GORAKHPUR: दीक्षांत समारोह में नन्हे स्टूडेंट्स शामिल हुए हैं। इन्हें बुलाने के पीछे मकसद यही रहा कि दीक्षांत समारोह क्या होता है ये भी तो समझें। आखिर किस प्रकार टॉपर्स को सम्मानित किया जाता है यह बातें इन्हें भी पता चली चाहिए। ये बातें डीडीयूजीयू के दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहीं कुलाधिपति व गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहीं। उन्होंने कहा कि आज जिन टॉपर्स को गोल्ड मेडल मिला है उन्हें देश की सेवा के साथ-साथ अच्छे पद पर पहुंचकर यूनिवर्सिटी का नाम रोशन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी यूनिवर्सिटी आज भी क्वालिटी बेस्ड एजुकेशन देने में बहुत पीछे है। इसे श्रेष्ठता सूची में शामिल करना होगा। इसके लिए हमें नई खोज में लगना होगा। भारत में नई-नई खोज होनी चाहिए। इसके लिए रिसर्च पर ध्यान देना होगा। हमारे टीचर्स को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। शिक्षा हर जगत में फैलाना हमारा मकसद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पिछले कई वर्षो से टॉपर्स की सूची में लड़कियां ही बाजी मार रही हैं। कहीं न कहीं यह साबित हो गया है कि लड़कियां अब आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने टॉपर्स को संबोधित करते हुए कहा कि पैरेंट्स बच्चों को अच्छी शिक्षा दें लेकिन उनकी शादी के लिए जोर न दें। बेटियां अब गोल्ड मेडल ला रही हैं तो इसके पीछे यही वजह है कि अब बेटियां घर से लेकर बाहर तक विभिन्न रूपों में खुद को स्थापित कर नया आयाम देने में जुट चुकी हैं। गवर्नर ने वीसी को निर्देश दिया कि आखिर टॉपर्स में बेटियां ही आगे क्यों हैं बेटे क्यों नहीं? इस पर रिसर्च करवाएं।

शिक्षक लेंगे टीबी रोगियों को गोद

कुलाधिपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन प्रमुख बातों पर ज्यादा जोर देते हैं। पहला स्वच्छता, प्लास्टिक मुक्त भारत और टीबी से मुक्ति। इसलिए जिस प्रकार से आप सभी स्वच्छता और प्लास्टिक मुक्त भारत की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं। ठीक इसी प्रकार यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक टीवी से ग्रसित बच्चों को गोद लेंगे ताकि टीबी मुक्त भारत हो सके।

विवाह हो तो मत मांगना गोल्ड

कुलाधिपति ने कहा कि आप सब यहां से गोल्ड मेडल लेकर जा रहे हैं। क्योंकि आपकी काबिलियत पर यह गोल्ड मिला है। लेकिन आप विवाह के दौरान किसी प्रकार का गोल्ड नहीं मांगना। शिक्षा है तो उससे बड़ा गोल्ड कुछ और नहीं हो सकता है। हमारे समाज के भीतर की कुरितियों को दूर करना है।