मौजूदा नियम बड़ी बाधा

पिछले हफ्ते वालमार्ट, कारफू जैसी विदेशी मल्टी ब्रांड रिटेल कंपनियों के साथ हुई बैठक में यह मुद्दा उठा था. सूत्रों की मानें तो इन कंपनियों ने वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा से रिटेल कारोबार में उतरने की दिशा में इन नियमों को बड़ी बाधा बताया है. कंपनियां चाहती हैं कि भारत में कारोबार को व्यावहारिक बनाने के लिए जरूरी है कि ज्यादा शहरों में स्टोर खोलने की इजाजत मिले. इसलिए कंपनियां शहरों की आबादी की सीमा को दस लाख के बजाय पांच लाख करने पर जोर दे रही हैं.

सिंगल ब्रांड रिटेल जैसी आसानी

कंपनियां स्थानीय खरीद के नियमों को भी सिंगल ब्रांड रिटेल के मुताबिक आसान बनवाना चाहती हैं. अभी मल्टी ब्रांड रिटेल में उतरने वाली कंपनियों के लिए अपनी कुल खरीद का 30 फीसदी घरेलू लघु इकाइयों से करने की शर्त है. सिंगल ब्रांड रिटेल कंपनियों के लिए ऐसा अनिवार्य नहीं है. सूत्रों का कहना है कि औद्योगिक नीति व संव‌र्द्धन विभाग (डीआइपीपी) कंपनियों की इन मांगों पर विचार कर रहा है. माना जा रहा है कि डीआइपीपी कंपनियों के सुझावों के अनुरूप नीति में फेरबदल कर इस मुद्दे को फिर से कैबिनेट के सामने ले जाने पर विचार कर रहा है.

एफडीआइ सीमा बढ़ाने पर चर्चा

रक्षा समेत कई क्षेत्रों में एफडीआइ की सीमा बढ़ाने के मुद्दे पर मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श का क्रम मंगलवार को भी जारी रहा. डीआइपीपी सचिव सौरभ चंद्रा ने बैठक के बाद बताया कि मल्टी ब्रांड रिटेल में 74 फीसद एफडीआइ को मंजूरी देने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग यानी एमएसएमई मंत्रालय की राय ली गई. मंत्रालय ने विदेशी कंपनियों के घरेलू खरीद नियम को लेकर शंका जाहिर की है. इस पर और विचार के लिए मंत्रालय ने समय मांगा है.

टेलीकॉम में 100 फीसदी एफडीआई

संचार मंत्रालय के दूरसंचार आयोग ने टेलीकॉम क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को मौजूदा 74 से बढ़ाकर सौ फीसद करने पर अपनी सहमति दे दी है. इसमें 49 फीसद एफडीआइ ऑटोमैटिक रूट से लाया जा सकता है. लेकिन इससे अधिक के लिए एफआइपीबी की अनुमति की आवश्यकता होगी.

100 एफडीआई से निवेश को प्रोत्साहन

आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले का विस्तृत ब्योरा जल्द ही डीआइपीपी को भेजा जाएगा. डीआइपीपी कुछ अन्य क्षेत्रों भी एफडीआइ की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रहा है. वही, इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए ले जाएगा. मौजूदा नीति में भी 49 फीसदी से अधिक की एफडीआइ के लिए एफआइपीबी की मंजूरी की आवश्यकता होती है. टेलीकॉम क्षेत्र में सौ फीसद एफडीआइ की मंजूरी मिलती है तो इस क्षेत्र में ताजा निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा.

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