--ब्यूरोक्रेट्स के साथ ही आम लोगों में भी चर्चा का विषय बना चीफ सेक्रेटरी का बार-बार बदला जाना

--मात्र 40 दिन के बाद सुधीर प्रसाद को हटाकर दोबारा सजल चक्रवर्ती को बनाया गया है चीफ सेक्रेटरी

RANCHI (6 Oct): झारखंड के मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद को उस वक्त हटा दिया गया जब वे छुट्टी पर अमेरिका गए हुए हैं। आखिर ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि सरकार ने उनके छुट्टी से आने का इंतजार भी नहीं किया और फिर से सजल चक्रवर्ती को चीफ सेक्रेटरी बना दिया। इन दिनों तमाम ब्यूरोक्रेट्स के साथ ही सचिवालय और आम लोगों में इस बात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। इस बात की भी चर्चा है कि सुधीर प्रसाद को सरकार ने बड़े अरमान के साथ मुख्य सचिव बनाया था, उन्हें मात्र ब्0 दिनों में ही हटाने की नौबत क्यों आ गई। लोगों का कहना है कि आखिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस फैसले के पीछे की वजह क्या है।

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कमजोर मुख्यमंत्री हैं हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कमजोर मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री के आदेश को सचिवालय के सचिव से लेकर मुख्य सचिव नहीं मानते हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कुछ खास लोगों से घिरे हुए हैं। वे लोग जो कहते हैं मुख्यमंत्री वहीं करते हैं, इसी का नतीजा है कि मुख्यमंत्री की जिन फाइलों को क्लियर करने का आदेश अपने सचिवों को देते हैं वह आदेश लटका दिए जाते हैं। जिस कारण अधिकतर मीटिंग में मुख्यमंत्री को शर्मिदगी का सामना करना पड़ता है। इस तर्क के पीछे ठोस वजहें भी हैं।

मुख्यमंत्री की सहमति के बगैर छुट्टी पर गए

झारखंड के मुख्य सचिव पद पर सुधीर प्रसाद की नियुक्ति क्ब् अगस्त को की गई थी। माना जा रहा था कि इसके पहले प्रभारी मुख्य सचिव रहे सजल चक्रवती फाइलों को निपटाने में लेट-लटीफी करते थे। ऐसे में विकास आयुक्त सुधीर प्रसाद को मुख्य सचिव हेमंत सोरेन ने बड़े अरमान के साथ बनाया था। चुनावी साल होने के कारण झारखंड में चुनाव की कभी भी घोषणा हो सकती है। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चाहते थे कि जल्द से जल्द पेंडिंग फाइलों का निपटारा हो। इसके साथ ही झारखंड में सेल, टाटा और यूसीएल कंपनियों के लीज के नवीनीकरण का जो मामला है, उसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए। लेकिन चीफ सेक्रेटरी सुधीर प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बिना भरोसे में लिए ख्म् सितंबर से अमेरिका जाने का क्0 दिन का प्रोग्राम बना लिया। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। इसके बाद भी सुधीर प्रसाद ख्म् सितंबर को अमेरिका दौरे पर छुट्टी पर चले गए, जो उनके हटने की वजह बनी।

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टाटा, सेल और यूसीएल के लीज नवीनीकरण के पक्ष में नहीं थे मुख्य सचिव

सितंबर में झारखंड सरकार को टाटा, सेल और यूसीएल कंपनी के लीज का नवीनीकरण करना था। यह एक विवादित मामला था। मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद इससे बचना चाहते हैं। ऐसे में जब इस लीज के नवीनीकरण को लेकर झारखंड सरकार की कैबिनेट मीटिंग हुई तो उस समय सुधीर प्रसाद अमेरिका में थे और उनकी जगह मुख्य सचिव का चार्ज लेकर काम कर रहे सचिव आरएस पोद्दार भी इस मीटिंग से नदारद रहे। जबकि नियम के अनुसार लीज का मामला एक टेक्निकल इशू है और इसमें मुख्य सचिव और विकास आयुक्त का मौजूद रहना जरूरी है। बताया जाता है कि इनकी अनुपस्थिति से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन काफी नाराज थे।

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सलाहकार के दबाव में काम करते हैं मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अपने फैसले खुद लेने में बहुत सक्षम नहीं हैं। ऐसे में वह अपने अधिकतर फैसले अपने सलाहकार के दबाव में लेते हैं। समय-समय पर इस बात की पुष्टि भी होती रही है। क्फ् अगस्त को जब झारखंड के प्रभारी मुख्य सचिव रहे सजल चक्रवर्ती को हटाकर विकास आयुक्त रहे सुधीर प्रसाद को मुख्य सचिव बनाने का फैसला हुआ तो इससे नाराज होकर मुख्यमंत्री के सलाहकार हिमांशु चौधरी दिल्ली चले गए थे और उन्होंने मीडिया से बात करके मुख्यमंत्री के इस फैसले पर अपनी नाराजगी भी जताई थी। इसके पहले जब क् मई को जब नागर विमानन विभाग के प्रधान सचिव रहे सजल चक्रवर्ती को झारखंड का प्रभारी मुख्य सचिव बनाने की घोषणा हुई थी उस समय भी सुधीर प्रसाद का नाम मुख्य सचिव पद के लिए चला था, लेकिन अंतिम समय में उनका नाम कट गया था।

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प्रशासनिक समझ का है अभाव

फ्0 सितंबर को अपनी छुट्टी मनाने के लिए राजस्व परिषद पर्षद के प्रधान सचिव सजल चक्रवर्ती जमशेदपुर जा रहे थे। इसी बीच रास्ते में मुख्यमंत्री ने उनको सूचना भिजवाई कि उनको झारखंड का नया मुख्य सचिव बनाने का फैसला लिया गया है। आनन-फानन में सजल चक्रवर्ती रांची वापस आए और शाम 7 बजकर फ्0 मिनट पर सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर जाकर उनके साथ मीटिंग की। इसके बाद उसी दिन रात 9 बजकर क्भ् मिनट पर सजल चक्रवर्ती को झारखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त होने की अधिसूचना जारी कर दी गई। चौंकानेवाली बात यह भी थी कि इस बार उन्हें प्रभारी नहीं बल्कि पूर्णकालिक मुख्य सचिव बनाया गया। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जिस प्रभारी मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती को कुछ महीने पहले हटाया गया था, उन्हें किस मजबूरी वश मुख्यमंत्री फिर से मुख्य सि1चव बना दिए।

मात्र ख्7 दिन ही कार्यदिवस रहा सुधीर प्रसाद का

सुधीर प्रसाद को झारखंड का मुख्य सचिव बनाने की अधिसूचना क्ब् अगस्त को जारी की गई थी। क्म् अगस्त को उन्होंने अपना चार्ज लिया था। इसके बाद वह ख्म् सितंबर से क्0 दिनों की छुट्टी पर अमेरिका चले गए। चूंकि झारखंड सचिवालय में शनिवार और रविवार अवकाश रहता है ऐसे में वह मात्र अपने डेढ़ महीने के कार्यकाल में मात्र ख्7 दिनों तक ही कार्य दिवस पर रहे।

झारखंड में अब तक रहे मुख्य सचिव का कार्यकाल

नाम कार्यकाल

क्। वीएस दूबे क्भ् नवंबर ख्000 से फ्क् जुलाई ख्00ख्

ख्। जी कृष्णन क् अगस्त ख्00ख् से फ्क् मार्च ख्00फ्

फ्। एके मिश्रा क् अप्रैल ख्00फ् से फ्क् अक्टूबर ख्00फ्

ब्। लक्ष्मी सिंह क् नवंबर ख्00फ् से क्फ् दिसंबर ख्00ब्

भ्। पीपी शर्मा क्ब् दिसंबर ख्00ब् से क्8 जनवरी ख्00म्

म्। एमके मंडल क्9 जनवरी ख्00म् से ख्8 फरवरी ख्007

7. एके चुग क् मार्च ख्007 से क्भ् अगस्त ख्007

8. पीपी शर्मा क्म् अगस्त ख्007 से ख्ब् फरवरी ख्008

9. एके बसु ख्भ् फरवरी ख्008 से फ्क् अगस्त ख्009

क्0. शिव बसंत क् सितंबर ख्009 से ख् अप्रैल ख्0क्0

क्क्। एके सिंह फ् अप्रैल ख्0क्0 से क्भ् मार्च ख्0क्ख्

क्ख्। एसके चौधरी क्म् मार्च ख्0क्ख् से फ्क् मार्च ख्0क्फ्

क्फ्। आरएस शर्मा क् अप्रैल ख्0क्फ् से फ्0 अप्रैल ख्0क्ब्

क्ब्। सजल चक्रवर्ती (प्रभारी सीएस) क् मई ख्0क्ब् से क्फ् अगस्त ख्0क्ब्

क्भ्। सुधीर प्रसाद (प्रभारी सीएस) क्ब् अगस्त से फ्0 सितंबर

क्म्। सजल चक्रवर्ती क् अक्टूबर से लेकर अबतक