बुलंदशहर की ईशु मतिल की अस्सी वर्षीय दादी शांति देवी रही आकर्षण का केन्द्र

ALLAHABAD: बुलंदशहर से चलकर अस्सी वर्ष की उम्र में ट्रिपल आईटी के दीक्षांत समारोह में जब शांति देवी पहुंची तो हर कोई उन्हें एकटक निहारता रहा। जहां पोती ईशु मतिल को मां की कमी ना अखरने पाए इसके लिए शांति देवी पोती के साथ शुक्रवार की शाम को संस्थान परिसर में पहुंच गई थी। वहीं शनिवार को समारोह शुरू होने से ईशु की सहेलियों ने उन्हें पकड़कर आगे की सीट पर बैठाया तो पोती की खुशियों में चार चांद लगाने के उनके जज्बे को सभी ने सलाम किया। इतना ही नहीं जितनी बार लोग उनके पास आकर यह पूछते थे कि अम्मा किसके साथ आई है तो वे हर व्यक्ति से यही कहती थी कि पोती की खुशी को देखने के लिए आएं हैं।

डूअल कोर्स में मिली है डिग्री

ईशु मतिल को संस्थान से पांच वर्षीय डूअल बीटेक इन इनफारमेशन टेक्नोलाजी एंड एमटेक इन इनफारमेशन टेक्नोलाजी में डिग्री प्रदान की गई है। जब समारोह के मुख्य अतिथि डॉ। आर चिदंबरम व संस्थान के निदेशक प्रो। नागभूषण ईशु को डिग्री प्रदान कर रहे तो धुंधली निगाहों से उनकी दादी तालियां बजा रही थी। यह दृश्य हर किसी के दिल को छू गया। यहीं वजह रही कि समारोह के समापन पर ईशु ने अपने साथियों के साथ दादी की खूब तस्वीरें खीची।

तो दादी बोलीं 'मैं चलूंगी तुम्हारे साथ'

उन्होंने बताया कि मां शिक्षिका थी और तीन वर्ष पहले उनका निधन हो गया। पिताजी बुलंदशहर में सब्जी मंडी में कारोबार करते हैं। चार दिनों पहले जब घर गई तो पिताजी को बताया कि शनिवार को दीक्षांत समारोह होगा जिसमें मुझे डिग्री मिलने जा रही है तब तक दादी तपाक से बोलीं मैं चलूंगी तुम्हारे साथ। फिर दादी और पोती ट्रेन से शुक्रवार को संस्थान पहुंची।