- मंगलवार दोपहर 2.24 पर मेदांता हास्पिटल में ली अंतिम सांस

- श्रीराम मंदिर आंदोलन की पूरी रणनीति गोरखपुर में ही बनाते थे अशोक सिंघल

GORAKHPUR : विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक व अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक सिंघल का मंगलवार दोपहर 2.24 मिनट पर गुडगांव के मेदांता हास्पिटल में निधन हो गया। अशोक सिंघल पिछले एक साल से अस्वस्थ चल रहे थे। 20 अक्टूबर को इलाहाबाद में अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को लालकृष्ण आडवाणी भी उनका हाल जानने के लिए हॉस्पिटल पहुंचे थे। उनकी मौत की खबर टीवी पर आते ही शहर में शोक की लहर दौड़ गई। चर्चा थी कि श्रीराम मंदिर आंदोलन के 'सम्राट' अशोक सिंघल का निधन हो गया। सिंघल का गोरखपुर से जुड़ाव बहुत गहरा था। श्रीराम मंदिर आंदोलन की पूरी रणनीति उन्होंने गोरखपुर में ही बनाई।

मंदिर में होता था प्रवास

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश में राम मंदिर आंदोलन की रूपरेखा बनाने की जिम्मेदारी विश्व हिन्दू परिषद पर डाल दी। आंदोलन की शुरुआत से देश के साधु-संतों को एक मंच पर लाने में अशोक सिंघल का अहम योगदान रहा। वे इसके लिए गोरखपुर आए और गोरक्षपीठ के तत्कालीन महंत अवेद्यनाथ को श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जोड़ा। कहा जाता है कि अशोक सिंघल जो भी निर्णय लेते थे, उसका अप्रूवल गोरखपुर से ही होता था। महंत अवेद्यनाथ की हामी के बाद वह निर्णय लागू होता था। उन्होंने अपने उद्घरणों में कई बार कहा कि जब मेरी बुद्धि बंद हो जाती थी तो मैं गोरखपुर आता था और महंत अवेद्यनाथ के सानिध्य में बैठकर चर्चा करता था। अशोक सिंघल जब भी पूर्वाचल के दौरे पर आते थे तो गोरखनाथ मंदिर में ही रूकते थे। गोरखपुर में उनका बालकृष्ण सर्राफ, प्रदीप ऑप्टीशियन, डॉ। महेंद्र अग्रवाल, डॉ। वीरेंद्र गुप्ता और ओम प्रकाश डिडवानिया से अच्छा परिचय था।

विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक व श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के प्रमुख योद्धा अशोक सिंहल का आकस्मिक निधन हिन्दू धर्म संस्कृति तथा श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन की अपूरणीय क्षति है। अशोक सिंघल का पूरा जीवन सनातन हिन्दू धर्म संस्कृति के लए समर्पित रहा। वे विश्व हिन्दू परिषद और श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के प्राण थे। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण का शिलान्यास अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति से करवा कर छुआछूत एवं अस्पृश्यता पर करारा प्रहार किया था।

योगी आदित्यनाथ, गोरक्षपीठाधीश्वर व सांसद

अशोक सिंघल का निधन देश की एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने देश, समाज और श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के लिए जीवनपर्यन्त संघर्ष किया। उन्होंने जाति प्रथा के खिलाफ समय-समय पर देश और समाज को जागरूक किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

डॉ। सत्या पांडेय, मेयर