न राशन, न सब्जी, न हुई दुकानदारी, जिला प्रशासन की होम डिलीवरी की हो गई किरकिरी

- कंप्लीट लॉकडाउन के बाद जिला प्रशासन की तरफ से बंद की गई चार घंटे की ढील

- पहल दिन ही फ्लाप हुई होम डिलीवरी की नई व्यवस्था, फेल दिखा कंट्रोल रूम

GORAKHPUR: हैलो सर, कंट्रोल रूम से बोल रहे हैं। सर मेरे घर में न तो राशन है और न ही दूध और ब्रेड। बच्चे भूखे हैं यह दर्द है सेंट एंड्रयूज इंटर कॉलेज के बगल में रहने वाले एजुकेशनिस्ट अखिलेश सिंह का। अखिलेश ही नहीं बिल्क एनई रेलवे सीपीआरओ आफिस से रिटायर्ड शिव प्रसाद मिश्रा ने भी कंप्लेन की दूध, सब्जी, राशन और दवा की होम डिलीवरी का नया सिस्टम फेल है। प्रशासन द्वारा जारी किए गए नंबर्स पर कोई कॉल मिल नहीं रही है। गैस सिलेंडर के लिए न तो हॉकर ही आया और ना ही अखबार। यह दो लोगों की समस्या तो महज उदाहरण है। सिटी में ऐसे हजारों परिवार हैं जो कंप्लीट लॉकडाउन के बाद प्रशासन द्वारा खत्म की गई चार घंटे की ढील के चलते बुनियादी चीजों के लिए तरसते रहे। ये लोग गुरुवार को दिनभर रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए कंट्रोल रूम और जारी जनरल मर्चेट के नंबर्स पर कॉल करते रहे लेकिन सुविधा का लाभ नहीं मिल सका। जब इस समस्या के जड़ की तलाश में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ई-डिस्ट्रक्ट में बनाए गए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम पहुंचा तो जिला प्रशासन के जिम्मेदारों की पोल खुलती नजर आई।

दिन भर बजती रही फोन की घंटी, नहीं मिला सामान

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर गुरुवार की दोपहर करीब 12.20 बजे ई-डिस्ट्रक्ट में बनाए गए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम पर पहुंचा तो वहां सुबह 6 बजे से दोपहर दो बजे के बीच तैनात डीआरडीए के निदेशक राम सिंह मिले जो कंट्रोल रूम के प्रभारी हैं। वहीं पब्लिक की तरफ से आ रहे कॉल्स रिसीव करने के लिए राजेश चौबे, अखिलेश पांडेय, नत्थू कुशवाहा, मृत्युंजय शमरं, अनिल सिंह व राजकुमार यादव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की मॉनिटरिंग कर रहे थे। ये सभी जिलेभर से आ रहे कॉल्स पर पब्लिक को सब्जी, राशन और दूध आदि आइटम्स किस दुकान से मिलेंगे, इसके लिए नंबर्स प्रोवाइड करते दिखे। इनके दिए नंबर्स पर पर पब्लिक कॉल लगाती रही, लेकिन कहीं भी पब्लिक को होम डिलीवरी की सुविधा नहीं मिल पा सकी। जबकि जिला प्रशासन के अधिकारियों का यह दावा रहा कि जिलेभर के दुकानदारों की बनाई गई सूची में दर्ज दुकानदार घर-घर राशन, दूध समेत अन्य जरूरी सामान पहुंचाएंगे। जबकि हकीकत में ऐसा नजर नहीं आया।

साहब के दफ्तर में ही लगी रही भीड़

वहीं टीम कुछ देर बाद एडीएम एफआर के ऑफिस के पास पहुंची तो दुकानदारों के पास बनाए जा रहे थे। लेकिन दुकानदारों की भीड़ प्रिकॉशन की धज्जियां उड़ा रही थी। मार्केट से पब्लिक को हटाकर खुद के दफ्तर में ही साहब ने भीड़ बुला ली जबिक कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक मीटर की दूरी तय की गई है लेकिन ये सभी कवायदें बेअसर नजर आईें।

दुकानदारों को दिए गए पास

टीम सदर तहसील में पहुंची तो वहां ठेले खोमचे वाले से लगाए जनरल मर्चेट का नाम, पता और एड्रेस प्रूफ लेकर कार्ड बनाए जा रहे थे। यहां तहसीलदार न्यायिक संगीता गुप्ता, नायब तहसीलदार नीलम तिवारी, नायब तहसीलदार राधेश्याम गुप्ता व रजिस्ट्रार कानूनगो उमेश प्रसाद द्विवेदी मास्क लगाए डिटेल्स लेते नजर आए। एसडीएम सदर गौरव सिंह सेंगरवाल ने बताया कि अभी तक कुल 1300 किराना, 700 मेडिकल, 850 सब्जी की दुकान व 250 दूध वालों के पास जारी िकए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि हमारी कोशिश है कि ब्लॉक व तहसील स्तर पर भी काउंटर बना दिए जाएं ताकि दुकानदारों को आसानी से पास जारी किया जा सके।

फैक्ट फिगर

तीन शिफ्ट में हो रही इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में ड्यूटी

- सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक

- दोपहर 2 से रात 10 बजे तक

- रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक

नोट - प्रभारी समेत 6 कर्मचारियों की लगाई गई है ड्यूटी।

इन नंबर्स पर करनी हैं कॉल्स

- 0551-2201796, 2202205, 2204196, 9454416252

बॉक्स

तो क्या वाकई मिलेगी सुविधा

एसडीएम सदर गौरव सिंह सेंगरवाल ने बताया कि बुधवार पूरी रात सब्जी, किराना और दूध वालों की सूची तैयार की गई तब जाकर गुरुवार की सुबह 5.30 बजे तक सूची पब्लिक के लिए सार्वजनिक की गई। हालांकि जो सूची बनाई गई है उसे अपडेट किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन की बनाई ये सूची पब्लिक के लिए कितनी फायदेमंद साबित होगी, यह पहले ही दिन कंट्रोल रूम में आने वाली कॉल्स से पता लग गया।

वर्जन

जिन भी दुकानदारों को अपना पास बनवाना है वो कंट्रोल रूम या एडीएम फाइनेंस के ऑफिस आ सकते हैं। इसके लिए काउंटर बनाया गया है ताकि लोगों को होम डिलीवरी की जा सके। सिटी की शॉप्स के जरिए पब्लिक होम डिलीवरी की सुविधा प्राप्त कर सकती है।

- के विजयेंद्र पांडियन, डीएम

कोट्स

कंट्रोल रूम को कॉल किया लेकिन जो नंबर दिया गया उसपर कॉल करने पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। मुझे लगता है कि इन सभी दुकानदारों की प्रॉपर काउंसिलिंग भी कराई जानी चाहिए।

शालिनी मेहता, कस्टमर

प्रशासन ने जो कंट्रोल नंबर बनाया है वह तो सही है लेकिन सब्जी, दूध जैसी जरूरी चीजों की प्रॉपर होम डिलीवरी भी तो हो। जो नंबर दिए गए हैं वे मिल ही नहीं रहे हैं।

संजय, कस्टमर

इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारियों ने रिस्पॉन्स दिया लेकिन जो नंबर दूध वाले का दिया गया, वह रिसीव ही नहीं हो रहा है।

जितेंद्र, कस्टमर

सब्जी की जरूरत थी। दोपहर में कॉल किया तो उसने कॉल ही नहीं रिसीव किया। अगर यही हाल रहा तो पब्लिक भूखी मर जाएगी। इसमें सुधार की जरूररत है।

सर्वेश श्रीवास्तव, कस्टमर

बॉक्स

सब्जी की भी हो रही किल्लत

कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश पूरी तरह से लॉकडाउन पर है। उधर गोरखपुराइट्स तक फल और हरी सब्जी पहुंचाने के लिए होम डिलेवरी की जा रही है। इसके लिए 50 से अधिक छोटी गाडि़यों को रवाना किया गया। इसके बावजूद भी लोगों को सब्जियां नहीं पहुंच पा रही हैं। जहां पहले सिटी में पांच हजार क्विंटल हरी सब्जियां सप्लाई होती थीं, अब यह सिर्फ 500 क्विंटल ही सप्लाई हो रही है। इस दशा में लोगों के सामने फल-सब्जियों का संकट गहरा गया है।