- स्टूडेंट्स के बीच घटते इंट्रेस्ट को देखते हुए संस्कृत डिपार्टमेंट के एचओडी की पहल

GORAKHPUR: एजुकेशन फील्ड में नई-नई कवायदें करने वाली गोरखपुर यूनिवर्सिटी अब संस्कृत की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए काम करेगी। इसके तहत यूनिवर्सिटी अब संस्कृत सब्जेक्ट से सिविल सर्विसेज की प्रिपरेशन करने वाले स्टूडेंट्स को फ्री कोचिंग मुहैया करेगी। इसका मकसद ये है कि संस्कृत सब्जेक्ट से सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स भी आईएफएस, आईएएस व आईपीएस जैसे शीर्ष पदों पर सेलेक्ट होकर नाम रोशन करें और स्टूडेंट्स में संस्कृत के प्रति आकर्षण बढ़े। डीडीयूजीयू का संस्कृत डिपार्टमेंट जल्द ही इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मांगेगा। प्रदेश के किसी भी क्षेत्र के स्टूडेंट्स इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। इस पहल के बाद डीडीयूजीयू प्रदेश की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी होगी जो संस्कृत से तैयारी करने वालों को फ्री कोचिंग मुहैया करेगी।

घटती जा रही लोकप्रियता

डीडीयूजीयू समेत एफिलिएटेड कॉलेजेज में संस्कृत सब्जेक्ट की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। इसी को देखते हुए पिछले दिनों संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो। मुरली मनोहर पाठक ने इसे रोजगार से जोड़ने का प्लान बनाया। डिपार्टमेंट के टीचर्स से बात कर यूपी संस्कृत परिषद को प्रस्ताव भेजा गया कि डिपार्टमेंट में यूनिवर्सिटी की क्लासेज के बाद संस्कृत सब्जेक्ट से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को फ्री ऑफ कास्ट कोचिंग दी जाए।

सेलेक्ट होंगे 50 स्टूडेंट्स

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से मिली जानकारी के मुताबिक, ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद एंट्रेंस एग्जाम के बेसिस पर 50 स्टूडेंट्स को सेलेक्ट किया जाएगा। इन्हें कोचिंग दी जाएगी। जरूरत पर इनके लिए बाहर से एक्सपर्ट भी बुलाए जाएंगे। यूपी संस्कृत परिषद के मंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ हैं। परिषद ने फ्री ऑफ कॉस्ट कोचिंग चलाने की मंजूरी दे दी है। संस्कृति डिपार्टमेंट के प्रो। पाठक समेत सभी 11 टीचर्स पढ़ाई के दौरान सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन की तैयारी कर चुके हैं।

दो घंटे चलेंगी क्लासेज

प्रशासनिक भवन से मिली जानकारी के मुताबिक, आर्ट फैकेल्टी की क्लासेज मॉर्निग 9 बजे से शुरू होकर 2 बजे तक चलती हैं। एक घंटे के ब्रेक के बाद 3 से 5 बजे तक सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन की तैयारी कराई जाएगी। टाइम टू टाइम बाहर से संस्कृत विषय से आईएएस या पीसीएस बने जानकारों व एक्स्प‌र्ट्स को भी बुलाया जाएगा।

संस्कृत व दर्शन शास्त्र थे लोकप्रिय

संस्कृत टीचर डॉ। कुलदीपक शुक्ला व डॉ। लक्ष्मी मिश्रा ने बताया कि दो दशक पहले तक आईएएस व पीसीएस की तैयारी करने वालों में संस्कृत व दर्शन शास्त्र बेहद लोकप्रिय था। मैथ के स्टूडेंट्स भी बड़ी संख्या में संस्कृत सब्जेक्ट से तैयारी करते थे और सफल होते थे। अब तो यूनिवर्सिटी में सीटें भरनी मुश्किल हैं। संस्कृत को स्टूडेंट्स में लोकप्रिय बनाने की यह विभागाध्यक्ष की अच्छी पहल है।

वर्जन

संस्कृत के प्रति स्टूडेंट्स की उपेक्षा का भाव अखरता है। इसे रोजगार से जोड़ने का प्रयास शुरू किया गया है। अभी सिविल सर्विसेज की कोचिंग देंगे। बाद में नेट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी कराने की स्कीम है।

- प्रो। मुरली मनोहर पाठक, एचओडी संस्कृत, डीडीयूजीयू