काफी सालों से अटकी थी डील
इन हेलिकॉप्टरों को खरीदने की शुरुआत 2009 में हो गई थी। उस समय माना जा रहा था कि यह डील दिसंबर 2012 तक पूरी हो जाएगी। लेकिन तत्कालीन सरकार की लेटलतीफी और डिफेंस मिनिस्ट्री के बाद वित्त मंत्रालय से मंजूरी न मिलने के कारण डील में देरी होती चली गई। यही नहीं इसके चक्कर में कीमतों में 13 बार सुधार करना पड़ा।

प्राइस बढ़ने के थे आसार
अमेरिकी आर्मी सिक्योरिटी असिस्टेंस कमांड के मुताबिक, इन हेलिकॉप्टरों की कीमत 30 सितंबर के बाद 40 परसेंट तक बढ़ा दी जाएगी। ऐसे में पिछले दिनों रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर, NSA अजीत डोभाल और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच इस डील को लेकर बातचीत हुई। सूत्रों का कहना है, इस डील को लेकर वित्त मंत्रालय ने 'नो ऑब्जेक्शन' का मैसेज दे दिया। इसके बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी अफेयर्स (सीसीएस) ने भी इसको मंजूरी दे दी।

हेलिकॉप्टरों की क्या है खासियत
(1) अपाचे एएच 64डी हेलिकॉप्टर सभी मौसम में काम आता है। 1 मिनट में 128 टारगेट को ट्रैक करने और 16 पर निशाना लगाने में सक्षम।

(2) शिनूक ट्विन रोटर हेलिकॉप्टर है। अमेरिका ने इसी हेलिकॉप्टर से अफगानिस्तान और इराक में कई ऑपरेशन किए हैं। 

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