IAS-IPS चतुर, PCS सरकार की रीढ़

- उप्र सिविल सेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन के समापन समारोह में गवर्नर राम नाईक ने की शिरकत

LUCKNOW :

आईपीएस और आईएएस अधिकारी चतुर होते हैं। जबकि पीसीएस सरकारी तंत्र में रीढ़ की हड्डी होते हैं। यह कहना है राज्यपाल राम नाईक का.वह संडे को लोकभवन में आयोजित उप्र सिविल सेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन के समापन के मौके पर बोल रहे थे। गवर्नर ने संघ के नये पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि अधिवेशन नौ साल के बाद हो रहा है। शासकीय सेवाओं में दस साल की एक पीढ़ी मानी जाती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह अधिवेशन एक पीढ़ी के बाद हो रहा है। नव निर्वाचित पदाधिकारियों को यह जिम्मेदारी उठानी होगी कि यह अधिवेशन हर साल हो।

पारदर्शिता के साथ काम करें

राम नाईक ने कहा कि 1954 में बीकॉम करने के बाद से उन्होंने नौकरी करनी शुरू कर दी। सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट जॉब की और फिर तीन बार विधायक और पांच बार सांसद बना। अब गवर्नर हूं। इस दौरान मुझे काफी अधिकारियों से मिलने का मौका मिला। अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि पीसीएस अधिकारी किसी भी सरकार की रीढ़ की हड्डी होते हैं। आप सबकी जिम्मेदारी है कि सदस्यों के साथ मिलकर आपसी सहयोग से पारदर्शिता के साथ काम करें। गवर्नर ने कहा कि यूपी में ट्रांसफर काफी जल्दी जल्दी होते हैं। ऐसे में गुड गवर्नेस का काम प्रभावित होता है।

चुनाव में आपकी जिम्मेदारी अहम

दो-तीन महीने में विधान सभा चुनाव होना है। इस महत्वपूर्ण चुनाव की सफलता के लिए आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। चुनावी प्रक्रिया में आप जैसे अधिकारियों का महत्व काफी बढ़ जाता है। संविधान और कानून के दायरे में काम करें। आचार संहिता के बाद डायरेक्ट दबाव कम आना शुरू हो जाता है। अपनी क्षमता को चुनाव की प्रक्रिया में अधिकारी कार्यकुशलता से काम करते हैं। पहले की परिस्थिति में काफी परिवर्तन आया है। टीएन सेशन के बाद से चुनावी प्रक्रिया में काफी बदलाव हुआ है। आने वाले चुनाव में अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभायें। उन्होंने कहा कि यह एक चुनौती भी है, आपके लिए। फरवरी या मार्च में चुनाव संभावित हैं।

अच्छी परंपरा के पक्षधर

गवर्नर से एसोसिएशन के लोगों ने जिक्र किया कि पूर्व में गवर्नर हाउस में चाय पार्टी होती रही है। गवर्नर ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि अगर कोई अच्छी परंपरा रही हो तो उसे शुरू करने के लिए हम तैयार हैं। गवर्नर ने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारी के संगठन भी हैं। यह लोग काफी चतुर होते हैं। गवर्नर के यहां भी भोजन करते हैं और मुख्यमंत्री के यहां भी। ऐसे में आप लोगों को भी उनके नक्शे कदम पर चलने में क्या दिक्कत है?

गाय के दूध की चाय पर अधिकारियों को किया आमंत्रित

गवर्नर ने खास अंदाज में पीसीएस अधिकारियों को राजभवन में चाय के लिए आमंत्रित किया। गवर्नर ने कहा कि बाकी जगहों की चाय में और राजभवन की चाय में अंतर है। अंतर यह है कि राजभवन में 15 गाय हैं। यहां जो चाय मिलेगी गाय के अच्छे दूध की चाय मिलेगी। उन्होंने अपनी किताब के बारे में भी बताया।

मुख्यमंत्री ने मानी मेरी सलाह

राज्यपाल ने कहा कि जब यह बिल्डिंग बन रही थी तो इसे नवीन सचिवालय कहा जा रहा था। मैंने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि मंत्री और मुख्यमंत्री सचिव से ऊपर होता है। ऐसे में मुख्यमंत्री के ऑफिस का नाम सचिवालय से इतर कुछ होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने मेरी सलाह मानी और इस बिल्डिंग का नाम लोकभवन रखा, जहां आज पहली बार मुझे आने का मौका मिला।