- बिजली विभाग के गजब कारनामे, एक तरफ सड़ रहे नए ट्रांसफॉर्मर, दूसरी तरफ झेल रहे लोग
- छह माह पहले स्काडा के तहत विभाग ने लगाया 40 नए ट्रांसफॉर्मर्स लेकिन नहीं हुए चालू
नंबर गेम
- 128 ट्रांसफॉर्मर्स पर 20 से 40 प्रतिशत तक है ओवरलोड।
- 60 ओवरलोडेड ट्रांसफॉर्मर्स हैं सिटी के बाहरी व पुराने एरियाज में।
- 30 ओवरलोडेड ट्रांसफॉर्मर्स हैं शहर के मेन मार्केट वाले एरिया में।
- 10 ओवरलोडेड ट्रांसफॉर्मर्स हैं सिटी के वीआईपी एरियाज में।
- 1645 कुल ट्रांसफॉर्मर्स से होती सप्लाई।
- 17 कुल सब स्टेशन से होती है शहर में बिजली सप्लाई।
-1.65 लाख उपभोक्ता
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केस-1
राप्तीनगर चौराहा पर जनवरी 2017 में 250 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया गया। ब्लॉक में लगा ट्रांसफॉर्मर ओवरलोडेड था, जिससे निजात दिलाने के लिए यह ट्रांसफॉर्मर लगाया गया लेकिन चार माह हो गए। अभी तक ट्रांसफॉर्मर चालू नहीं हुआ है। यह चालू हो जाता तो लगभग 500 परिवार को लो वोल्टेज से निजात मिल जाती।
केस-2
बशारतपुर सुडि़या कुआं के पास दिसंबर 2016 में ही 250 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया गया। इस ट्रांसफॉर्मर से बशारतपुर पानी टंकी के पास के एरिया में बिजली सप्लाई दी जानी थी, लेकिन अभी तक ट्रांसफॉर्मर ही चालू नहीं किया गया। यहां लो वोल्टेज की स्थिति यह है कि लगभग 800 परिवार को शाम के समय पानी भरने के लिए अपने पड़ोसियों का मोटर बंद करने के लिए कहना पड़ता है।
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GORAKHPUR: बिजली विभाग अपने कारनामों के लिए हमेशा चर्चा में बना रहता है। अभी गर्मी शुरू ही हुई है कि नया कारनामा लोगों के जुबान पर छा गया है। एक तरफ सिटी के वीआईपी एरियाज से लेकर तमाम कॉलोनियों में लगे ट्रांसफॉर्मर्स ओवरलोड से जूझ रहे हैं, वहीं इस समस्या से निजात दिलाने के लिए छह माह पहले लगाए गए करीब 40 ट्रांसफॉर्मर्स चालू ही नहीं किए गए। स्काडा योजना के तहत मोहल्लों में 250 केवीए से 400 केवीए तक की क्षमता के ट्रांसफॉर्मर्स लगाकर विभाग भूल गया। यहां तक कि कार्यदायी संस्था ने इसे टेस्ट तक नहीं किया। इस लापरवाही के कारण ओवरलोड वाले एरियाज में लो वोल्टेज के कारण हजारों लोग परेशान हैं।
कब चालू होंगे ट्रांसफॉर्मर्स
2014 में ही महानगर में बिजली विभाग द्वारा 88 करोड़ रुपए की लागत से स्काडा योजना शुरू की गई। इसके तहत शहर में तार बदलने के साथ ही ओवरलोड वाले एरिया में नए ट्रांसफॉर्मर लगाने की योजना थी। नवंबर 2016 में शहर के 40 मोहल्लों में नए ट्रांसफॉर्मर्स लगाए गए। बिजली विभाग के ओवरलोड एरिया के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ये ट्रांसफॉर्मर्स लगाए गए लेकिन ट्रांसफॉर्मर्स लगे छह माह बीत गए और विभाग व कार्यदायी संस्था दोनों ही भूल गए हैं।
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यह है नियम
- ट्रांसफॉर्मर्स लगाने के बाद कार्यदायी संस्था को पहले चेकिंग रिपोर्ट विभाग को देनी चाहिए।
- रिपोर्ट मिलने के बाद बिजली विभाग ट्रांसफॉर्मर को टेस्ट करता है।
- टेस्ट में ओके पाए जाने पर इसे चालू किया जाता है।
- कार्यदायी संस्था ने कोई रिपोर्ट ही नहीं दी इस कारण न टेस्ट हुआ और न ही चालू हुआ।
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बढ़ रहे कंज्यूमर्स तो बढ़ रहा है लोड
शहर में सबसे अधिक ट्रांसफॉर्मर्स राप्तीनगर एरिया में हैं। शहर के विस्तार वाले एरियाज में कंज्यूमर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है इस कारण इन एरियाज में लोड भी बढ़ रहा है। बिजली विभाग के ही आंकड़े को मानें तो राप्तीनगर एरिया में लोड बढ़ने पर 15 नए ट्रांसफॉर्मर लगाए गए। लेकिन इनमें सिर्फ 5 ही चालू हो पाए हैं। कुछ जगहों पर कार्यदायी संस्था द्वारा बिना हाईटेंशन लाइन बनाए ही ट्रांसफॉर्मर लगा दिया गया है। जिसके कारण बिजली विभाग ट्रांसफॉर्मर चालू करने से हाथ खड़े कर दिया है। वहीं जहां 33 हजार की लाइन है और वहां 250 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगा दिया गया है। इस कारण लो वोल्टेज की दिक्कत हो रही है।
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ओवरलोड से यह हो रही समस्या
1. लो वोल्टेज
2. अनचाही बिजली कटौती
3. लोकल फॉल्ट
4. हाई वोल्टेज की संभावना
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इन एरियाज में है ओवरलोड की समस्या
पुराने एरियाज
- जाफरा बाजार
- घासीकटरा
- तिवारीपुर
- खोखरटोला
- इलाहीबाग
- दीवान बाजार
- अली नगर
- रसूलपुर
- दशहरीबाग
मार्केटिंग एरियाज
- रेती चौक
- जलकल बिल्डिंग
- बेतियाहाता भगत सिंह चौराहा
- रायगंज
- पांडेयहाता
- शाहमारूफ
- सुमेरसागर
- गोरखनाथ झूलेलाल मंदिर रोड
- असूरन चौक
वीआईपी एरियाज
- बेतियाहाता हनुमान मंदिर
- दाउदपुर
- पार्क रोड
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वर्जन
ट्रांसफॉर्मर चालू करने के लिए कार्यदायी संस्था को नोटिस दी गई है। पिछले दो माह से इनका भुगतान रोक दिया गया है। अधूरा कार्य जब तक पूरा नहीं करेंगे तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा।
- एके सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम