बरेली:

नागरिकता संशोधन विधेयक 'कैब' और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर 'एनआरसी' के खिलाफ इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल 'आइएमसी' ने मोर्चा खोल दिया है। आइएमसी के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि सरकार आरएसएस के इशारे पर हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रही है। तीन तलाक, जम्मू-कश्मीर में धारा 370, बाबरी मस्जिद तक के फैसलों पर हमने सब्र किया। हुकूमत ने हमारे सब्र और खामोशी को कमजोरी समझ लिया। सरकार की इस सोच खिलाफ लोग सड़कों पर आएं। फ्राइडे को दोपहर करीब 2:30 बजे नौमहला मस्जिद से विरोध प्रदर्शन शुरू होगा। मुस्लिम बाजार बंद रहेगा। मंडे को दिल्ली में बैठक करके देशभर में विरोध करेंगे। थर्सडे को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह बातें कहीं।

फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार

मौलाना ने कहा कि सवाल मुस्लिमों की हिमायत का नहीं है, बल्कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने का है। इसमें तमाम संगठन, संविधान रक्षक साथ आएंगे। खानकाह और दरगाहों के लोग भी रहेंगे। क्योंकि एनआरसी, बाबरी मस्जिद से बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। मुल्क के बंटवारे की आशंका किस आधार पर जताते हैं। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जब हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं तो दूसरे के लिए जगह नहीं बचती है। सरकार आर्थिक नाकामियों से ध्यान भटकाकर वोटों के लालच में ऐसा कर रही है। बोले, जरूरत पड़ी तो जेल भरने से लेकर जान देने तक से पीछे नहीं हटेंगे। इसलिए सरकार से अपील है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। इस दौरान तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी, आइएमसी के प्रवक्ता डॉ। नफीस अहमद आदि मौजूद रहे।