RANCHI:मुख्य सचिव डॉ। डीके तिवारी ने रांची समेत पूरे झारखंड में अफीम के उत्पादन, विक्रय और तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए कड़े आदेश जारी किए हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में रांची के अफीम का इंटरनेशनल कनेक्शन शीर्षक से खबर छपने के बाद बुधवार को सीएस ने संबंधित विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्योर (एसओपी ) बनाने का निर्देश दिया है। इसमें स्पष्ट होगा कि किस स्तर के किस अधिकारी की क्या भूमिका और जिम्मेदारी होगी। साथ ही, मादक पदाथरें पर अंकुश लगाने के लिए मैकेनिज्म कैसा होगा। अलग-अलग विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों के बीच कारगर समन्वय किस तरह बनेगा, मुख्य सचिव ने इसका भी प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया है। भारत सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रतिनिधियों के समक्ष उन्होंने कई निर्देश जारी किए हैं।

राज्य मुख्यालय से थाना लेवल तक निगरानी

नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) मैकेनिज्म की झारखंड में आयोजित राज्य स्तरीय कमेटी की पहली बैठक में ही सीएस ने कई निर्देश दे डाले। हर तीन माह पर राज्य और जिला स्तर पर यह बैठक होगी। मुख्य सचिव ने इस कमेटी का विस्तार करते हुए इसे और प्रभावी बनाने की जरूरत पर बल देते हुए इसे थाना स्तर तक ले जाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि अफीम समेत अन्य मादक पदाथरें की रोकथाम में आधा दर्जन से अधिक विभागों की भूमिका को देखते हुए समन्वय महत्वपूर्ण है, पुलिस की इसमें अहम भूमिका होगी।

अधिकारी होंगे दोषी

सीएस ने घोषणा की है कि वन भूमि व सरकारी भूमि या कहीं अन्य स्थल पर पोस्ता की फसल पाए जाने पर संबंधित अधिकारी दोषी होंगे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कोडीन युक्त कफ सीरप तथा नींद की दवा का नशे के लिए हो रहे उपयोग पर कारगर निगरानी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें विफल होने पर निगरानी और रोकथाम के लिए चिन्हित अधिकारी ही जवाबदेह होंगे।

सेटेलाइट व ड्रोन से रखी जाएगी नजर

अफीम(पोस्ते)की खेती पर सेटेलाइट और ड्रोन से नजर रखने और फसल के तैयार होने के पहले उसे नष्ट करने का निर्देश दिया गया है। सीएस ने कहा कि पोस्ते की खेती में बाहर के राज्यों का भी रैकेट काम कर रहा है तथा इसमें अन्य फसलों के मुकाबले कई गुना अधिक फायदा होने के कारण लोग इस ओर आकर्षित होते हैं। उन्होंने साफ तौर पर अफीम व अन्य घातक मादक पदार्थ बनाने में इस्तेमाल होने वाले पोस्ते की खेती पर चोट करने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए उस क्षेत्र विशेष में लोगों को अन्य फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाये।

होगी ट्रेनिंग, मिलेंगे उपकरण

मादक पदाथरें की कारगर रोकथाम के लिए इससे जुड़े लोगों को नारकोटिक्स ब्यूरो ट्रेंड करेगा। साथ ही मादक पदाथरें की मौके पर फॉरेंसिक जांच के लिए उपकरण भी दिए जाएंगे। वहीं मादक पदाथरें की तस्करी के मागरें को चिन्हित कर निगरानी की जाएगी।