नई दिल्ली (पीटीआई)। छोटी बचत योजनाओं में निवेशकों को बड़ा मायूसी हाथ लगी है। केंद्र सरकार ने इन योजनाओं पर देय ब्याज दरों मे भारी कटौती का एलान किया है। कुछ योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.4 प्रतिशत तक की कटौती की गई है जो हाल के वर्षों की सबसे बड़ी कटौती है। हालांकि बचत योजनाओं पर देय चार प्रतिशत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बैकों की तरफ से इसमें कटौती की मांग की जा रही थी। ब्याज की नई दर अप्रैल-जून, 2020 के लिए तय की गई है।

जानें किस योजना पर कितनी कटौती
एक से चार वर्ष की सावधि जमा योजना पर ब्याज दर को 6.9 प्रतिशत से घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया गया है। पांच वर्षो की परिपक्वता अवधि वाली योजनाओं पर ब्याज दरों को 7.7 से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया गया है। इन योजनाओं पर ब्याज की गणना तिमाही आधार पर होती है।सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दर को 8.6 से घटाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया है। मासिक आय योजनाओं पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत से घटा कर 6.6 प्रतिशत, एनएसएस पर 7.9 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत, पीपीएफ पर 7.9 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया गया है। किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया है। सुकन्या समृद्धि खाता योजना में ब्याज दरों को 8.4 प्रतिशत से घटाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया गया है।

पहले मिल गए थे संकेत
2016 में ब्याज दरों की त्रैमासिक स्थापना की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्रालय ने कहा था कि छोटी बचत योजनाओं की दरों को सरकारी बॉन्ड फील्ड से जोड़ा जाएगा। पिछले महीने आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने अगली तिमाही के लिए मौद्रिक नीति दर के तेजी से प्रसारण के लिए बाजार दर के अनुरूप छोटी बचत दरों में संशोधन का संकेत दिया था। यह कहते हुए कि श्यामला गोपीनाथ समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन लिंकेज का संचालन अभी भी काम कर रहा है, उन्होंने कहा था "इस तिमाही ब्याज दरों की प्रतीक्षा करें। इससे आपको काफी अच्छा संकेत मिलेगा।"

पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा- गलत समय लिया फैसला
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने छोटी बचत और पीपीएफ ब्याज दरों को कम करने के लिए सरकार के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि यह "तकनीकी रूप से सही है, लेकिन यह गलत समय पर लिया गया है। इस समय पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है। लॉकडाउन के बीच लोगों के पास फिलहाल आमदनी का कोई जरिया नहीं है।

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