- एक दूसरे से मिलने में कर रहे परहेज, मोबाइल से दिनभर हालचाल

- बेहद जरूरी कामों पर ही घर से निकल रहे लोग, नहीं होता मेल-मिलाप

<- एक दूसरे से मिलने में कर रहे परहेज, मोबाइल से दिनभर हालचाल

- बेहद जरूरी कामों पर ही घर से निकल रहे लोग, नहीं होता मेल-मिलाप

GORAKHPUR: GORAKHPUR: कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग काफी अहम है। लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग की आदत लोगों में पड़ गई। हर किसी से एक निश्चित दूरी रखकर लोग काम कर रहे हैं। आम दिनों की तरह मोहल्ले में भी लोगों के घरों का आना-जाना छूट गया है। नात-रिश्तेदारों से मुलाकात ऑनलाइन हो गई है। वीडियो कॉलिंग के जरिए लोग एक दूसरे से जुड़ रहे हैं। मोहल्लों में लोगों ने एक दूसरे से कह दिया है कि हमारे घर आने के बजाय फोन से ही हालचाल पूछ लें तो बेहतर होगा। शहर के कई मोहल्लों में बाहरी का आना मना है का नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है इसलिए लोगों की आवाजाही भी कम हो गई है।

कोरोना संक्रमण रोकने को उठाया कदम

एक दूसरे से मिलने-जुलने पर वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा है। इसलिए लॉकडाउन के पहले से ही सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए गाइडलाइंस जारी हुईं। लोग अपने घरों के भीतर रहकर कोरोना से सुरक्षित रहें। इसके लिए लॉकडाउन भी लागू किया गया। इस दौरान जिस तरह से लोगों का बाहर घूमना फिरना बंद हो गया। उसी तरह से एक दूसरे से मिलने-जुलने पर पहरेज करते हुए लोगों ने घर आने से मना कर दिया। मोहल्लों के बाहर इस बात के नोटिस लग गए कि किसी बाहरी का आना मना है। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए लोगों ने यह कदम उठाया।

मोबाइल का सहारा, बातचीत से मिलता हालचाल

सोशल डिस्टेंसिंग से लोगों के बीच मुलाकात बंद हुई तो मोबाइल फोन जुड़ाव का जरिया बन गया। दोस्त हों या रिश्तेदार, सभी से बातचीत के लिए मोबाइल फोन से लोग जुड़ रहे हैं। वीडियो कॉलिंग के लिए पूरा परिवार अपने रिश्तेदार, मित्र, शुभचिंतक और परिचितों का हालचाल ले रहा है। कभी नाना-नानी तो कभी दादा-दादी तो कभी बुआ-फूफा सहित अन्य रिश्तेदारों से ऑनलाइन मुलाकात हो रही है।

कोरोना में सोशल डिस्टेंसिंग के फायदे

- संक्रामक बीमारियों को रोकने के लिए अलग की तरह का तरीका है।

- सोशल डिस्टेंसिंग से बीमारी के फैलने और उससे होने वाली मौत को रोकने में मदद मिलती है।

- वर्तमान में इसका अर्थ है कि अनावश्यक एक दूसरे के संपर्क में न रहना, बेवजह घर से न निकलना।

- किसी से हाथ मिलाने और मिलने-जुलने से बचाव करने पर वायरस का संक्रमण रोका जा सकेगा।

कोट्स

कोरोना का संक्रमण रोकने की हम सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए हम लोगों ने किसी के घर आना-जाना छोड़ दिया। हमारे जितने भी रिलेटिव शहर में हैं। उनका हालचाल लेने के लिए रोजाना वीडियो कॉलिंग का सहारा लेते हैं।

जावेद अहमद, बिजनेसमैन

लॉकडाउन के कारण क्लिनिक बंद चल रही है। फैमिली संग हम लोग घर पर हैं। पेशेंट्स हों या हमारे परिचित, सभी लोगों से दूरी बनी हुई है। जरूरत पड़ने पर हम लोग ऑनलाइन होकर एक दूसरे से अपनी प्रॉब्लम शेयर करते हैं। पेशेंट्स को भी ऑनलाइन सलाह दी जा रही है।

डॉ। परवेज इकबाल, डेंटिस्ट

सभी के लिए सोशल डिस्टेंसिंग काफी जरूरी है। इसलिए पूरी सावधानी बरती जा रही है। कोरोना का संक्रमण खत्म होने तक सभी को सोशल डिस्टेंसिंग पर फोकस करना है। नजदीकी बढ़ाने में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जाएगा।

धीरेंद्र सिंह बघेल, बिजनेसमैन