-नैक इवैल्यूएशन की गोरखपुर यूनिवर्सिटी में तैयारी तेज

-यूनिवर्सिटी को राजभवन की तरफ से सुधार का मिला मौका

GORAKHPUR: नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) का एग्जामिनेशन पास करने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से सारी तैयारियां राजभवन पहुंचते ही फेल हो गई। इनकंप्लीट तैयारियों पर राजभवन ने होम वर्क कंप्लीट कर फिर से आने का निर्देश दिया है। वीसी की उपस्थिति में कुलाधिपति के सामने नैक इवैल्यूएशन के लिए यूनिवर्सिटी की तैयारियों का प्रजेंटेशन पेश किया गया। इसमें तमाम कमियां सामने आई। इसे दूर करने की नसीहत दी गई। वहीं, वीसी के लखनऊ से लौटने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन कमियों को दूर करने में जुट गया है। इसके लिए एक महीने का समय निर्धारित है। कमियां दूर होने के बाद यूनिवर्सिटी 15 फरवरी तक एसएसआर (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) फाइल करने की बात कर रही है। रिपोर्ट फाइल होने के 45 दिन बाद नैक की टीम इवैल्यूएशन के लिए आएगी।

15 साल बाद हो रहा नैक मूल्यांकन

डीडीयूजीयू प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, नियमानुसार हर पांच साल में नैक इवैल्यूएशन होना चाहिए, लेकिन इस बार 15 साल के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन नैक कराने जा रहा है। इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां भी कर रहा है। पहले वर्ष 2005 में नैक की टीम गोरखपुर यूनिवर्सिटी आई थी।

इन प्वाइंट्स पर होगा सुधार

राजभवन से वापस आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन तमाम बिंदुओं पर सुधार की जरूरत महसूस कर रहा है। इसके लिए यूनिवर्सिटी के विभागों में लाइब्रेरी की उपलब्धता, मॉर्डन फैसिलिटी से लैस लैब होना जरूरी बताया जा रहा है। इसी तरह से रिसर्च में क्वालिटी व पब्लिकेशन बेहतर करना और भवनों में ड्रेनेज सिस्टम को ठीक कराना भी जरूरी है।

वर्जन

नैक में 'ए' ग्रेड के लिए हम तैयारी कर रहे हैं। इसको लेकर पहली बार राजभवन में तैयारियों का प्रजेंटेशन हुआ है। एक्सपर्ट ने कुछ कमियां बताई हैं, जिसे दूर करने में हम जुटे हैं। 15 फरवरी तक एसएसआर अपलोड किया जाएगा।

प्रो। वीके सिंह, वीसी, डीडीयूजीयू