- डीपीआर हो चुका है तैयार, शासन को भेजा जा चुका है प्रपोजल
- एडवेंचरस स्पोर्ट्स के साथ ही टूरिस्ट को अट्रैक्ट करने के लिए होगा काफी कुछ इंतजाम
- 71.5 करोड़ की लागत से होगा कायाकल्प
GORAKHPUR: गोरखपुर के मोस्ट अवेटेड और ड्रीम प्रोजेक्ट रामगढ़ताल में वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की उम्मीदों को अब पंख लगने लगे हैं। इसके लिए जिम्मेदारों ने डीपीआर तैयार कर शासन को स्वीकृति के लिए भेज दिया है। कॉम्प्लेक्स तैयार करने में 71.5 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। सबकुछ ठीक रहा तो इस साल गोरखपुराइट्स को वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की सौगात मिलेगी और शहर में लोगों को बेहतर टूरिस्ट स्पॉट मिल जाएगा, जहां वह अपने वीकेंड्स और छुट्टियों में टाइम स्पेंट करने के लिए जा सकेंगे। वॉटर स्पोर्ट्स स्टार्ट होने में थोड़ा वक्त जरूर लगेगा, लेकिन इस साल यहां बोटिंग की फैसिलिटी ि1मलने लगेगी।
बोटिंग और पैराग्लाइडिंग करेगा अट्रैक्ट
शहर में यूं तो टूरिस्ट को अटै्रक्ट करने के लिए गीता प्रेस, गोरखनाथ मंदिर और वर्ल्ड लांगेस्ट प्लेटफॉर्म के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं है। मगर रामगढ़ताल में शुरू होने वाले वॉटर स्पोर्ट्स के बाद अब विदेशी के अलावा पूर्वाचल ही नहीं बल्कि प्रदेश के रहने वाले लोग भी अट्रैक्ट होंगे। ऐसा इसलिए कि गोरखपुर के अलावा ऐसी झील उत्तराखंड या फिर मुंबई में ही मिलेगी। इसमें बोटिंग का लुत्फ तो लिया ही जा सकेगा, वहीं पैराग्लाइडिंग जैसे एडवेंचरस स्पोर्ट्स भी लोगों को अपनी ओर खींचने के लिए काफी हैं। विंड सर्फिंग, स्कूबा डाइविंग और राफ्टिंग भी शुरू करने की प्लानिंग की जा रही है।
दी जाएगी वॉटर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग
स्कीम पूरी होने पर इसके रख-रखाव के लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट को एक ऑफिस भी यहां ओपन होगा। गोरखपुर में बनने वाले इस स्पोर्ट्स कॉलेज के स्टूडेंट्स को वॉटर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके लिए भी एक अलग बिल्डिंग बनाई जाएगी। साथ ही टूरिस्ट के ठहरने के लिए होटल भी खोले जाएंगे। रामगढ़ताल के पॉल्युशन का लेवल नियमित रूप से जांच कराई जाएगी और इस बात पर खास ध्यान होगा कि इसमें गिरने वाले नाले ट्रीटमेंट प्लांट से होकर ही गुजरें।
स्पॉट इनसे बनेगा खास -
रिटेनिंग वॉल
पैदल चलने के लिए रास्ता
जॉगिंग ट्रैक
फव्वारा
एलईडी लाइट
लार्ड बुद्धा का स्टेचू
कॉर्पेट ग्रास
वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का प्रपोजल तैयार कर भेज दिया गया है। इसका काम इस फाइनेंशियल इयर में शुरू हो जाएगा। प्रोजेक्ट कंप्लीट होने में 2020 तक का वक्त लगेगा। लेकिन टूरिस्ट के लिए बोटिंग और कुछ बुनियादी सुविधा इस साल की शुरुआत से ही मिलने लगेगी।
- रविंद्र कुमार, रीजनल टूरिज्म ऑफिसर