ट्रेजरी विभाग के आधे स्टाफ को बुलाया गया, क्लोजिंग से जुडे कामों को दे रहे अंजाम

विकास भवन में भी सैलरी बनाने में जुटे हैं कर्मचारी

विधायक निधि से मिलने वाली सहायता को जनता तक पहुंचाने में लगे डीआरडीए कर्मचारी

<ट्रेजरी विभाग के आधे स्टाफ को बुलाया गया, क्लोजिंग से जुडे कामों को दे रहे अंजाम

विकास भवन में भी सैलरी बनाने में जुटे हैं कर्मचारी

विधायक निधि से मिलने वाली सहायता को जनता तक पहुंचाने में लगे डीआरडीए कर्मचारी

prayagraj@inext.co.in

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पूरा शहर लॉक डाउन में कैद है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो जान जोखिम में डालकर सेवाएं दे रहे हैं। इनमें पुलिस, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ, सफाई कर्मियों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। फाइनेंशियल इयर की क्लोजिंग जून में ले जाने में आयी दिक्कत के चलते तमाम सरकारी विभागों में अफसराें और कर्मचारियों की मौजूदगी बढ़ा दी है। ये क्लोजिंग के चक्कर में ऑफिस आ रहे हैं। इसमें कलेक्टेट, विकास भवन और ट्रेजरी के कर्मचारी शामिल हैं।

फ्क् मार्च से पहले निपटाने हैं बिल

शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने चेक किया तो पता चला कि ट्रेजरी में भ्0 फीसदी कर्मचारी मॉजूद हैं। पूछने पर पता चला कि ये सुबह नौ से रात नौ बजे तक ड्यूटी कर रहे हैं। इन्हें फ्क् मार्च तक क्लोजिंग करनी है। कर्मचारियेां का कहना है कि फ्0 जून तक क्लोजिंग की बात चली थी लेकिन आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि फ्क् को ही क्लोजिंग करनी है।

इन बिलों को लेकर बरती जा रही सतर्कता

सरकार ने मार्च माह में मास्क और सैनेटाइजर आदि का बजट जारी किया है।

मेडिसिन, बेड, सुरक्षा उपकरण के लिए भी बजट जारी किया गया है

क्लोजिंग के चक्कर में इनके बिल भी भुगतान के लिए पहुंचने लगे हैं

इसे हर हाल में फ्क् मार्च से पहले निपटाने का टॉस्क है।

समय से यूज हो विधायक निधि का पैसा

विकास भवन में डीआरडीए विभाग के कर्मचारियों को बुलाया गया है।

विधायक और सांसद निधि से मिलने वाली सहायता राशि को वर्कआउट करने में कर्मचारी लगे हैं

फ्क् मार्च से पहले इसकी बिलिंग होनी है। ऐसा नही हुआ तो यह रकम भी लैप्स हो सकती है।

बनेगी तो समय से मिलेगी सैलरी

कलेक्ट्रेट और विकास भवन में इस समय तमाम विभागों में कर्मचारी काम करते हुए दिख रहे हैं

इनको लॉक डाउन में आने की मनाही है लेकिन मजबूरी में बुलाया जा रहा है।

मार्च की सैलरी कर्मचारियों को समय से देने का सरकार पर दबाव बना हुआ है।

इसके लिए कर्मचारियों को बुलाकर लिखा पढ़ी कराई जा रही है।

डीपीओ ऑफिस के कर्मचारी भी सैलरी तैयार करते दिखे।

्ररिस्क लेकर तैयार कर रहे डाटा

ग्राम रोजगार सेवक, लेखपाल और अमीनों को कोरोना वायरस के दौरान दी जाने वाली एक हजार रुपए की सहायता राशि की सूची तैयार करने में लगाया गया है। यह सभी सुबह से शाम तक गांव गांव और मोहल्ले जाकर लोगों का डेटा एकत्र करवाने में लगे हैं। उप्र लेखपाल संघ प्रयागराज के अध्यक्ष राजकुमार सागर और महामंत्री अवनीश पांडे ने सरकार से विभिन्न कायरें में लगे लेखपालों को मास्क और सैनेटाइजर उपलब्ध कराने की मांग की है। लेखपालों ने दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों को शनिवार को भोजन वितरण भी किया।

आरबीआई ने कह दिया है कि फ्क् मार्च तक क्लोजिंग का काम निपटाना है। इसलिए आधे स्टापफ को बुलाकर काम निपटाया जा रहा है। जितने भी बिल आ रहे हैं उनको समय रहते फाइनल किया जा रहा है।

मधूलिका सिंह, कोषाअधिकारी प्रयागराज

अभी तक लग रहा था कि क्लोजिंग का समय बढाया जा सकता है लेकिन अब ऐसा नही हो रहा है। हमे फ्क् मार्च तक ही पूरा काम खत्म करना है।

हिंदराज सिंह, सहायक कोषाधिकारी प्रयागराज

विभाग में पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। कर्मचारियों को अलग अलग कमरों या निश्चित दूरी पर बैठाया जा रहा है। सभी मास्क लगाकर काम कर रहे हैं।

रमेश, एकाउंटेंट

लॉक डाउन के दौरान हम लोगों को बुलाया गया है। जो भी पैसा मुख्यमंत्री राहत कोष और कोरोना वायरस से बचाव के लिए आ रहा है उसको जल्द से जल्द जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। हमारे कर्मचारी पूरी सुरक्षा के साथ लगे हैं।

सनत सिन्हा, पटल सहायक विधायक निधि डीआरडीए