- डीडीयूजीयू के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का रूसा के डेढ़ करोड़ बजट से होना था कायाकल्प
- स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के प्रस्ताव के बाद भी अभी तक नहीं शुरू हो सका काम
GORAKHPUR: एक तरफ जहां रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम व सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम के कोच गोरखपुर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देकर उन्हें नेशनल और इंटरनेशनल लेवल का प्लेयर बना रहे हैं। वहीं डीडीयूजीयू के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के कायाकल्प व इक्युपमेंट्स खरीद को लेकर यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार ही उदासीन बन हुए हैं। इसके लिए रूसा की तरफ से डेढ़ करोड़ का बजट निर्धारित होने के बाद भी अभी तक काम नहीं शुरू हो सका है।
सुविधा का अभाव, इंट्रेस्ट नहीं दिखाते स्टूडेंट
बता दें, गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले 20 हजार स्टूडेंट्स के बीच महज 500-600 स्टूडेंट्स का डिफरेंट गेम्स के लिए हर साल इंटर यूनिवर्सिटी कॉम्प्टीशन के लिए ट्रायल होता है। जिसमें 250 से ज्यादा स्टूडेंट्स सेलेक्ट होते हैं। सेलेक्टेड स्टूडेंट्स पूर्वी क्षेत्र इंटर यूनिवर्सिटी कॉम्प्टीशन व अखिल भारतीय इंटर यूनिवर्सिटी कॉम्प्टीशन के लिए सेलेक्ट किए जाते हैं। इन कॉम्प्टीशन में पार्टिसिपेट करने के लिए अगस्त से फरवरी तक टीम का सेलेक्शन प्रोसेस चलता है। लेकिन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में इक्युपमेंट्स व मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण यूनिवर्सिटी के ज्यादातर स्टूडेंट्स स्पोर्ट्स के प्रति इंट्रेस्ट नहीं दिखाते।
ना कोच, ना इक्युपमेंट्स का पता
क्रीड़ा परिषद के ज्वॉइंट सेक्रेटरी डॉ। राजवीर सिंह बताते हैं कि क्रीड़ा संकुल के पास अपना कोई कोच नहीं है। कोच रीजनल स्टेडियम और सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम की मदद से गोरखपुर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ उनका ट्रायल कराया जाता है। उन्होंने बताया कि वे एथलेटिक्स के कोच हैं और प्रो। विजय चहल जूडो के कोच हैं। बाकी किसी भी गेम के लिए यूनिवर्सिटी का अपना कोई कोच ही नहीं है। जबकि दर्जन भर से ऊपर यूनिवर्सिटी के पास गेम्स के कैलेंडर हैं। इस सेशन में होने वाले डिफरेंट गेम्स के कैलेंडर जल्द ही भारतीय विश्वविद्यालय संघ की तरफ से आएंगे। इस बार अगस्त माह से सेलेक्शन प्रोसेस स्टार्ट कर दिया जाएगा। लेकिन हैरान करने वाली बात है कि क्रीड़ा परिषद कमेटी की तरफ से रूसा को-ऑर्डिनेटर को भेजे गए प्रस्ताव के मामले में अभी तक रूसा के बजट से कार्य स्टार्ट नहीं हो सके हैं। वहीं क्रीड़ा परिषद कमेटी के सेक्रेटरी प्रो। विजय चहल से क्रीड़ा संकुल के लिए भेजे गए प्रस्ताव में कार्यो की जानकारी मांगने पर उन्होंने रूसा को-ऑर्डिनेटर से पूछकर बताने की बात कही।
क्रीड़ा परिषद कमेटी के मेंबर्स
अध्यक्ष - प्रो। हिमांशु चतुर्वेदी
उपाध्यक्ष - प्रो। विनोद कुमार सिंह, प्रो। सुधीर श्रीवास्तव
सेक्रेटरी - प्रो। विजय चहल
कोषाध्यक्ष - प्रो। उमा श्रीवास्तव
डिफरेंट सेक्टर के चेयरपर्सन की संख्या - 50
कालेज मेंबर्स की संख्या - 4 (1 प्रिंसिपल व 3 टीचर)
इन गेम्स के लिए खरीदे जाने हैं इक्युपमेंट्स
- एक्वेटिक्स, आर्चरी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, क्रॉस कंट्री, जिम्मास्टिक, जूडो, पावर लिफ्टिंग, शूटिंग, ताइक्वांडो, रेसलिंग, वेट लिफ्टिंग, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, क्रिकेट, हैंडबाल, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल
कोट्स
यूनिवर्सिटी की तरफ से अगर डिफरेंट गेम्स के इक्युपमेंट्स हों तो गेम में पार्टिसिपेट करने का अलग ही मजा है। लेकिन इक्युपमेंट्स नहीं होने के कारण कुछ खास इंट्रेस्ट नहीं है।
खुशबू, स्टूडेंट
इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी में बहुत से गेम्स होते हैं। होने भी चाहिए लेकिन स्टूडेंट्स के लिए इक्युपमेंट्स समेत अन्य संसाधन होने चाहिए ताकि उन्हें अच्छी ट्रेनिंग मिल सके और यूनिवर्सिटी का नाम रोशन कर सकें।
- जागृति, स्टूडेंट
क्रीड़ा संकुल है, गेम भी होते हैं लेकिन यूनिवर्सिटी के पास अपना कोच नहीं है। रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम और सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम के भरोसे कोच बुलाए जाते हैं या स्टूडेंट भेजे जाते हैं। तब जाकर इंटर यूनिवर्सिटी कॉम्प्टीशन में सेलेक्ट होते हैं।
प्रभात रंजन, स्टूडेंट
यूनिवर्सिटी में गेम्स टीचर होने चाहिए। जब टीचर्स की नियुक्ति हो सकती है तो क्या गेम्स टीचर नहीं भरे जाने चाहिए। कब तक दूसरे विभाग से मदद लेकर स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट का संचालन होगा।
अश्वनी वर्मा, स्टूडेंट
वर्जन
क्रीड़ा संकुल की तरफ से आए प्रस्ताव पर अभी पूरी तरह से मंजूरी नहीं की गई है। अभी जेम पोर्टल पर इक्युपमेंट्स को तलाशा जा रहा है। उसके बाद ही खरीदारी की जाएगी।
प्रो। राजवंत राव, को-ऑर्डिनेटर, रूसा