उद्योग विभाग बनाएगा ट्रस्ट

उद्योग विभाग का मानना है कि उद्यमियों, विशेषकर युवा उद्यमियों के लिए बौद्धिक संपदा (इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी) बहुत महत्वपूर्ण है। आज के दौर में बौद्धिक संपदा किसी भी उद्यमी को उसके तेज विकास में बहुत मदद करती है। उद्यमियों की मदद के लिए उद्योग विभाग ने एक ट्रस्ट भी बनाने का निर्णय लिया है। इसमें उद्योग विभाग के सचिव या प्रधान सचिव सदस्य सचिव के रूप में शामिल होंगे और किसी अनुभवी व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाएगा। ट्रस्ट में वित्त, योजना, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आइआइटी एवं एनआइटी के निदेशक को भी सदस्य के रूप में रखा जाएगा। यह ट्रस्ट एक नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा और युवाओं में उद्यमिता विकास के लिए अभियान चलाएगा।

इंक्यूबेशन सेंटर का मिलेगा सपोर्ट

यह ट्रस्ट स्टार्ट-अप नीति की सालाना समीक्षा भी करेगा। ट्रस्ट के अलावा उद्योग विभाग 'स्टार्ट-अप इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी कमेटी' (एसआइएसी) का गठन भी करेगा जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ रहेंगे। यह विशेषज्ञ कमेटी ट्रस्ट को प्राइवेट इंक्यूबेटर्स का पैनल तैयार करने में मदद करेगी। स्टार्ट-अप को इंक्यूबेशन सेंटर का सपोर्ट उपलब्ध कराने की रणनीति पर भी अमल किया जा रहा है। पहले तीन सालों तक इंक्यूबेशन सेंटर की सुविधा उद्यमियों को मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग पीपीपी मोड में प्रदेश में एक 'इनोवेशन हब' भी बनाएगा। इस हब में इंक्यूबेशन सेंटर की हर सुविधा उपलब्ध रहेगी। स्टार्ट-अप की वित्तीय सहायता के लिए बने वेंचर कैपिटल फंड ने इस बीच काम शुरू कर दिया है।