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LUCKNOW : कई दशकों से चली आ रही प्रदेश में कमिश्नर प्रणाली लागू करने की मांग को गुरुवार को पंख लग गए। राज्यपाल राम नाईक ने सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सुझाव दिया कि महाराष्ट्र एवं देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर प्रदेश में भी कमिश्नर प्रणाली को लागू किया जाए। उन्होंने सलाह दी कि शुरुआती तौर पर तीन महानगरों लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद में इस प्रणाली को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू करने पर सरकार विचार करे। राज्यपाल नाईक पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड की सलामी लेने के बाद उपस्थिति लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर सीएम योगी के अलावा डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, मेयर संयुक्ता भाटिया, चीफ सेक्रेटरी डॉ. अनूप चंद्र पांडेय, डीजीपी ओपी सिंह समेत तमाम मंत्री व अफसर मौजूद रहे।

प्रदेश में बना निवेश के अनुकूल माहौल

इस मौके पर राज्यपाल नाईक ने कहा कि बीती फरवरी माह में संपन्न हुई इंवेस्टर्स समिट में 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव पास हुए हैं। यह कोई सामान्य बात नहीं है। दरअसल, सरकार व यूपी पुलिस के अथक परिश्रम की वजह से प्रदेश में निवेशकों के अनुकूल माहौल बना है। इसी से प्रदेश के विकास का महामार्ग खुला है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार, जनता व पुलिस अधिकारियों का ध्यान एक विशेष बात की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूं। प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है लेकिन, इसमें अधिक सुधार करने की दृष्टि से मेरा सुझाव है कि यूपी में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की जानी चाहिये। कहा, मैं महाराष्ट्र से आता हूं। महाराष्ट्र यूपी की तुलना में बहुत छोटा है, फिर भी वहां पर मुंबई, पुणे, नागपुर और औरंगाबाद जैसे महानगरों में कमिश्नर प्रणाली लागू है। देश में करीब 71 शहरों में कमिश्नर प्रणाली लागू है। देश के 19 महानगरों में जहां की आबादी 20 लाख से ज्यादा है, उनमें से 14 में कमिश्नर प्रणाली लागू है। जहां यह प्रणाली अब तक लागू नहीं हो सकी है, उनमें बिहार का पटना, मध्य प्रदेश का इंदौर, यूपी के लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद शहर शामिल हैं। राज्यपाल ने कहा कि मैं चाहता हूं कि सरकार कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिये बेहद गंभीरता से विचार करके, अध्ययन करके निर्णय लें।

सक्रिय सेवा प्रदान करे पुलिस

राज्यपाल नाईक ने कहा कि देश पुलिस से बहुत अपेक्षा करता है। वर्तमान समय में अपराध एक प्रदेश तक सीमित नहीं रहता है। अब अपराधी संगठित होकर बड़े पैमाने पर अपराध करते हैं। उनके लिये राज्यों की सीमाएं कोई मायने नहीं रखती। इसलिए, अब पुलिस की भूमिका केवल कानून लागू करवाने वाली फोर्स की नहीं बल्कि, अब उसे सक्रिय सेवा प्रदान करनी होगी। कहा, यह सुनिश्चित किया जाए कि आम आदमी की शिकायतों का समाधान किया जाये। पुलिस में उच्च स्तर का अनुशासन, समर्पण व सत्यनिष्ठा का समावेश जरूरी है।

कुंभ की सुरक्षा तैयारियों की तारीफ
राज्यपाल ने कुंभ की सुरक्षा-व्यवस्था की चुनौती की ओर इशारा करते हुए पुलिस की तैयारियों की तारीफ की। उन्होंने कहा, 2013 के कुंभ में भगदड़ की घटना के बाद गठित आयोग की सिफारिशें नासिक के कुंभ में लागू की गई थीं, जिससे वह कुंभ शांतिपूर्ण ढंग से निपटा। कहा, उन्हें बताया गय है कि यूपी पुलिस भी उन सिफारिशों को ध्यान में रखकर योजना बना रही है। जिसकी तारीफ बीते दिनों खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं।

राजेश पांडेय को चौथी बार वीरता पदक
राज्यपाल ने इस दौरान पुलिस अधिकारियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने एसपी सुरक्षा राजेश पांडेय को राष्ट्रपति का वीरता पदक प्रदान किया। उल्लेखनीय है कि राजेश पांडेय का यह चौथा वीरता पदक है।  राज्यपाल ने एडीजी ईओडब्ल्यू अभय कुमार प्रसाद, एडीजी प्रशासन हरिराम शर्मा, रिटायर्ड डीआईजी राकेश चंद्र साहू, रिटायर्ड डीआईजी जवाहर, रिटायर्ड एडिशन एसपी राघवेंद्र सिंह चौहान, रिटायर्ड सीओ रमन पाल सिंह, रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर रामबहादुर सिंह, रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर  रमाकांत पांडेय, रिटायर्ड हेड कॉन्सटेबल शांति स्वरूप, रिटायर्ड हेड कॉन्सटेबल नरेश पाल सिंह व रिटायर्ड हेड कॉन्सटेबल सत्येंद्र प्रकाश सिंह को विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से अलंकृत किया।

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