- शासन से मिला पांच करोड़ का बजट, लेकिन जमीन का नहीं है पता

- एससी, एसटी और ओबीसी स्टूडेंट्स के लिए बनाए जाने थे हॉस्टल

- अब तक यूनिवर्सिटी में इसके लिए नहीं तय हुई है कोई जमीन, कार्यदायी संस्था ने पेड़ कटवाकर मांगी जमीन

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में बैकवर्ड क्लास की ग‌र्ल्स के लिए बनने वाला हॉस्टल हवा में बनाया जाएगा। ऐसा इसलिए कि अब तक न तो इसके लिए जमीन तय की जा सकी है और न ही जिम्मेदारों को अब तक कोई प्रपोजल ही मिला है। इतना ही नहीं शासन ने इस मद में बाकायदा पांच करोड़ रुपए का बजट भी जारी कर दिया है। मगर अब तक जमीन तय न हो पाने की वजह से हॉस्टल का निर्माण कार्य शुरू होना तो दूर, शिलान्यास की जगह भी फाइनल नहीं हो सकी है, जबकि खुद सीएम योगी आदित्यनाथ इसका शिलान्यास करेंगे। इसको लेकर विभागीय जिम्मेदारों के होश उड़े हुए हैं।

ग‌र्ल्स के लिए बनेगा हॉस्टल

समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में हॉस्टल बनाया जाना है। इसके लिए शासन ने काफी पहले ही हरी झंडी दे दी थी। मगर यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों की मानें तो इस संबंध में किसी भी विभाग से कोई ऑफिशियल लेटर न मिलने की वजह से अब तक इस पर कोई विचार ही नहीं हुआ है। यहां तक की इस मामले को विकास समिति और यूनिवर्सिटी की सुप्रीम बॉडी एग्जिक्युटिव काउंसिल के सामने भी नहीं रखा गया है, जिससे यूनिवर्सिटी इस संबंध में कोई फैसला नहीं ले सकी है।

पेड़ कटवाकर मांगी जमीन

समाज कल्याण विभाग ने हॉस्टल की जमीन मिलने से पहले ही इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था यूपीसीएलडीएफ को सौंप दी है। जमीन न मिलने के बाद संस्था ने यूनिवर्सिटी को लेटर लिखकर जमीन की डिमांड की है। उन्होंने लेटर में लिखा है कि निर्माण कार्य के लिए प्रस्तावित स्थल पर पेड़ों की कटान न हो पाने की वजह से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है, जबकि इसका शिलान्यास सीएम के हाथों होना है, इसलिए शिलान्यास को देखते हुए तत्काल अपने स्तर से पेड़ को काटने के लिए संबंधित को निर्देशित करें।

बॉक्स

यूनिवर्सिटी हॉस्टल के लिए नहीं है जमीन

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में बनने वाले इस हॉस्टल में जो हॉस्ट‌र्ल्स हैं, वह सिर्फ यूनिवर्सिटी कैंपस में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ही रहेंगे, यह अभी तय नहीं है। वहीं अभी यह भी नहीं फाइनल हो सका है कि इसका कस्टोडियन कौन होगा?, यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को इसका फायदा होगा या नहीं?, हॉस्टल के वार्डन को रखने का अधिकार किसको होगा?, हॉस्टल एलॉटमेंट कौन करेगा? यह कुछ ऐसे पेंच हैं, जिसकी वजह से यूनिवर्सिटी में अभी तक इसका अप्रूवल नहीं हो सका है। अब ईसी की अगली बैठक में यह मुद्दा रखा जाएगा। इसमें जो भी फैसला होगा, उसी के अकॉर्डिग काम किया जाएगा।

वर्जन

इस संबंध में कार्यदायी संस्था का लेटर मिला है, उन्होंने जमीन की डिमांड रखी है। लेकिन बिना कार्य परिषद के अनुमोदन किसी को भी जमीन नहीं दी जाती है। इस मामले को अगली मीटिंग में रखा जाएगा। ईसी जो निर्णय लेगी, उसी के मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- शत्रोहन वैश्य, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू

समाज कल्याण विभाग की ओर से हॉस्टल बनाया जाना है। इसके लिए कार्यदायी संस्था को नामित कर उन्हें पेमेंट किया जा चुका है। अब आगे की कार्रवाई उनको करनी है। वहीं से जमीन के लिए प्रपोजल भेजा जाएगा।

- सप्तऋषि कुमार राज, जिला समाज कल्याण अधिकारी