- पेट्रोल व डीजल के बढ़ते जा रहे रेट से डेली व्हीकल यूजर्स हलकान

- टारगेट बेस्ड जॉब करने वालों का मासिक बजट हुआ डिस्टर्ब

GORAKHPUR: पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी ने हर वर्ग के लोगों का बजट बिगाड़ना शुरू कर दिया है। टारगेट बेस्ड जॉब वाले लोग इससे खासे हलकान हैं। कंपनी की ओर से उन्हें मिलने वाला फिक्स बजट, फ्यूल के रेट बढ़ने से गड़बड़ा गया है। कुछ ऐसे ही गोरखपुराइट्स ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट से अपनी समस्याएं बताईं।

अपनी जेब से उठा रहे बोझ

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम ने बुधवार को सिटी के कई पेट्रोल पंप्स पर लोगों से बात की। मोहद्दीपुर रोड स्थित पांडेय पेट्रोल पंप पर मिले डॉ। सज्जन कुमार, डॉ। मनोरंजन द्विवेदी, मनीष, मनोज, सुरेश आदि लोगों का कहना था कि पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार बढ़ोत्तरी ने बजट पूरी तरह बिगाड़ दिया है। पेशे से मेडिकल रिप्रजेंटेटिव धर्मेद्र मिश्रा ने बताया कि कंपनी की तरफ से फ्यूल के नाम पर फिक्स अमाउंट मिलता है। लेकिन पेट्रोल के बढ़ते दाम ने उनका बजट बिगाड़ दिया है। बढ़े दाम के चलते डेली जर्नी में अपनी जेब से एक्स्ट्रा खर्च करना पड़ जा रहा है। उनका कहना है कि पेट्रोल के दाम पर अंकुश लगना चाहिए। सरकार को इस पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है। कुछ ऐसी ही परेशानी राधिका कॉम्प्लेक्स में कोरियर का काम करने वाले मनोज गुप्ता की भी है। वे बताते हैं कि उन्हें डेली सुबह से शाम तक कोरियर बांटने होते हैं, लेकिन पेट्रोल के बढ़ते दाम से उनके घर का बजट डिस्टर्ब हो गया है। पहले जहां वह दो हजार रुपए पेट्रोल पर खर्च कर रहे थे। वहीं अब खर्चा 2500 रुपए हो गया है।

वहीं धर्मशाला बाजार के पास स्थित पेट्रोल पंप पर मिले बहुत से प्राइवेट जॉब वाले लोग भी इसी समस्या से परेशान दिखे। स्कूल टीचर रिचा वर्मा ने बताया कि उन्हें डेली स्कूटी से स्कूल जाना होता है। लेकिन पेट्रोल के रेट में बेतहाशा वृद्धि से दिक्कतें काफी बढ़ गई हैं। जरूरत होने पर ही वे स्कूटी से कहीं जाती हैं। पेट्रोल के दाम बढ़ने से घर का बजट भी चौपट होना शुरू हो गया है। वहीं, एमआर अजय कुशवाहा तो पेट्रोल रेट बढ़ोत्तरी से खासा परेशान दिखे। उनका कहना है कि डेली बाइक से चलना होता है, लेकिन पेट्रोल के दाम बढ़ने से दिक्कत बढ़ गई है। पहले चार लीटर भरवा लेते थे तो पांच दिन चल जाता था। लेकिन अब तीन दिन ही चल रहा है। पेट्रोल खर्च के नाम पर कंपनी से 1800 रुपए मिलते हैं लेकिन कम पड़ जाता है।

बुधवार को ये रहा रेट

फ्यूल रेट

पेट्रोल सादा 77.69

पेट्रोल स्पीड 80.10

डीजल 68.31

मंगलवार को ये था रेट

फ्यूल रेट

पेट्रोल सादा 77.80

पेट्रोल स्पीड 80.30

डीजल 68.65

सिटी में पेट्रोल पंप की संख्या

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन - 12

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन - 20

हिंदुस्तान पेट्रोलियम - 10

कोट्स

पेट्रोल के दाम पर अंकुश लगना चाहिए। कंपनी की तरफ से फ्यूल खर्च के अलग से पैसे मिलते हैं लेकिन फिक्स एमाउंट होने के कारण बाकी का बजट खराब हो जाता है। सरकार को इस पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है।

- धर्मेद्र मिश्रा, एमआर

पेट्रोल के दाम बढ़ने से बहुत दिक्कत हो गई है। सरकार को इस तरह से पेट्रोल के बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने की जरूरत है। बुधवार को ही 35 पैसा प्रति लीटर पेट्रोल का रेट बढ़ गया। 77.69 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दो लीटर पेट्रोल भरवाया है। वह भी अगले दिन खत्म हो जाएगा।

मनोज गुप्ता, प्राइवेट एंप्लाई

मुझे डेली स्कूटी से स्कूल जाना होता है, लेकिन पेट्रोल के बेतहाशा वृद्धि से दिक्कतें काफी बढ़ गई हैं। जरूरत होती है तभी स्कूटी का इस्तेमाल करती हूं। घर से निकलने में भी कई बार सोचना पड़ रहा है। पेट्रोल के दाम बढ़ने से घर का बजट भी चौपट होना शुरू हो गया है।

- रिचा वर्मा, टीचर

डेली बाइक से चलना होता है, लेकिन पेट्रोल के दाम बढ़ने से दिक्कत तो बढ़ गई है। पहले चार लीटर भरवा लेते थे तो पांच दिन चल जाता था। लेकिन अब तीन दिन ही चल रहा है। पेट्रोल खर्च के नाम पर 1800 रुपए मिलते हैं, लेकिन कम पड़ जाता है।

- अजय कुशवाहा, एमआर

वर्जन

बहुत जल्द सरकार पेट्रोल व डीजल की बढ़ रही कीमत पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने पेट्रोल और डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही है। जल्द ही इससे लोगों को निजात मिलेगी।

- शिव प्रताप शुक्ला, वित्त राज्य मंत्री, केंद्र सरकार