- पांच जनवरी को सीसीएस यूनिवर्सिटी के वीसी व रजिस्ट्रर को बुलाया

- सात मुद्दों पर होगी बातचीत, राजभवन में होगी सभी के साथ बैठक

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में वीसी और रजिस्ट्रार की लड़ाई को लेकर चारों ओर मजाक बनी हुई है. इस लड़ाई से जहां यूनिवर्सिटी की हंसी उड़ रही है वहीं यूनिवर्सिटी में होने वाले काम समय पर नहीं हो पा रहे हैं. इस लड़ाई के चलते ही यूनिवर्सिटी का प्रशासनिक ढांचा ही बिगड़ सा गया है. जिसके कारण अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों पर कमांड ही खत्म हो गई है. आगे किसी यूनिवर्सिटी में ऐसा ना हो, इसके लिए राज्यपाल ने सभी यूनिवर्सिटीज के वीसी को बुलावा भेजा है. जिसमें कुछ मुद्दे तय किए जाएंगे. ताकि आगे कोई यूनिवर्सिटी इस तरह से हंसी का पात्र ना बने.

यह है मामला

यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव से पहले अक्टूबर में वीसी और रजिस्ट्रार के बीच पंगेबाजी शुरू हुई थी. जिसमें वीसी ने रजिस्ट्रार को कार्यमुक्त करने के साथ ही रिलीव भी कर दिया था. रजिस्ट्रार के कार्यमुक्त और रिलीविंग के बाद डीआर प्रभाष द्विवेदी को रजिस्ट्रार बना दिया. इसके बाद भी रजिस्ट्रार मनोज कुमार लगातार यूनिवर्सिटी में बने रहे. मामला बढ़ता गया और शासन व राज्यपाल तक पहुंच गया. जिसमें शासन ने कमिश्नर को इस मामले में जांच करने के निर्देश और साथ ही रजिस्ट्रार मनोज कुमार को दुबारा ज्वाइनिंग के लिए वीसी को निर्देश दिए गए.

बदलते रहे रजिस्ट्रार

इस बीच छह दिसंबर को होने वाले कन्वोकेशन को लेकर शंकाएं बनी हुई थी. एक तरफ यूनिवर्सिटी में प्रभारी रजिस्ट्रार के साथ कर्मचारियों ने नियुक्ति अवैध बताने पर अभद्रता कर दी थी तो दूसरी ओर रजिस्ट्रार को लेकर शंकाएं बरकरार थीं. इसके बाद भी लगातार रजिस्ट्रार बदलते रहे, जिसमें प्रभाष द्विवेदी के बाद डॉ. देवराज नागर को रजिस्ट्रार बनाया गया, कन्वोकेशन के लिए प्रोफेसर लोहनी को रजिस्ट्रार बनाकर पेश किया गया. इसके बाद भी मामला नहीं संभला और प्रभाष द्विवेदी को फिर सीट मिल गई. लेकिन इस बीच रजिस्ट्रार मनोज कुमार अपनी कुर्सी पर बने रहे.

राज्यपाल का फिर बुलावा

वीसी और रजिस्ट्रार का झगड़ा जब नहीं थमा तो दोनों को राज्यपाल ने राजभवन तलब किया. जिसमें दोनों से लिखित में अपने पक्ष रखने को कहा गया. इस बीच कमिश्नर को भी दोनों को लिखित में अपने पक्ष प्रोवाइड कराने थे. राज्यपाल के पास से आने के बाद भी मामला जस का तस रहा. इसको लेकर राज्यपाल ने एक बार फिर पांच जनवरी ख्0क्भ् को इस मामले में दोनों को अपने पास बुलाया है. साथ ही इस बार दूसरी यूनिवर्सिटीज के वीसी और राज्यपाल भी राजभवन पहुंचेंगे. ताकि ऐसी कोई बात दूसरी यूनिवर्सिटीज में ना हो. जिससे कोई दिक्कतें ना आएं.

ये रहेंगे मुद्दे

राज्यपाल व कुलाधिपति राम नाईक की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर ने पांच जनवरी के दिन सुबह दस बजे यूपी राज्य की सभी यूनिवर्सिटीज के वीसी व रजिस्ट्रार की बैठक बुलाए जाने के निर्देश दिए. यह बैठक राजभवन में की जाएगी. जिसमें सीसीएस यूनिवर्सिटी जैसी घटना को लेकर बातचीत होगी. ताकि ऐसा किसी दूसरी यूनिवर्सिटी में ना हो. बाकी मुद्दों में समय पर शैक्षिक सत्र का समापन, लोकतांत्रिक व्यवस्था के दृष्टिगत छात्र संघों के चुनाव, नेक मूल्यांकन का सुनिश्चितीकरण, श्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज को सम्मानित करने हेतू 'चांसलर अवार्ड' प्रदान करना ताकि उच्च शिक्षा के उन्नयन हेतु प्रतिस्पर्धा बढ़े.

यह भी रहेगा कारण

अत्याधिक छात्र संख्या एवं शिक्षा गुणवत्ता के दृष्टिगत परीक्षा प्रणाली व मूल्यांकन प्रक्रिया समीक्षा और दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम का संचालन, प्रोटोकाल, वेशभूषा, आमंत्रण पत्र एवं उद्बोधन में एकरूपता को लेकर चर्चा होगी. माना जा रहा है कि इस बुलावे का सबसे बड़ा कारण केवल सीसीएस यूनिवर्सिटी में चल रहे वीसी और रजिस्ट्रार का झगड़ा है. जिससे ऐसी स्थिति बन गई है कि दूसरी यूनिवर्सिटी में भी ऐसा मुद्दा उठ सकता है. कभी दोनों अधिकारियों में कहीं भी विवाद उत्पन्न हो सकता है. इसको कैसे सुलझाया जाए और दूसरों के हंसी के पात्र ना बने इसलिए सभी को निर्देश दिए जाएंगे. फिलहाल यह निर्देश सीसीएस यूनिवर्सिटी सहित अन्य यूनिवर्सिटी के वीसी को पहुंच चुका है.