- मुख्यमंत्री ने जारी किया नाबार्ड का स्टेट फोकस पेपर

- सीएम ने बैंकों को ऋण प्रवाह तेज करने की दी नसीहत

- लक्ष्य को 30 हजार करोड़ ले जाने का दिया सुझाव

- छह सबसे पिछड़े जिलों पर फोकस करें नाबार्ड और बैंक

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रांची : कृषि, एमएसएमई व प्राथमिक सेक्टर में अगले वित्तीय वर्ष 22714 करोड़ रुपये का ऋण प्रवाह किया जाएगा। नाबार्ड ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के स्टेट फोकस पेपर में विभिन्न बैंकों के लिए ऋण प्रवाह का यह लक्ष्य निर्धारित किया है। बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नाबार्ड के स्टेट फोकस पेपर को जारी किया। इस मौके पर उन्होंने बैंकों को प्राथमिक क्षेत्र में ऋण प्रवाह तेज करने की नसीहत दी। इतना ही नहीं उन्होंने इस क्षेत्र के लिए दिए जाने वाले ऋण की सीमा को 30 हजार करोड़ तक पहुंचाने का भी सुझाव दिया।

बैंकर्स को नसीहत

मुख्यमंत्री ने बैंकर्स को गांव और गरीब जनता के बीच जाने और उन पर विश्वास कराने की नसीहत दी। कहा, गांव की जनता पर विश्वास करें, उन्हें ऋण देने में उदारता बरतें। हर गरीब ऋण वापस करता है। बैंकर्स पर तंज भी कसा कहा, सीडी रेशियो बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े घरानों को जो लोन दिया जाता है, ऐसे लोगों का ही लोन वापस नहीं आता। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सरकार के स्तर से पिछड़े जिलों, गांवों और किसानों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का जिक्र भी किया। कहा, देश के 30 सबसे पिछड़े जिलों में छह झारखंड के हैं। इस बार के बजट में राज्य सरकार इन जिलों को विकसित श्रेणी में लाने का विशेष प्रावधान करेगी। बैंक और नाबार्ड भी इन जिलों पर फोकस करें।

नए झारखंड का निर्माण

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि गरीब और किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध कर ही हम नए झारखंड एवं नए भारत का निर्माण कर सकेंगे। विकसित झारखंड में नाबार्ड और बैंकों की भूमिका अहम है। मुख्यमंत्री ने ऋण प्रवाह को 22714 करोड़ से बढ़ाकर इसे 30 हजार करोड़ करने को कहा। सेमिनार में स्वागत भाषण नाबार्ड के सीजीएम एस मंडल ने दिया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्राथमिक क्षेत्र के ऋण प्रवाह को 10 प्रतिशत बढ़ाया गया है। सेमिनार में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और विकास आयुक्त अमित खरे ने भी अपने विचार रखें। इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, नाबार्ड के डीजीएम एके सारंगी सहित अन्य अधिकारी और बैंक अफसर मौजूद थे।

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किसानों के समूहों को 4 परसेंट पर लोन

नाबार्ड किसानों के समूहों को महज चार प्रतिशत वार्षिक दर पर ऋण मुहैया कराएगा। नाबार्ड के सीजीएम एस मंडल ने मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तरह के 24 हजार ग्रुप फिलहाल चिह्नित किए गए हैं। इन सभी को रियायती दर पर लोन देने के साथ ही प्रत्येक ग्रुप को 2000 रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा। बताया कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए प्राथमिक क्षेत्र में ऋण प्रवाह को 10 प्रतिशत बढ़ा कर 22714 करोड़ किया गया है। इसमें कृषि ऋण, टर्म लोन, कृषि की आधारभूत संरचना, एमएसएमई और अन्य प्राथमिक सेक्टर के लिए ऋण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कहा, इस वर्ष अब तक प्राथमिक क्षेत्र में ऋण प्रवाह की उपलब्धि 47 प्रतिशत रही है। स्वीकारा कि कृषि क्षेत्र में ऋण का प्रवाह कुछ धीमा रहा है।

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