PATNA

: सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव का जीवन मानवता के लिए सदैव प्रेरणादायक और मार्गदर्शक है। जीवन दर्शन के माध्यम से गुरु जी लोगों को जीने का सही मार्ग बताया। वे जीवन पर्यंत मानव सेवा में जुटे रहे। यह बातें सोमवार को बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने गायघाट स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय गुलजारबाग परिसर में सूचना व प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के लोक संपर्क एंव संचार ब्यूरो, पटना द्वारा गुरुनानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर मल्टी-मीडिया, डिजिटल फोटो प्रदर्शनी व लेजर शो के उद्घाटन के दौरान कहीं।

महामहिम ने कहा कि प्रेम, शांति, सदभावना और ईश्वर के प्रति भक्ति के संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए गुरुनानक देव ने दूर-दूर तक यात्राएं की। लगभग दो दशकों में उन्होंने चालीस हजार मील की यात्रा किए। वर्ष 1506 में गुरु नानक प्रथम पूर्व की प्रथम उदासी यात्रा के दौरान बिहार में कदम रखे। गुरुनानक देव यात्रा के क्रम में आरा, बक्सर, गया, रजौली, राजगीर, अकबरपुर, मुंगेर, भागलपुर समेत अन्य स्थानों पर जाने के प्रमाण हैं। प्रथम गुरु पटना साहिब में सालिस राय जौहरी के यहां ठहरे। यहीं पर दशमेश गुरु का जन्म हुआ। महामहिम ने गुरु नानक देव के संदेशों का जिक्र करते बोले कि ईश्वर सत्य है और मनुष्य को च्च्छे कर्म करना चाहिए। महामहिम ने प्रदर्शनी को देखते हुए गुरु नानक देव के एक-एक संदेश से अवगत हुए।