सरकार ने जिले के व्यापारियों को दिया 30 अगस्त तक का आखिरी मौका

कमिश्नर वाणिज्यकर बोले, इसके बाद नहीं मिलेगा आईडी-पासवर्ड का मौका

ALLAHABAD: जीएसटी लागू हुए करीब डेढ़ महीने से अधिक का समय बीत चुका है। फिर भी प्रदेश में तकरीबन तीन लाख व्यापारी ऐसे हैं, जिनके फर्म का जीएसटी में रजिस्ट्रेशन अब तक नहीं हो सका है। इनमें किसी का आईडी पासवर्ड नहीं आया है, तो किसी के पास अन्य समस्याएं हैं। ऐसी ही समस्या से जूझ रहे इलाहाबाद के लगभग तीन हजार से अधिक व्यापारियों को वाणिज्य कर विभाग ने आईडी-पासवर्ड हासिल करने के लिए आखिरी मौका दिया है।

25 अगस्त को जारी किया सर्कुलर

देश में उत्तर प्रदेश ही एक ऐसा राज्य है, जहां अभी तक हजारों व्यापारियों का जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं है। इस समस्या का समाधान करने के लिए कमिश्नर वाणिज्य कर मुकेश मेश्राम ने 25 अगस्त को सर्कुलर जारी कर व्यापारियों का आईडी-पासवर्ड मंगाने के लिए आखिरी मौका दिया है। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन्हें अब तक प्रोविजनल आईडी, पासवर्ड नहीं मिला है ऐसे व्यापारियों की सूची एक्सेल शीट पर तैयार कर मुख्यालय भेजें। चेतावनी दी है कि अधिकारी हर हाल में ये सुनिश्चित करें कि उनके जोन का कोई भी व्यापारी प्रोविजनल आईडी से वंचित न रहे। इसके लिए 30 अगस्त तक समय निर्धारित है। इसके बाद अधिकारी और व्यापारी स्वयं जिम्मेदार होंगे।

रजिस्ट्रेशन के बाद भी नहीं कर पा रहे व्यापार

जीएसटी लागू हुए दो महीने का समय बीतने वाला है, लेकिन व्यापारियों का मुश्किल हो गया है। जीएसटी को फॉलो करने में व्यापारियों के सामने कई समस्याएं आ रही हैं। व्यापारियों की इन्हीं समस्याओं का समाधान करने के लिए शनिवार को सेल टैक्स डिपार्टमेंट और व्यापारी कल्याण समिति की ओर से मेगा कैंप आर्गनाइज्ड किया गया।

चंद्रलोक चौराहा स्थित मारवाड़ी धर्मशाला में आयोजित मेगा कैंप में सेल टैक्स डिपार्टमेंट के 14 खंड अधिकारी पूरी टीम के साथ मौजूद रहे। यहां व्यापारियों की शिकायतों व समस्याओं का समाधान करते हुए जीएसटी में रजिस्ट्रेशन भी कराया गया। रजिस्ट्रेशन के बाद भी व्यापार न कर पाने की शिकायत व्यापारियों ने की। इस दौरान व्यापारी नेता संतोष पनामा, डीसी सुशील कुमार सिंह, रंजीत कुमार, वीरेंद्र बहादुर, एसके गौतम आदि मौजूद रहे।

जिन व्यापारियों का आईडी-पासवर्ड नहीं आया है, उनकी लिस्ट भेजने की लास्ट डेट 30 अगस्त है। व्यापारियों की भी जिम्मेदारी है कि आईडी पासवर्ड नहीं आया है तो संबंधित जोन अधिकारी से संपर्क कर अपनी प्रॉब्लम बताएं। इसके बाद किसी भी परिस्थिति के लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।

एपी श्रीवास्तव, ज्वाइंट कमिश्नर, वाणिज्य कर विभाग