- गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने फेक फॉर्म को रोकने के लिए लगाया आईपी मॉनीटरिंग सिस्टम
- एक क्लिक पर पता चल जाएगा किस जगह से और किसने भरा है फॉर्म
रजिस्टर्ड हो रहा है आईपी अड्रेस
गोरखपुर यूनिवर्सिटी और एफिलिएटेड कॉलेजेज में एडमिशन लेने की चाह रखने वाले हर स्टूडेंट की आईडेंटिटी यूनिवर्सिटी के पास है। फॉर्म भरने वाले सभी स्टूडेंट्स का डाटा यूनिवर्सिटी के पास पहुंच रहा है। पहले इसमें कुछ तकनीकी खामियां थीं, जिससे इंटरनेट प्रोटोकॉल अड्रेस रजिस्टर्ड नहीं हो पा रहा था और स्टूडेंट्स की पहचान दर्ज नहीं हो पा रही थी। लेकिन यूनिवर्सिटी ने एनआईसी से कोऑर्डिनेट कर इसका समाधान निकाला और देर रात जाकर इस प्रॉब्लम को दूर किया। यही वजह रही कि यूनिवर्सिटी के फॉर्म एक दिन देर से भरने शुरू हुए।
नहीं करना चाहते चूक
गोरखपुर में पिछले दिनों वोटर लिस्ट में विराट कोहली का नाम शामिल कर लिया गया और जिम्मेदारों की लापरवाही से उसकी वोटर स्लिप भी जारी कर हो गई। मीडिया में मामला आने के बाद चुनाव आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया और जिम्मेदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इस तरह की किसी प्रॉब्लम से बचने के लिए यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रहे हैं। वह किसी तरह की चूक करने के मूड में नहीं हैं, जिससे उनकी लिस्ट में भी फेक नाम की भरमार हो और वह भी ऐसे एडमिट कार्ड जारी कर हंसी के पात्र बनें जिससे यूनिवर्सिटी की छवि धूमिल हो।
कहीं भी एडमिशन के लिए एक फॉर्म
गोरखपुर यूनिवर्सिटी के साथ ही एफिलिएटेड कॉलेजेज में एडमिशन के लिए अब तक स्टूडेंट्स को अलग-अलग फॉर्म नहीं भरना है। एक ही फॉर्म के जरिए वह यूनिवर्सिटी और एफिलिएटेड कॉलेजेज में से किसी एक का हिस्सा बन जाएंगे। बस इसके लिए उन्हें सारा ध्यान पढ़ाई पर लगाना होगा। कॉमन एंट्रेंस एग्जाम में आने वाली पोजीशन के अकॉर्डिग स्टूडेंट्स का सेलेक्शन होगा और उसी के हिसाब से उन्हें काउंसिलिंग का मौका भी मिलेगा। फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के बेसिस पर वह कॉलेज लॉक करेंगे और इसी के अकॉर्डिग उन्हें एलॉटमेंट भी होगा।
इंपॉर्टेट डेट्स
फॉर्म फिलिंग स्टार्ट - 2 अप्रैल
यह हैं एंट्रेंस की डेट -
बीकॉम - 10 मई
बीएससी मैथ्स - 13 मई
बीएससी बायो - 16 मई
बीबीए - 18 मई
बीए - 20 मई
बीसीए - 22 मई
बीएससी एग्रिकल्चर - 24 मई
फीस
जनरल एंड ओबीसी - 750
एससी एंड एसटी - 400
कुछ सिक्योरिटी मेजर्स अपनाएं
किसी तरह के फेक फॉर्म न भर दिए जाएं, इसलिए गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस में कुछ सिक्योरिटी मेजर्स अपनाएं हैं। रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी स्टूडेंट्स की पहचान हो सके, इसलिए उनका इंटरनेट प्रोटोकॉल अड्रेस रजिस्टर्ड होगा, जिससे उन्होंने कहां और किस कंप्यूटर से फॉर्म भरा है इसका आसानी से पता लगाया जा सकेगा।
- प्रो। हर्ष सिन्हा, पीआरओ, डीडीयूजीयू