलते बढ़ते सड़क हादसों पर अंकुश लगाने में ट्रैफिक पुलिस पूरी तरह नाकाम है। हाल ये कि वाहनों की गति सीमा जारी करने सहित तमाम कवायदों के बावजूद सड़क हादसों में मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। उधर, ट्रैफिक मैनेजमेंट के बड़े-बड़े दावे करने वाले जिम्मेदारों की नाक के नीचे मनमाने वाहन चालक मानकों को धता बताकर सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं।

धरी रह गईं कवायदें

शहर में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने वाहनों की गति सीमा जारी की है। लेकिन इस व्यवस्था को सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है। स्पीड में चलने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि ट्रैफिक पुलिस के जिम्मेदारों का कहना है कि लगातार मॉनिटरिंग कर कार्रवाई की जाती है। फिर भी शहर की सड़कों पर दो और चार पहिया वाहन तय रफ्तार से अधिक पर फर्राटा भरते नजर आ रहे हैं। इसमें युवाओं की संख्या बहुत अधिक है।

इन सड़कों पर होते सबसे ज्यादा हादसे

देवरिया बाईपास रोड, गोपलापुर मार्ग, नौसड़, कोनी चौराहा, असुरन रोड, गुलरिहा, सजहनवां मार्ग, कालेसर मार्ग, कुसम्ही मार्ग, कुशीनगर मार्ग, गुलरिहा मार्ग आदि मार्गो पर दुर्घटनाएं होने की ज्यादा संभावना रहती है। इनमें सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं तेज रफ्तार की वजह से होती हैं। रात के समय में ज्यादातर हादसों का मामला सामने आता है।

बीते एक साल में सड़क हादसों में मौतें - 468

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काम नहीं आता जागरुकता अभियान

बीते एक साल में जिले में हुए सड़क हादसों में 468 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा युवा शामिल हैं। बेतरतीब वाहन चलाना, तेज रफ्तार में वाहन चलाना0 दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस की ओर से हर साल यातायात नियमों का पाठ पढ़ाया जाता है और जागरुकता अभियान भी चलता है लेकिन शहर के लोग इस ओर ध्यान नहीं देते।

कोट्स

वाहन चालकों के बीच जागरुकता का अभाव है। उन्हें ट्रैफिक नियमों की जानकारी देनी चाहिए। साथ ही वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाना चाहिए।

- अखिलेश पांडेय, प्रोफेशनल

युवा वर्ग दो पहिया वाहन तेज रफ्तार में चलाते हैं। उन्हें ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए प्रेरित किया जाए और नए युवकों के हाथों में वाहन न दिया जाए।

- राजीव श्रीवास्तव, प्रोफेशनल

वाहनों की गति नियंत्रित होनी चाहिए। सड़कें गढ्डा मुक्त हों। प्रत्येक व्यक्ति को वाहन चलाते समय ट्रैफिक के नियमों का पालन करना चाहिए।

- अम्बुजेश मिश्र, प्रोफेशनल

वाहन चालकों को यह आभास कराया जाए कि अपने परिवार के लिए वह कितने महत्वपूर्ण हैं।

- मिथिलेश तिपाठी, प्रोफेशनल

केस 1 झंगहा एरिया के मिश्रौलिया गांव के रहने वाले 45 वर्षीय नवनाथ यादव ऑटों चलाते थे। रविवार की शाम गोबड़ौर चौराहे के पास तेज रफ्तार की वह से ऑटो अनियंत्रित होकर पटल गई। जिसमें चालक की मौत हो गई।

केस 2 चौरीचौरा के रकबा के रहने वाले इम्तियाज सुबह बच्ची जोया को साइकिल से लेकर दूध लेने गए थे। लौटते समय तेजर रफ्तार में आ रही पिकअप ने साइकिल में ठोकर मार दी। दुर्घटना में जोया पिकअप के पहिए के नीचे आ गई। जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

वर्जन

ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिन स्थानों पर दुर्घटनाएं होती है उन्हें ब्लैक लिस्ट कर संबंधित विभाग को ताकिद की गई है कि ट्रैफिक के नियमों का पालन कराएं। पीडब्ल्यूडी और आरटीओ के साथ मीटिंग कर सभी पहलुओं पर विचार विमर्श किया जाता है जिससे दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।

- आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक