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LUCKNOW : इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड सहित विभिन्न जनपदों में राज्य सरकार द्वारा छह विलुप्तप्राय नदियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके सुखद परिणाम दिखने लगे हैं। बैठक में मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र में जल समस्या के समाधान के लिए सरकार, राजनैतिक संगठनों, स्वयंसेवी संगठनों तथा जनसहभागिता से चलाए जा रहे 'सुजलाम् सुफलाम्' अभियान पर प्रेजेंटेशन भी देखा।

बुंदेलखंड में करेंगे लागू
मालूम हो कि महाराष्ट्र में यह अभियान सूखा प्रभावित जनपदों में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। इसे सूखा प्रभावित जनपद में जिला प्रशासन की मदद से लागू किया जाता है। इसके तहत संबंधित जनपद में सबसे पहले विभिन्न वाटरशेड ढांचों जैसे डैम, तालाब, एमआई टैंक, परकोलेशन पॉण्ड तथा फार्म पॉण्ड को चिन्हित किया जाता है। तत्पश्चात आवश्यक प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरियां प्रदान की जाती हैं। मुख्यमंत्री ने इस अभियान की सराहना करते हुए एपीसी के नेतृत्व में एक टीम को महोबा तथा हमीरपुर में इस अभियान को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने के लिए अध्ययन करने के निर्देश दिए। इसके परिणाम देखने के बाद पूरे बुंदेलखंड में इसे लागू किया जाएगा।

इस अवसर पर ये रहें मौजूद

इस अवसर पर केंद्रीय स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परेश्वरन अय्यर, नीति आयोग सीईओ अमिताभ कांत, मुख्य सचिव डॉक्टर अनूप चंद्र पांडे, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, महाराष्ट्र के मृदा एवं जल संरक्षण आयुक्त दीपक सिंगला, नीति आयोग के अन्य अधिकारी एवं स्वयंसेवी संगठन भारतीय जैन संगठना के पदाधिकारीगण मौजूद थे।

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