अब नेशनल हेल्थ एश्योरेंस मिशन
यहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखकों और संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सबको स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने के लक्ष्य पर बहुत तेजी से काम कर रही है. फोन के जरिए अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ हफ्तों के अंदर ही आपको नेशनल हेल्थ एश्योरेंस के बारे में सुनने को मिलेगा. इसमें यह बताया जाएगा कि किस सरकारी स्वास्थ्य सुविधा पर आपको किस-किस तरह के इलाज की सुविधा होगी, कौन सी दवाएं और जांच यहां उपलब्ध होंगी. यह कदम इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) की मदद से ग्रामीण और सुदूर इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) तो खुल गए हैं, मगर मूलभूत सुविधाओं को लेकर अक्सर शिकायतें मिलती रहती हैं.

न्यूनतम सुविधाओं की मिलेगी गारंटी
'दैनिक जागरण' ने सबसे पहले 15 जून को ही यह बता दिया था कि मोदी सरकार पहली बार सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाओं की गारंटी देने वाली है. हालांकि, अभी सरकार स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में इन तय न्यूनतम सुविधाओं के बारे में 'गारंटी' शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहती. इसकी बजाय 'एश्योरेंस' या 'आश्वासन' शब्द का उपयोग किया जाएगा.

मूलभूत जांच व इलाज होगा सुनिश्चित
इसके तहत शुरू में पीएचसी पर आपातकालीन दवाओं और मूलभूत जांच व इलाज सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाएगा. मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य एश्योरेंस मिशन की तैयारी सरकार के गठन के तुरंत बाद ही शुरू कर दी गई थी. नई सरकार के गठन के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में भी इसका उल्लेख कर चुके हैं. मगर, राज्यों के साथ तालमेल और इसके लिए शुरुआती तैयारी में लग रही देरी की वजह से अब तक इसका एलान नहीं किया जा सका है.

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